नॉर्थ डीएमसीः अधिकारी बेलगाम… महापौर लाचार

-मेयर अवतार सिंह के आदेश को दरकिनार कर निकालीं ‘पी एंड आई’ में भर्ती!
-वर्तमान निदेशक के चहेते ‘पी एंड आई’ कर्मचारी ने की थी महापौर के पत्र की ड्राफ्टिंग
-मनमानीः फटेहाल निगम को करनी पड़ रही एक अधिकारी के बदले तीन कर्मियों की भर्ती

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर आए कुछ अधिकारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। ज्यादातर बड़े पदों को कब्जाने के बाद अब ये अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। यहां तक इन अधिकारियों के सामने महापौर से लेकर दूसरे नेताओं की बोलती बंद हो गई है। निगम के हालात इतने खराब हैं कि महापौर के पत्र लिखने के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने महापौर के आदेश को दरकिनार करते हुए उत्तरी दिल्ली निगम के पब्लिसिटी एंड इनफॉर्मेशन (पी एंड आई) विभाग में तीन लोगों की भर्ती का विज्ञापन निकाल दिया। अधिकारियों की इस हरकत की जानकारी मिलने के बाद निगम के नेताओं में इन अधिकारियों के प्रति नाराजगी और ज्यादा बढती़ जा रही है।

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बता दें कि पिछले दिनों पूर्व निगम आयुक्त वर्षा जोशी ने पब्लिसिटी एंड इनफॉर्मेशन विभाग के तत्कालीन निदेशक का ट्रांसफर करते हुए केशवपुरम जोन की उपायुक्त इरा सिंघल को नया निदेशक बना दिया था। इसके बाद विभाग का काम नहीं संभाल पाने के चलते निगम अधिकारियों ने तीन नए लोगों को भर्ती करने का विज्ञापन जारी कर दिया था।

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गौरतलब है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम पिछले लंबे समय से आर्थिक परेशानी में है। पिछले दिनों महापौर अवतार सिंह ने निगम के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर हिदायत दी थी कि अभी निगम के पुराने कर्मचारियों को ही तीन महीने का वेतन नहीं दिया जा सका है। ऐसे में अधिकारी निगम की आमदनी बढ़ाने पर जोर दें। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी थी कि वह पब्लिसिटी एंड इनफॉर्मेशन विभाग में अभी कोई नई भर्ती नहीं करें। लेकिन ‘लॉबिंग गुट’ में शामिल अधिकारियों ने महापौर को मजबूर मानते हुए तीन नए लोगों की भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया।
डायरेक्टर के खास ने की थी महापौर के पत्र की ड्राफ्टिंग
खास बात है कि महापौर की ओर से पब्लिसिटी एंड इनफॉर्मेशन डिपार्टमेंट में नई भर्ती नहीं किए जाने के संबंध में जो पत्र लिखा गया था, उसकी ड्राफ्टिंग इसी विभाग के एक कर्मी ने की थी। वही कर्मचारी वर्तमान में निदेशक (पी एंड आई) का चहेता बना हुआ है। इस कर्मर्चारी के हेंडराइटिंग में ड्राफ्ट किए गए उस पत्र की प्रतिलिपि एटूजैड न्यूज के पास मौजूद है। अपने ही विभाग के खिलाफ महापौर के पत्र की ड्राफ्टिंग करने वाले इस कर्मी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
अपनों को भर्ती करने की चाह… मुश्किल बनी राह
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि संबंधित निगम अधिकारी आर्थिक मुश्किल के इन हालातों में भी अपनों को निगम की नौकरी में सेट करने में जुटे हैं। तीन पोस्ट के लिए जो विज्ञापन दिया गया है, उसमें दिए यूआरएल के जरिए आसानी से काई भी व्यक्ति संबंधित पोस्ट से संबंधित जानकारी तक नहीं पहुंच सकता। क्योंकि विज्ञापन में कोई सीधा लिंक नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कम से कम आवेदन आएं और अपनों को सेट करने का मौका मिल सके। निगम को कवर करने वाले कई पत्रकारों ने भी इसके लिए कोशिश की है।
नहीं छूट रहा पूर्व आयुक्त का मोह
उत्तरी दिल्ली में तैनात ‘लॉबिंग गुट’ के अधिकारी उन कामों में जुटे हैं जो या तो उन्हें नहीं करने चाहिए या फिर बाद में भी किये जा सकते हैं। निगम को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने सहित उन कामों पर ध्यान नहीं है जो उन्हें तुरंत करने चाहिए। इन अधिकारियों का मोह पूर्व आयुक्त वर्षा जोशी से अब भी नहीं छूट पा रहा है। जबकि वर्षा जोशी को पिछले 14 मई को उपराज्यपाल ने एक आदेश जारी करते हुए आयुक्त के पद से हटा दिया था।

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इसके साथ ही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती को उत्तरी दिल्ली की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई थी। श्री भारती ने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है। लेकिन अधिकारियों ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की साइट पर अब भी वर्षा जोशी को ही आयुक्त घोषित कर रखा है। उनका फोटो सहित संदेश अब भी निगम की साइट पर चल रहा है। जबकि नियमानुसार वर्षा जोशी के आयुक्त पद से हटते ही उनका फोटो और संदेश निगम की साइट से उतर जाना चाहिए था।

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अधिकारियों के सामने मजबूर हैं बीजेपी नेताः आप

आम आदमी पार्टी प्रवक्ता हरीश अवस्थी

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हरीश अवस्थी ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की लापरवाही की वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम की हालत दयनीय हो गई है। कर्मचारियों को तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में यदि महापौर की बात निगम अधिकारी नहीं मान रहे तो इसमें बीजेपी की कमजोरी ही साबित होती है। यदि बीजेपी नेता कमजोर नहीं हैं तो वह तुरंत इस तरह की मनमानी करने वाले अधिकारियों को हटाकर दिखाएं। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा और कमजोरी क्या होगी कि बीजेपी नेता खुद मानते हैं कि अधिकारी उनकी बात नहीं मान रहे। लेकिन वह इन बेलगाम अधिकारियों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।