SDMC पार्किंग घोटालाः नेता लाचार… अधिकारियों ने सोंपे पजेशन लेटर्स

-टेंडर पक्रिया पर उठे सवालों के बीच नए ठेकेदारों को सोंपे गए पजेशन लेटर
-घोटाले वाले ठेकों को रद्द करने को पत्र लिखने के बाद कमिश्नर से मुलाकात
-महापौर की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल, उन्हें नहीं मालूम कब क्या हुआ!

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के हौसले कुछ ज्यादा ही बुलंद हैं। सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान टेंडर प्रक्रिया की शर्तों में बदलाव करके खास ठेकेदारों को 6 पार्किंग के ठेके देने वाले अधिकारियों ने नए ठेकेदारों को पजेशन लेटर्स भी जारी कर दिए हैं। यह हालत तो तब है जब स्थायी समिति अध्यक्ष सहित पूरे विपक्ष ने इस टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए ठेके रद्द कर दोबारा पूरी प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।

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बता दें कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लाभकारी परियोजना विभाग (आरपी सेल) के अधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान 6 पार्किंग के ठेके ऑनलाइन बोली के आधार पर किए थे। आरोप है कि इस टेंडर प्रक्रिया में आए 7 बिडर्स में से 4 बिडर्स की बिड रद्द कर दी गईं। आरोप है कि इनमें से 4 पार्किंग एक बीजेपी नेता और 2 पार्किंग दूसरे बीजेपी नेता के एक चहेते ठेकेदार को दी गई हैं।

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मामला संज्ञान में आने के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर पूरी टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दोबारा से टेडर करने और ज्यादा लोगों को इसमें भागीदारी करने की मांग की थी। लेकिन उस पत्र पर निगम आयुक्त ने कोई कार्रवाई ही नहीं की।

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इसके बाद स्थायी समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने शनिवार को निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती से मुलाकात कर टेडर प्रक्रिया में किए गए घालमेल की जानकारी दी थी। इसके साथ ही श्री गुप्ता ने निगम आयुक्त से फिर से मांग की है कि वह तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप कर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को होने वाले करोड़ों रूपये के नुकसान को बचाएं।

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महापौर की भूमिका पर सवाल
पार्किंग माफिया और अफसरों की मिलीभगत से टेंडर प्रक्रिया में बदलाव करके 6 पार्किंग के ठेके कुछ खास ठेकेदारों को दिए जाने के मामले में अब दक्षिणी दिल्ली की महापौर सुनीता कांगड़ा की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि पार्किंग के ठेकों में बीजेपी नेता का नाम आने के बाद महापौर ने चुप्पी साध ली है। एटूजैड न्यूज ने महापौर सुनीता कांगड़ा से इस मामले में उनका पक्ष मांगा तो उन्होंने इस घोटाले या फिर कोई पार्किंग ठेके दिए जाने की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। अब सवाल यह है कि नगर निगम को 6 पार्किग के ठेके दिए जाने से करोड़ों रूपये का नुकसान होने जा रहा है और महापौर चुप बैठी हैं। वह बीते तीन दिनों में भी कोई जानकारी नहीं जुटा पाई हैं। जबकि महापौर की भूमिका निगम की आमदनी बढ़ाने और कामकाज में पारदर्शिता बनाए रखने की होती है।

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डिम्टज चला रहा था सभी 6 पार्किंग
बता दें कि अब तक दक्षिणी दिल्ली के यह सभी 6 पार्किंग डिम्टज चला रहा था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सभी 6 पार्किंग के लिए डिम्टज की ओर से हर महीने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को जितना भुगतान प्राप्त होता था, अधिकारी उसमें से ज्यादातर राशि वेतन और अन्य खर्चों के रूप में डिम्टज को वापस कर देते थे। निगम को हर महीने महज डेढ़ से दो लाख रूपये की बचत ही हो रही थी। इसके बाद नए टेंडर्स के मुताबिक अब निगम को इन 6 पार्किग से करीब 8 लाख रूपये हर महीने प्राप्त होंगे।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को करीब 8 करोड़ का घाटा
सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी की वजह से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को करीब 8 करोड़ रूपये का घाटा होने जा रहा है। जिन मासिक लाइसेंस शुल्क की दरों पर यह पार्किंग दिए गए हैं, उससे कई गुना ज्यादा राशि दूसरे ठेकेदार देने को तैयार थे। लेकिन उन्हें अधिकारियों ने बोली प्रक्रिया से पहले ही बाहर कर दिया था।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
नगर निगम को हाने जा रहे करोड़ों रूपये के नुकसान पर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। एटूजैड न्यूज ने निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती सहित कई अधिकारियों से इस संबंध में उनका प़क्ष जानना चाहा। लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।