दिल्ली दंगेः ताहिर, इशरत, खालिद के खिलाफ यूएपीए का शिकंजा

-बढ़ीं हत्या आरोपी आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की मुश्किलें
-पूर्व कांग्रेसी पार्षद इशरत जहां और खालिद सैफी यूएपीए में गिरफ्तार

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
सियासतदानों की वजह से इस साल फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली मजहबी दंगों की भेंट चढ़ गई थी। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा मामलों में कार्रवाई तेज कर दी है। जैसे जैसे दिल्ली पुलिस दिल्ली दंगों के मामले की छानबीन आगे बढ़ा रही है। वैसे वैसे दंगों के नए राज सामने आ रहे हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में केवल आम आदमी पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता भी शामिल थे।
पुलिस ने आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा लगा दी है। ताहिर के अलावा दिल्ली दंगों के मामले में कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां और पार्टी कार्यकर्ता खालिद सैफी को भी इन्हीं धाराओं में गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के एक आला अधिकारी के मुताबिक सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगों में शामिल होना), 149 (गैर-कानूनी रूप से इकट्ठा होना या लोगों को इकट्ठा करना), 186 (सरकारी अधिकारी के काम में बाधा डालने), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करने), 332 (जानबूझ कर सरकारी कर्मचारी को नुकसान पहुंचाने), 307 (हत्या का प्रयास), 149 (गलत नीयत से उकसाने), 34 (अपराध को अंजाम देने के लिए लोगों के साथ इकट्ठा होने) और आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। जांच के दौरान कई बातें सामने आने के बाद में इनके खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) को भी एफआईआर में जोड़ दिया गया है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक आला अधिकारी के मुताबिक ताहिर हुसैन पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की खिलाफत के नाम पर धरना-प्रदर्शन के दौरान दंगा भड़काने का आरोप लगा है। पुलिस ने इसी मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां और कार्यकर्ता खालिद सैफी को भी गिरफ्तार किया है।
ताहिर हुसैन को खजूरी खास में रहने वाले इंटेलिजेंस ब्यूरो ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों पर राजद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, विभिन्न समूहों के बीच धर्म के आधार पर नफरत फैलाने और दंगा भड़काने से संबंधित धाराएं लगाई जा चुकी हैं।
खास लोगों की सोची समझी साजिश थे दंगे
दिल्ली पुलिस ने इनके खिलाफ दायर एफआईआर में कहा है कि दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे पूरी तरह से सोची-समझी साजिश के तहत भड़काए गए थे। बताया जा रहा है कि दंगा भड़काने के लिए पहले ही कुछ स्थान चिन्हित कर लिए गए थे। ऐसे इलाकों में एक खास मजहब के लोगों के घरों में दंगा भड़काने का सामान कई दिन पहले से ही पहुंचा दिया गया था। इसके पीछे पूर्व जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद और अन्य दो लोगों का दिमाग है।
खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए थे। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय लोगों से अपने घरों से निकलकर सड़कें ब्लॉक करने के लिए भड़काया था। उसने अपने खास मजहब के लोगों को यह कहकर दंगों के लिए भड़काया था कि इससे दुनियाभर में यह संदेश जाएगा कि भारत में मुस्लिमों को सताया जा रहा है।
मारकाट की पहले से थी पूरी तैयारी
इन दंगाईयों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक दहशतगर्दों ने कई घरों में षडयंत्र के तहत पहले से पिस्तौल, पेट्रोल बम, तेजाब से भरी बोतलें और पत्थर जमा कराए थे। दंगा भड़काने के लिए पहले से ही एक खास मजहब के विशेष लोगों की ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों को चिन्हित कर लिया गया था। इन बिल्डिंगों और इनकी छतों पर लोगों के घरों में आग लगाने और लोगों पर जानलेवा हमने करने का सामान पहुंचा दिया गया था। पेट्रोल बम फेंक कर लोगों और उनके घरों को आग के हवाले करने के लिए विशेष प्रकार की गिलोल बनाकर पहले से ही स्थापित कर दी गई थीं।
दंगों के मामले में एक और आरोपी दानिश को मारकाट मचाने के लिए दो अलग-अलग जगहों से लोगों को बुलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। दंगाईयों ने पहले ही महिलाओं और बच्चों को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे 23 मार्च को रोड ब्लॉक करने में लगा दिया था। अगले दिन जब कुछ लोगों ने सीएए के समर्थन में जुलूस निकाला तो पूरे इलाके में दंगा भड़का दिया गया। उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में करीब 5 दर्जन लोगों की जान चली गई थी। जबकि 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
आग के हवाले करने के लिए मकान-दुकानें चिन्हित
उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़काने से पहले ही ऐसे मकानों और दुकानों को चिन्हित कर लिया गया था, जिन्हें दंगों के दौरान आग के हवाले किया जाना था। सीएए के विरोध के नाम पर जैसे ही इलाके में दंगे भड़काए गए, पहले से तैयार दंगाई अपने हाथों में अवैध हथियार, पेट्रोल बम, धारदार हथियार और अन्य जानलेवा हथियार लेकर सड़कों पर निकल पड़े थे। देखते ही देखते उत्तरपूर्वी दिल्ली के चिन्हित किए गए इलाकों को श्मशान बना दिया गया। चुन-चुन कर मकानों को आग के हवाले किया गया। दुकानों में आग लगाई गई और उन पर काम करने वालों को बहशीपन के साथ हाथ-पैर और शरीर काटकर आग के हवाले कर दिए गए। सड़कों पर खड़े और आने-जाने वाले वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।
क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में जामिया के छात्र
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के दो छात्रों मीरान हैदर और सफूर जरगर को भी उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश रचने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया हुआ है। इन दोनों के खिलाफ भी यूएपीए की धाराएं लगाई गई हैं। जरगर जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर है जबकि हैदर इसी कमेटी का सदस्य है।