-लॉकडाउन के दौरान कर डाली 6 मल्टी लेबल पार्किंग के ठेके की प्रक्रिया पूरी
-अफसरों-नेताओं का गठजोडः एक बीजेपी नेता के कब्जे में 4 मल्टी लेबल पार्किंग
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
एक ओर जब लोग कोरोना और लॉकडाउन के चलते अपने घरों में बंद थे, दूसरी ओर अधिकारी अपने ही विभाग और जनता को करोड़ों का चूना लगाने की कार्रवाई में जुटे थे। अधिकारियों और पार्किंग माफिया की मिलीभगत का एक और सनसनीखेज कारनामा सामने आया है। मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से जुड़ा है। निगम के लाभकारी परियोजना विभाग (आरपी सेल) के अधिकारियों ने यहां की 6 मल्टी लेबल पार्किंग के ठेके अपने चहेते ठेकेदारों को रिजर्व प्राइस के आसपास दाम रखकर उठा दिए। बताया जा रहा है कि यदि यह ठेके इसी ऑक्शन के मुताबिक दे दिए गए तो दक्षिणी दिल्ली निगम को करीब साढ़े आठ करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पडे़गा। खास बात है कि इसी 31 मई को सभी 6 पार्किंग के अधिकार हस्तांतरित किए जाने हैं।
यह भी पढ़ेंः- ‘महामारी का मरकज’: 20 देश… 83 जमाती और 15,500 पेज की चार्जशीट
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इसी साल 16 मार्च को हौज खास, मुनीरका, राजौरी गार्डन, सुभाष नगर और न्यू फ्रैंड्स कालोनी की मल्टी लेबल पार्किंग के लिए एडवांस मासिक लाइसेंस फीस के आधार पर टेंडर मांगे थे। ई-ऑक्शन की प्रक्रियां पूरी करने के लिए 27 अप्रैल 2020 तक का समय दिया गया था। 13 मई को इन पार्किंग का ई-ऑक्शन किया गया है। इसके लिए कुल 7 बिडर्स ने प्रक्रिया में भाग लिया। लेकिन अधिकारियों ने 4 भागीदारों की बिड बिना कारण बताए रद्द करते हुए बाकी तीन बिडर्स को दो-दो पार्किंग साइट दे दिए। अधिकारियों ने ज्यादा बिडर्स को बोली प्रक्रिया में भाग लेने का मौका ही नहीं दिया।
यह भी पढ़ेंः- उत्तर भारत में गर्मी का कहर…. टूटा 10 साल का रिकॉर्ड
बता दें कि हौज खास, मुनीरका, राजौरी गार्डन, सुभाष नगर और न्यू फ्रैंड्स कालोनी पार्किंग के लिए 1-1 लाख रूपये और कालकाजी पार्किंग के लिए 2 लाख 71 हजार 227 रूपये प्रति महीने की रिजर्व प्राइस रखी गई थी। लेकिन अधिकारियों ने ज्यादा मासिक शुल्क की बिड भरने वालों के आवेदन रद्द कर रिजर्व प्राइस के आसपास की राशि भरने वाले ठेकेदारों को ठेके दे दिए।
यह भी पढ़ेंः- नॉर्थ डीएमसीः एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच का कारनामाः रिटायर्ड चपरासी को बनाया सलाहकार
बताया जा रहा है कि एक ठेकेदार की बिड इसलिए रद्द कर दी गई कि उसके कागजात सही मैनर में अपलोड नहीं हुए थे। जबकि दूसरे की बिड इसलिए रद्द कर दी गई कि उसने एफीडेविट को नोटरी से अटेस्ट नहीं कराया था। जबकि इन ठेकेदारों ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को रिजर्व प्राइस का तीन से चार गुना मासिक लाइसेंस शुल्क का ऑफर किया है।
यह भी पढ़ेंः- ‘मर्दानगी’ मसले पर अलका लांबा के खिलाफ एफआईआर
अधिकारियों द्वारा रद्द किए गए एक बिड पर नजरः
पार्किंग रिजर्व प्राइस ठेका दिया ऑफर की गई प्राइस
हॉज खास 1,00,000 1,30,000 3,75,000 रूपये
मुनीरका 1,00,000 1,30,000 4,00,000 रूपये
कालकाजी 2,71,227 3,25,000 5,50,000 रूपये
राजौरी गार्डन 1,00,000 1,30,000 3,50,000 रूपये
सुभाष नगर 1,00,000 1,30,000 4,00,000 रूपये
न्यू फ्रैंड्स कालोनी 1,00,000 1,30,000 3,90,000 रूपये
यह भी पढ़ेंः- ‘पाताल लोक’ पर अनुष्का के खिलाफ एफआईआर!
