-ई-लाइब्रेरी प्रकोष्ठ ने आयोजित किया सदस्यता अभियान
-प्रदेश भाजपा कार्यालय में ली लोगों ने पार्टी की सदस्यता
टीम एटूजैड/नई दिल्ली
विभिन्न कंपनियों और संस्थानों में कार्यरत शीर्ष अधिकारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। दिल्ली प्रदेश ई-लाईब्रेरी प्रकोष्ठ द्वारा प्रदेश कार्यालय में संगठन पर्व सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में प्रोफेशनलस, इंजीनियर, डॉक्टर, अधिवक्ताओं, विश्व विद्यालयों के प्रोफेसर, बैंकों के अधिकारी, मल्टीनेशनल कम्पनियों के सीईओ, मानवाधिकार के लिये काम करने वाले व कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खत्म किये जाने पर पार्टी की प्रारंभिक सदस्यता प्राप्त की।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने लोगों को भाजपा का पटका पहनाकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता लेने वाले सभी लोगों का अभिनन्दन किया। इस मौके पर प्रदेश मंत्री सतेन्द्र सिंह, मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा, केन्द्रीय कार्यालय लाईब्रेरी के डॉ. अशिवानन्द अचारी, लाईब्रेरी व ट्रेनिंग डाक्यूमेन्टेशन के सह संयोजक सुनील पाण्डेय एवं रितु शर्मा उपस्थित थी। ई-ग्रंथालय प्रकल्प की प्रदेश संयोजक डाॅ. शोभा विजेन्द्र ने कार्यक्रम का संचालन किया।
सदस्यता अभियान के तहत जम्मू कश्मीर से प्रोफेसर शैफाली शर्मा, सुधेन गुप्ता, अनीता अग्रवाल, स्टार्ट अप कम्पनी के चेयरमैन अकाश अत्री, एफएमसीजी कम्पनी के अध्यक्ष नवीन गुप्ता, बौद्धिक सम्पदा अधिकार के विधि परिषद् के सदस्य निशांत शर्मा, डॉ. मनोज यादव, डॉ. किरन अग्रवाल सहित सैकड़ो की संख्या में प्रोफेशनलस भाजपा परिवार में सम्मिलित हुये।
इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि भारत माता की जय के उद्घोष के साथ आज जम्मू कश्मीर से बड़ी संख्या में आये लोग, प्रोफेशनलस, इंजीनियर, डॉक्टर, अधिवक्ता, विश्व विद्यालयों के प्रोफेसर, बैंकों के अधिकारी, मल्टीनेशनल कम्पनियों के सीईओ, मानवाधिकार के लिये काम करने वाले लोग भाजपा में सम्मिलित हुये, यह सभी मुझे प्रेरणा देते हैं। देश के लिए सिरदर्द बनी अनुच्छेद 370 जिसने दानव का रूप ले लिया था जिसका दमन करने में आज तक किसी भी पार्टी या विचारधारा ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई उस राक्षस का अंत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा से किया है। यह धारा किसने लगाई, कैसे लगी, यह सभी जानते हैं, लेकिन यह धारा देश को तोड़ने में लगी थी जिसे हटाकर ऐतिहासिक निर्णय क्षमता केन्द्र सरकार ने दिखाई है।