NORTH DMC: आयुष विभाग में घोटाला… पुराने निदेशक पर फोड़ा ठीकरा

-कुछ अधिकारियों की गुटबाजी को मजबूत करने के लिए चली शिकायत की चाल
-आयुष विभाग के अधिकारी ने ही की दवाईयों की खरीदारी की शिकायत

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक ओर अधिकारियों की मनमानी जोरों पर है, दूसरी ओर अपनी मनमानी को सही ठहराने के लिए तरह तरह की पेंतरेबाजी जारी है। ताजा मामला आयुष विभाग से जुड़ा है। फिलहाल इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हटाए गए पूर्व निदेशक के सिर पर ठीकरा फोड़ दिया गया है।

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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पूर्व आयुक्त वर्षा जोशी ने आयुष विभाग के निदेशक चंद्रकेतु को उनके पद से हटाकर एक महिला अधिकारी को निदेशक पद की जिम्मेदारी दे दी गई थी। आश्चर्य की बात है कि आयुष विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहीं अतिरिक्त आयुक्त रश्मि सिंह या फिर खुद तत्कालीन आयुक्त वर्षा जोशी की ओर से इसके लिए कोई कारण नहीं बताया गया था। खास बात है कि इससे पहले कभी रिटायरमेंट से पहले इस विभाग के निदेशक को नहीं बदला गया था।

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डॉ चंद्रकेतु को पद से हटाने की यह कार्रवाई लॉकडाउन के दौरान आयुष के सभी अस्पताल और डिस्पेंसरीज बंद होने के समय की गई थी। इसके जब विभाग में बिना कारण की गई इस कार्रवाई को लेकर आवाजें उठने लगीं और राजनीतिक दबाव भी पड़ने लगा तो अधिकारियों ने जिम्मेदारी से बचने का नया फार्मूला निकाल लिया।

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सूत्रों का कहना है कि आयुष विभाग के डॉ अशोक गर्ग के नाम से दवाईयों की खरीदारी को लेकर एक शिकायत कराई गई। अतिरिक्त आयुक्त रश्मि सिंह ने इसकी जांच कराई और नई अधिकारी से उस पर जवाब लेकर पुराने अधिकारी के खिलाफ मामला बनवा कर फिलहाल फाइल बंद कर दी है।

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बंदरबांट के लिए किया गया कारनामा
सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत कर दवाईयों की खरीद में बंदरबांट के लिए विभाग के पुराने निदेशक का ट्रांसफर करा दिया था। दवाईयों की जिस खरीदारी की शिकायत की गई और बाद में फाइल को बंद कर दिया गया, उसकी पूरी प्रक्रिया पर उसी अधिकारी के दस्तखत हैं, जिसे पुराने निदेशक की कुर्सी थमाई गई है। सूत्र बताते हैं कि निगम के आयुष विभाग में दवाईयों का अकाल पड़ा हुआ है। जल्दी बी बड़ी खरीदारी की जानी है। इसलिए विभाग के कुछ अधिकारियों ने मिलकर गठजोड़ कर लिया है।

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अधिकारियों की चुप्पी
खास बात है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में चल रही धांधलियों की बाढ़ पर कोई भी अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के संबंधित अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी गई, लेकिन वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।