खुद अधिकारियों ने मंगाए डाक्यूमेंट्स और रद्द कर दी बिड
आश्चर्य की बात तो यह है कि खुद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल के राजेश कुमार (असिस्टेंट कमिश्नर) ने एक बिडर को यह जानकारी दी कि उसके द्वारा लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन भरे गए कुछ कागजात सही नहीं है। इसके बाद इस बिडर को कहा गया कि वह डाक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी एसडीएमसी के आरपी सेल के कार्यालय में जमा करा दें। यदि कागजात सही पाए गए तो ऑनलाइन ऑक्शन में हिस्सा लेने दिया जाएगा। बिडर ने कागजात जमा भी कराए, लेकिन अधिकारियों ने बिड में अन्य बिडर्स से ज्यादा मासिक शुल्क की ऑफर के बावजूद इस बिड को रद्द कर दिया।
बीजेपी नेता के हिस्से कम शुल्क वाले 4 पार्किंग
बता दें कि पिछले लंबे समय से दिल्ली बीजेपी के नेता पार्किंग माफिया के रूप में सक्रिय हैं। नगर निगम के अलग अलग पार्किंग के ठेके उठाकर निगम को चूना लगाते रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 6 मल्टी लेबल पार्किंग में से 4 पार्किंग बीजेपी के दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक पार्षद को दिये गए हैं। बीजेपी के यह नेताजी पार्षद बनने से पहले से पार्किंग माफिया के रूप में सक्रिय रहे हैं। हालांकि इन नेताजी का नाम ठेकेदार के रूप में सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है।
दांव पर आयुक्त ज्ञानेश भारती की प्रतिष्ठा
पूरे मामले को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। आयुक्त को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है। कई बिडर्स ने उनसे शिकायत की है कि पार्किंग आबंटन में बड़ा घोटाला हुआ है। अब देखना यह है कि ज्ञानेश भारती इस मामले में अपने अनुभवों का फायदा किस तरह उठाते हैं।
ऑनलाइन ऑक्शन में शामिल होने को 7 एनओसी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल के अधिकारियों ने 13 मई को जिन 6 मल्टी लेबल पार्किंग की ई-ऑक्शन की है, उसके लिए 7 एनओसी की मांग की गई थी। आरोप है कि अधिकारियों ने पार्किंग माफिया के साथ पहले ही हाथ मिला लिया था। लॉकडाउन के चलते ज्यादातर बिडर्स को निगम कार्यालयों व दूसरे विभागों से एनओसी प्राप्त करना आसान नहीं था। इसका फायदा उठाते हुए कम मासिक शुल्क पर अपने चहेतों को पार्किंग के ठेके बांट दिए गए।
पीएम कार्यालय तक पहुंची शिकायत
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल के अधिकारियों द्वारा की गई 6 मल्टी लेबल पार्किंग की ऑक्शन से जुड़ी अनियमितताओं की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने पार्किंग माफिया के साथ मिलकर कम मासिक शुल्क पर पार्किंग के ठेके दिए हैं।
5 मिनट में करोड़ों का खेल!
पीएम और निगम आयुक्त को भेजी गई शिकायत में आरपी सेल के आला अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये गए हैं। आरोप यहां तक हैं कि अधिकारियों ने 15 मिनट में ही करोड़ों का खेल कर डाला। आरोप है कि 13 मई को ई-ऑक्शन के दिन सुबह 11 बजे से सांय 5 बजे तक का समय रखा गया था। लेकिन सांय 4 बजकर 55 मिनट तक किसी बिडर ने बोली ही नहीं लगाई। बाद के पांच मिनट में तीन लोगों ने दो-दो पार्किंग के लिए बोली लगाई और तीनों को पार्किंग दे दिए गए।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष किशनवती ने कहा कि मामला हमारी जानकारी में आया है। अधिकारियों की मिलीभगत और चार ठेकेदारों को बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेने देने की शिकायत मिली है। हमने और ज्यादा जानकारी मांगी है। सबसे बड़ा सवाल है कि तीन ठेकेदारों ने भाग लिया और तीनों को दो-दो पार्किंग मिल गए। सवाल यह भी है कि इससे पहले यह पार्किंग कितनी लाइसेंस शुल्क पर थे? अधिकारियों का काम राजस्व बढ़ाना है घटाना नहीं। जब ज्यादा रेवेन्यू मिल सकता है तो फिर अधिकारियों ने कम मासिल लाइसेंस शुल्क पर पार्किंग के ठेके देकर गलत किया है।
नहीं मिल सका अधिकारियों का पक्षः
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के संबंधित अधिकारियो से 6 मल्टी लेबल पार्किंग की ई-ऑक्शन में हुए घोटाले से संबंधित जानकारी मांगी गई है। खबर लिखे जाने तक अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। यदि कोई प्रतिक्रिया प्राप्त होती है तो उसे यथासंभव स्थान देने का प्रयास किया जाएगा।