195 के पास नहीं पासपोर्ट, धार्मिक एजेंडा लेकर टूरिस्ट वीजा पर आए थे 900 विदेशी जमाती

-निजामुद्दीन के ‘महामारी के मरकज’ में आए थे 34 देशों के 900 जमाती
-विदेशी जमातियों ने वीजा में नहीं किया था धार्मिक एजेंडे का खुलासा

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने विदेशी जमातियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के विश्वभर में दस्तक के बाद निजामुद्दीन के मरकज में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 34 देशों के करीब 900 विदेशी नागरिक शामिल हुए थे। इनमें से सभी ने भारत आने के अपने धार्मिक एजेंडे को छिपाया था। यह सभी विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। जबकि वे यहां धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार इन विदेशियों ने सबसे बड़ा अपराध तो वीजा के लिए गलत जानकारी देकर किया है।

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दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया है कि धार्मिक आयोजन में आए 900 से ज्यादा विदेशी नागरिकों में से अब तक की जांच में सामने आया है कि इनमें से 195 विदेशियों के पास तो पासपोर्ट व दूसरे दस्तावेज हैं ही नहीं। दिल्ली पुलिस इस बात को लेकर भी जांच में जुटी है कि यह लाग बिना पासपोर्ट व वीजा के भारत कैसे आ गए? दिल्ली पुलिस इससे संबंधित खुलासा आगे के आरोप पत्र में करेगी। आशंका जताई जा रही है कि ये जमाती गैरकानूनी तरीके से भारत में रह रहे थे।

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मरकज में नौ हजार से ज्यादा लोग थे शामिल
दिल्ली पुलिस द्वारा कोर्ट में दिए गए आरोप पत्र में कहा गया है कि अप्रैल में जिस समय मरकज में बड़ी तादात में लोगों के होने की सूचना मिली, उस समय वहां नौ हजार से ज्यादा लोग थे। इनमें से बड़ी संख्या में लोग कोविड-19 की जांच में पॉजिटिव पाए गए। पुलिस का कहना है कि जिस समय ये विदेशी नागरिक धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए भारत आ रहे थे, उस समय उनके देशों में कोरोना ने दस्तक दे दी थी। बावजूद इसके उन्होंने अपनी जान के साथ ही भारत के नागरिकों की जान भी खतरे में डाली।

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खतरे में नहीं डाल सकते कैदियों की जान
पुलिस सूत्रों का कहना है कि विदेशी नागरिकों में बड़ी संख्या में आरोपी कोरोना पॉजिटिव हैं। कई जगहों पर इन्हें क्वारंटाइन किया गया है। लेकिन इन्हें जेल में पहुंचाकर जेल में पहले से बंद कैदियों की जिंदगी को खतरे में नहीं डाला जा सकता। जब तक कि इन विदेशी नागरिकों का उपचार पूरा न हो जाए। जब तक इन सभी की कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए, तब तक इन्हें क्वारंटाइन सेंटर पर ही रखा जाएगा।

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मौलाना अब भी लापता
दिल्ली पुलिस ने 31 मार्च को निजामुद्दीन थाना प्रमुख की शिकायत पर तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कंधालवी सहित सात लोगों के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। उसके बाद इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक जमात के नेता मौलाना साद सामने नहीं आया है।

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हो सकती है आठ साल की सजा
विदेशी नागरिकों पर जो आरोप लगे हैं, इनके साबित होने की स्थिति में इन्हें कम से कम छह महीने और अधिकतम आठ साल तक की जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके अलावा कानून में अलग-अलग जुर्माना किए जाने का भी प्रावधान है।

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रद्द किए गए वीजा
केंद्र सरकार ने मामला सामने आने के बाद सभी आरोपी विदेशी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिये हैं। इसके साथ ही इन सभी लोगों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है।
22 को विदेश जाने से रोका
गया एयरपोर्ट पर म्यांमार के 22 नागरिकों को भारत छोड़ कर जाने से रोक दिया गया है। बुधवार को म्यांमार के 100 लोग कोलकाता से अपने देश जाने के लिए गया एयरपोर्ट पहुंचे थे। इनमें से 22 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पहले से लुकआउट नोटिस जारी कर रखा था। इसलिए 22 यात्रियों को रोक दिया गया है। ऐसी चर्चा है कि यह 22 लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं।