तबलीगी मौलाना के फार्म हाउस पर दिल्ली पुलिस का छापा

-यूपी पुलिस ने मौलाना की तलाश में किया 5 टीमों का गठन
-प्रवर्तन निदेशालय ने भी कसना शुरू किया मौलाना पर शिकंजा

टीमम एटूजैड/ शामली-नई दिल्ली
निजामुद्दीन स्थिति ‘महामारी के मरकज’ के मौलाना पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा और कस गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरूवार को साद कंधालवी के फार्म हाउस पर छापेमारी की है। मौलाना पर निजामुद्दीन मरकज में लॉकडाउन के दौरान कायदे-कानूनों की धज्जियां उड़ाने का आरोप है। यह फार्म हाउस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली में स्थित है और मौलाना कांधला का मूल निवासी है।
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर पुलिस की टीम ने पर्सनल प्रोटेक्शन किट पहनी हुई थी। दिल्ली पुलिस की टीम के साथ एसओ कांधला कर्मवीर िंसंह भी मौजूद रहे। क्राइम ब्रांच ने छापेमारी की जगह पर पहुंचते ही फार्म हाउस के गेट बंद करा दिए। मौलाना के फार्म हाउस में छापेमारी और तलाशी की कार्रवाई करीब डेढ़ घंटे तक चली। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली वापस लौट गई।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुवार की सुबह साद के फार्म हाउस पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस मौलाना के फार्म हाउस से मरकज और इससे जुड़े लेनदेन व दूसरे तथ्यों की खोज कर रही है। जमात के मरकज से 5 कम्प्यूटर भी अब तक गायब हैं। माना जा रहा है कि यदि यह कम्प्यूटर पुलिस को मिल जाते हैं तो उनकी हार्ड डिस्क से बहुत से राज खुल सकते हैं। ‘महामारी के मरकज’ के मौलाना साद पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी अपना शिकंजा कस दिया है। तबलीगी जमात से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने भी मौलाना साद और मरकज से जुड़े कई अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच जमात के बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इनमें देश-विदेश के 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इसी दौरान देश और दिल्ली में कोरोना की महामारी तेजी से बढ़ती गई तो केंद्र और दिल्ली सरकार ने कोरोना को काबू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। पहले 50 और बाद में इससे भी कम लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसके बावजूद करीब 2000 लोग मजकज में रूके हुए थे।
खास बात है कि मौलाना ने लोगों को प्रतिबंधों के बावजूद मरकज में आने और यहां रूकने के लिए उकसाया था। हालांकि हजारों की संख्या में देसी-विदेशी मौलाना यहां से अपने घरों को लौट गए थे। मौलाना साद पर इस आयोजन में शामिल लोगों को कोरोना पर गुमराह करने और लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप है। अब तक मरकज से जुड़े 4000 से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि की जा चुकी है।
जमात में शामिल होकर वापस अपने घर पहुंचे लोगों में से कई की मौत हो चुकी है। इसके चलते निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज को ‘महामारी का मरकज’ भी कहा जाने लगा है। इस मामले में मौलाना साद के खिलाफ पुलिस ने अन्य धाराओं के साथ ही हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम बांच अब तक दो बार उसे नोटिस जारी कर चुकी है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मौलाना साद की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें गठित की हैं। उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमातियों के चलते कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। अब तक मिले 1473 पॉजिटिव केस में 1004 जमाती हैं। कई जमाती अभी भी जांच के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। बीते दिनों आजमगढ़-कानपुर में पुलिस और जौनपुर में डीएम ने जमातियों पर इनाम भी घोषित किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस को भी मौलाना साद की भी तलाश है।
यूपी में अब तक 1400 से ज्यादा जमातियों की धरपकड़
‘महामारी के मरकज’ का मामला सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश जारी किया है कि वह जामातियों को ढूंढकर तुरंत क्वारंटाइन करें। मरकज में कोरोना संक्रमण का खुलासा होने के बाद केंद्र सरकार ने देशभर में 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना के 16 हॉटस्पॉट चिन्हित किए थे। यह वो इलाके हैं जहां संक्रमण का सामुदायिक फैलाव (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) हो सकता है। उत्तर प्रदेश में अब तक 1400 से ज्यादा जमातियों की धरपकड़ की जा चुकी है। इनमें से बहुत से क्वारंटाइन में हैं या इलाज करवा रहे हैं। जबकि बहुत से जमातियों को जेल भेजा जा चुका है। इनमें 355 से ज्यादा विदेशी जमाती भी शामिल हैं। इन सभी जमातियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और इनके वीजा रद्द कर दिए गये हैं।
जमातियों से 22 राज्यों में संक्रमण का खतरा
निजामुद्दीन के मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच मजहबी जलसे आयोजित किए गए थे। इनमें शामिल हुए लोगों से बड़े पैमाने पर देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस फैला है। ‘महामारी के मरकज’ से कोरोना संक्रमण में उत्तर प्रदेश सहित 22 राज्य आ गए हैं। इनमें तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, आंध्र प्रदेश, श्रीनगर, दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मेघालय, मणिपुर, बिहार, केरल और छत्तीसगढ़ आदि शामिल हैं।