करोड़ों की ठगी में जालसाज संपथ गिरफ्तार

‘अर्थातुराणां न सुखं न निद्रा, कामातुराणां न भयं न लज्जा’

-दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जालसाज संपथ को भेजा जेल
-संसद में वरिष्ठ अधिकारी बताकर की दर्जनों लोगों से करोड़ों की ठगी
-ठगी के पैसों से साथियों सहित दिल्ली में जी रहा था ऐश की जिंदगी
-अखबार के नाम पर दिल्ली से चला रहा था काला कारोबार

टीम एटूजैड/नई दिल्ली
खुद को बड़ा सरकारी अधिकारी बताकर पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी का लाइसेंस दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगने वाले को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान संपथ कुमार सूरप्पगारि के रूप में हुई है। वह मूल रूप से हैदराबाद के मेडचल जिले के नारापल्ली में लाइब्रेरी कॉलोनी का रहने वाला है और दिल्ली के करोल बाग, पीतमपुरा और नोएडा से ‘प्रयुक्ति’ नाम से एक अखबार निकाला करता है। शातिर संपथ कुमार ने हैदराबाद से दिल्ली तक अपना जालसाजी का कारोबार फैला रखा था। फिलहाल अखबार तो बंद हो गया है और यह व्यक्ति सलाखों के पीछे है।
‘अर्थातुराणां न सुखं न निद्रा, कामातुराणां न भयं न लज्जा’

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की गिरफ्त में संपथ

संस्कृत का यह श्लोक इस नटवरलाल के चरित्र पर पूरी तरह फिट बैठता है। पैसे की भूख में इस शातिर ने निद्रा, भय और लाज को भी ताक पर रख दिया। संपथ कुमार पहले से ही शातिर दिमाग रहा है। भेड़ की खाल में छिपे इस भेड़िये ने दर्जनों लोगों के साथ करोड़ों रूपये की धोखेबाजी, जालसाजी और बेईमानी की है। काम नहीं होने पर जब पीड़ितों ने इससे अपने पैसे वापस मांगे तो जान से मारने की धमकी दे डाली। किसी के साथ पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर तो किसी को गैस एजेंसी दिलाने के नाम पर यह शातिर जालसाज करोड़ों का चूना लगाकर ऐश की जिंदगी जीता रहा। इस शातिर जालसाज ने एक मंदिर को सरकारी अनुदान दिलाने के नाम पर भी करोड़ों रूपये ठग लिए। इतना ही नहीं नौकरी दिलाने और सरकारी एजेंसियों से प्लाट व जमीन दिलाने के नाम भी करोड़ों की ठगी कर चुका है।
डीसीपी डॉ. जी राम गोपाल नाइक ने मुताबिक मई 2017 में तेलंगाना के महबूबनगर निवासी मालीपदी संदीप से स्थानीय निवासी के रामास्वामी मिला। रामास्वामी ने बताया कि उसका भतीजा संपथ कुमार सूरप्पगारि दिल्ली में बड़ा अधिकारी है और भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप और भारत गैस के लिए लाइसेंस दिला सकता है।
एक करोड़ 80 लाख में किया सौदा:

एक मामले में कोर्ट रूम के बाहर खड़ा संपथ

एक करोड़ 80 लाख रुपये में दोनों के लाइसेंस मिलने की बात कही। उसने कहा कि लाइसेंस के आवेदन के लिए दिल्ली जाना होगा। सुरप्पागारी ने संदीप के लिए फ्लाइट की टिकट बुक कराई। आठ जून को दिल्ली आने पर उसने संदीप से कहा कि वह उसके खाते में एक करोड़ 40 लाख रुपये जमा करा दे। 40 लाख रुपये जुलाई 2017 में नकद देने होंगे। आश्वासन दिया कि पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के दो लाइसेंस अगस्त 2017 तक मिल जाएंगे। पैसे मिलने के बाद उन्होंने संदीप को कई जाली पत्र दिए। नवंबर 2018 के बाद दोनों ने फोन उठाना बंद कर दिया।
जान से मरवाने की दी थी धमकीः
आरोपित के परिवार पर दबाव बना तो उसने संदीप को चेक दिए, लेकिन वे बाउंस हो गए। इसके बाद सुरप्पागारी ने धमकी दी कि अगर पुलिस से शिकायत की तो वह अपने निजी गार्ड से उसकी हत्या करा देगा। ठगे जाने पर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत की। संपथ कुमार सुरप्पागारी पहले भी ठगी के तीन मामलों में जेल जा चुका है और तीनों मामलों में वह जमानत पर था, लेकिन इस मामले में उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद एसीपी अरविंद चौहान की देखरेख में टीम बनाई गई। इंस्पेक्टर दिनेश कुमार के नेतृत्व में एएसआइ सतेंद्र कुमार, नजीर हुसैन, हेड कांस्टेबल दिनेश और कांस्टेबल नितेश राठी की टीम ने दिल्ली के महिपालपुर के एक होटल से उसे पकड़ लिया।