देने को नहीं सेलरी… बीजेपी मेयर ने मांगी थी एसयूवी

-बयानः मेयर हाउस के कागज नहीं देखे तो गाड़ी के कागज भी नहीं देखे
-कहा, मीडिया कहे कि कपड़े मत पहनो तो मैं कपड़े पहनना नहीं छोड़ूंगा
-प्रदेश भाजपा की फटकार के बाद मेयर ने छोड़ी ‘बिल्डर वाली गाड़ी’

टीम एटूजेड/नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर अवतार सिंह ने बुधवार को बिल्डर वाली गाड़ी की सवारी छोड़ दी। लेकिन उन्होंने बचकाना बयान जरूर दिया। अवतार सिंह ने कहा कि मैंने जिस तरह मेरे लिए मेयर हाउस के आलटमेंट के समय उसके कागज नहीं देखे थे, इसी तरह जब नगर निगम ने मुझे गाड़ी दी थी तो उसके कागजात भी नहीं देखे थे। हालांकि प्रदेश भाजपा नेताओं की फटकार के बाद मेयर अवतार सिंह अपनी पुरानी सियाज गाड़ी में ही सवारी करके निगम मुख्यालय पहुंचे और बिल्डर वाली गाड़ी को उन्होंने छोड़ दिया। उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि मैंने अभी गाड़ी के कागज नहीं देखे हैं कि वह किसके नाम पर है, लेकिन मीडिया कहे कि मैं कपड़े पहनना छोड़ दूं तो मैं कपड़े पहनना नहीं छोड़ सकता। बता दें कि महापौर के पास दो गाड़ियां होती हैं। मेयर ने जब बिल्डर कंपनी की गाड़ी ली थी तो इसके बदले में उन्होंने अपनी एक गाड़ी वापस कर दी थी। उत्तरी दिल्ली के वर्तमान मेयर ने नगर निगम से एसयूवी गाड़ी की मांग ऐसे हालातों में की थी, जब निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं हैं। आश्चर्य की बात यह है कि नगर निगम ने पहले ही मेयर को दो गाड़ियां उपलब्ध करा रखी थीं। इसके बावजूद एसयूवी गाड़ी की मांग की गई।
मेयर ने लिखित में मांगी थी बिल्डर वाली गाड़ी!
बिल्डर वाली गाड़ी की सवारी को लेकर महापौर अवतार सिंह पूरी तरह से फंस चुके हैं। उनके बयानों को लेकर भाजपा की खूब किरकिरी हो रही है। मेयर ने एक बार फिर कहा कि निगम के अधिकारियों ने मुझे यह गाड़ी दी है, मुझे इसके बारे में नहीं मालूम था कि यह कहां से आई है। यहां तक कि मीडिया में खबरें आने के बाद भी उन्होंने गाड़ी के असली मालिक के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। जबकि निगम आयुक्त वर्षा जोशी ने दावा किया है कि महापौर अवतार सिंह ने खुद इसी गाड़ी की मांग की थी कि उनकी सवारियों के बेड़े में खास इसी एसयूवी (सीआरवी) को शामिल किया जाए। बता दें कि अवतार सिंह ने महापौर बनने के बाद निगम अधिकारियों से लिखित में मांग की थी कि उन्हें सवारी के रूप में सियाज की जहग एसयूवी गाड़ी मुहैया कराई जाए। इसके बाद संबंधित निगम अधिकारियों ने यह सीआरवी गाड़ी उनकी सवारी में शामिल की थी। जबकि इससे पहले किसी भी महापौर को इस तरह की गाड़ी निगम की ओर से नहीं दी गई।
पैसे की तंगहाली… और… एसयूवी की सवारी

महापौर को पहले से मिली हुई सियाज कार

उत्तरी दिल्ली नगर निगम लंबे समय से पैसे की तंगहाली झेल रहा है। उसके पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए वेतन के पैसे नहीं हैं। वेतन रूक जाने की वजह से डेंगू-मलेरिया की जांच करने वाले डीबीसी कर्मियों ने हड़ताल पर जानी की धमकी दे रखी है। हाल ही में सफाई कर्मियों ने भी धरना प्रदर्शन किया था। निगम की ऐसी दयनीय आर्थिक स्थिति होने के बावजूद मेयर अवतार सिंह ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने निगम अधिकारियों से लिखित में अपने लिए एसयूवी गाड़ी की मांग की थी। विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है कि यदि बिल्डरों से मेयर की मिलीभगत नहीं थी तो उन्होंने आर्थिक रूप से तंगहाल निगम से अपने लिए एसयूवी गाड़ी की मांग क्यों की?
प्रदेश भाजपा की फटकार… मेयर ने छोड़ी कार
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से फटकार लगाए जाने के बाद उत्तरी दिल्ली के मेयर अवतार सिंह ने बिल्डर वाली गाड़ी बुधवार को छोड़ दी। मेयर अपनी पुरानी सियास कार से ही निगम मुख्यालय पहुंचे। हालांकि उन्होंने दावा किया कि एसयूवी में कुछ तकनीकी खराबी थी इसलिए वह आज उसे नहीं लाए, लेकिन जैसे ही वह ठीक हो जाएगी तो फिर से उसी गाड़ी की सवारी करेंगे।
सामने आया चाल, चरित्र और चेहरा
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हरीश अवस्थी ने कहा कि मेयर के द्वारा बिल्डर की गाड़ी का इस्तेमाल किए जाने से साफ जाहिर है कि निगम में कितने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। इससे भाजपा का चाल, चिरत्र और चेहरा सामने आ गया है। कोई भी बिल्डर अपनी गाड़ी ऐसे ही किसी मेयर को नहीं दे सकता। इससे साफ जाहिर है कि निगम के भाजपा नेता बिल्डर माफिया को फायदा पहुंचा रहे हैं। जो निगम पैसे की बदहाली झेल रहा है उसके नेता एसयूवी गाड़ियों की मांग करते हैं, इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। एक ओर भारतीय जनता पार्टी केजरीवाल सरकार के जनहित के कामों पर सवाल उठाती है, दूसरी ओर उनके नेता नगर निगम को लूटकर खा रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली के मेयर ने नहीं ली थी गाड़ी
उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह जहां बिल्डर से मिली गाड़ी को लेकर चर्चा में हैं। वहीं पूर्वी दिल्ली के पूर्व मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने निगम की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से अपनी सरकारी गाड़ी और ड्राईवर को वापस कर दिया था।
मेयर और कमिश्नर आमने-सामने
मेयर अवतार सिंह ने कहा है कि उन्हें निगम के अधिकारियों ने यह गाड़ी अलॉट की थी। लेकिन कमिश्नर वर्षा जोशी ने कहा है कि मेयर अवतार सिंह ने लिखित में एसयूवी गाड़ी की मांग के साथ पर्टिकुलर इसी गाड़ी की मांग की थी। कमिश्नर के बयान के बाद मेयर ने कहा कि अधिकारी यदि ऐसा कह रहे हैं तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं?
नहीं दिए जांच के आदेश
आम आदमी पार्टी ने मेयर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आप प्रवक्ता अरीश अवस्थी ने कहा कि यदि मेयर पाक-साफ हैं तो उन्होंने इस गाड़ी के आलॉटमेंट की जांच के आदेश क्यों नहीं दिए। इससे साफ जाहिर होता है कि मिलीभगत केवल गाड़ी के लिए ही नहीं की गई बल्कि इसके पीछे कुछ और भी बड़ा भ्रष्टाचार छिपा है।