दिल्ली वालों को बिजली के बाद अब पानी मुफ्त

-केजरीवाल सरकार ने की बकाया बिल माफ करने की घोषणा
-दिल्ली वालों पर पानी का है 4 हजार करोड़ रूपये बकाया

शक्ति राठौर/ नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वालों को बड़ी सौगात दी है। दिल्ली वालों को अब बिजली के बाद पानी भी मुफ्त मिलेगा। केजरीवाल ने 27 अगस्त को दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को बकाया बिल पर बड़ी सौगात देते हुए अब तक का सारा बकाया बिल माफ करने की घोषणा की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह जल बोर्ड के रिकॉर्ड को साफ करने के लिए बकाया राशि माफ करने की योजना की घोषणा कर रहे हैं। इनमें से कुछ बकाया उपभोक्ताओं के कारण है, लेकिन कुछ गलत बिलिंग के कारण भी हैं।
अरविंद केजरीवाल कहा कि दिल्ली के लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने और पानी के मीटर लगाने का खुला निमंत्रण है। उन्होंने कहा कि वो उपभोक्ता जिन्होंने 30 नवंबर से पहले मीटर लगाए हैं, उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलेगा। जानकारी के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं पर कुल 2500 करोड़ और कमर्शियल उपभोक्ताओं पर 1500 करोड़ रूपये का बकाया है। अरविंद केजरीवाल का दावा है कि इस स्कीम से सरकार को 600 करोड़ रूपये का फायदा होगा।
कालोनी की कैटेगरी के हिसाब से माफी
केजरीवाल सरकार की योजना के तहत 31 मार्च तक का लेट पेमेंट सरचार्ज पूरी तरह से माफ होगा। लेकिन मूल बिल पर कॉलोनी की कैटेगिरी के हिसाब से छूट मिलेगी।
दिल्ली में कॉलोनियों को ए से एच तक कुल 8 कैटेगिरी में बांटा गया है। इस योजना से कुल 23.73 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इस योजना से 13.5 लाख लोगों को फायदा होगा।
कुछ इस तरह से मिलेगा छूट का लाभ
ए और बी कैटेगिरी की कालोनी वालों को सरचार्ज में माफी के साथ मूल बिल में 25 फीसदी की छूट मिलेगी।
सी कैटेगरी की कालोनी वालों को सरचार्ज में माफी के साथ मूल बिल में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
डी कैटेगरी की कालोनी वालों को सरचार्ज में माफी के साथ मूल बिल में 75 फीसदी की छूट मिलेगी।
ई, एफ, जी और एच कैटेगरी की कालोनी वालों को सरचार्ज की माफी के साथ मूल बिल में 100 फीसदी की छूट मिलेगी।
कमर्शियल कनेक्शन वालों को केवल लेट सरचार्ज में माफी मिलेगी। मूल बिल पूरा जमर कराना होगा। मूल बिल को 3 किश्त में जमा कराने की छूट मिलेगी। हालांकि यह फायदा तभी मिलेगा जब मीटर फंक्शनल हो। अगर मीटर नही है तो 30 नवंबर 2019 तक मीटर लगवा लगवाना होगा। सभी बिलों पर यह माफी योजना 31 मार्च 2019 तक के बिलों पर ही लागू होगी।
दिल्ली जल बोर्ड के रेवेन्यू में हुई 50 फीसदी की बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी थी, तो उस वक्त लोग पानी के बिलों से बहुत परेशान थे। हमने आते ही 20 हजार, लीटर प्रति परिवार, प्रति महीना हमने फ्री किया। आज मुझे खुशी है कि जैसे हमें सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में मिलती है, वैसे ही सबसे सस्ता पानी भी दिल्ली के अंदर मिलता है। हमारी सरकार आने के पहले पानी के बिल बहुत ज्यादा आते थे, पानी के रेट भी बहुत ज्यादा थे, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड का रेवेन्यू लगातार नीचे जा रहा था। साल 2012-13 में बिल से कलेक्ट होने वाला रेवेन्यू 1519 करोड़ रुपये था, ये घटकर 2014-15 में 1219 करोड़ रुपये रह गया। दो साल में दिल्ली जल बोर्ड का रेवेन्यू 20 फीसदी कम हो गया। साल 2014-15 में 1219 करोड़ रुपये का रेवेन्यू था, वो 2018-19 में बढ़कर 1819 करोड़ रुपये हो गया। पिछले पांच साल के अंदर दिल्ली जल बोर्ड के रेवेन्यू में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
नये कनेक्शन में हुआ 25 फीसदी का इजाफा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड के नये कनेक्शन 1 अप्रैल, 2015 को 19 लाख थे ये बढ़कर 1 अगस्त 2019 तक 23 लाख 73 हजार हो गये। इसमें पिछले पांच साल में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। जब हम सरकार में आए थे, उस समय पानी के 3.5 लाख अनमीटर्ड कनेक्शन थे जो अब घटकर 1.5 लाख रह गये हैं। बहुत सारे लोगों ने मीटर लगवाएं हैं।
93 फीसदी कॉलोनियों में पहुंची पानी की पाइप लाइन
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2015 में जब हम सरकार में आए तब पानी के क्षेत्र में दिल्ली की स्थिति बेहद खराब थी। लोगों के घरों में पानी के बिल तो आया करते थे परंतु पानी नहीं आता था। मात्र 58 फीसदी कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन थी, बाकी लगभग आधी दिल्ली में टैंकरों के द्वारा पानी आता था। यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात थी कि आजादी के 70 साल बाद भी लगभग आधी दिल्ली में टैंकरों के द्वारा पानी जाता था। पिछले 5साल में हमने पानी के क्षेत्र में बहुत काम किया है। आज दिल्ली की लगभग 93ः कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है और लोगों के घरों में टोंटी से पानी पहुंच रहा है। मात्र 7 फीसदी कॉलोनियां रह गई हैं, उनमें भी पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है और जल्द ही उन सभी कालोनियों के हर घर में टोंटी से पानी पहुंचने लगेगा। द्वारका, बवाना जैसे इलाकों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट वर्षों से बनकर तैयार थे। इन प्लांट्स में हरियाणा की मुनक नहर के द्वारा पानी आना था। परंतु हरियाणा सरकार ने पानी नहीं दिया। हमने इस बाबत कोर्ट में केस दायर किया और अंततः जीत हुई। हरियाणा सरकार को पानी देना पड़ा। इस प्रकार हमने इन बंद पड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स को शुरू करवाया। पिछले 5साल में दिल्ली में पानी के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़े स्तर पर बदलाव हुए हैं।
टैंकर माफिया को खत्म किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पानी की पूर्ति के लिए लगभग 1200 एमजीडी पानी की आवश्यकता है। 1996 में 680 एमजीडी पानी का उत्पादन होता था। 2006 में सोनिया विहार प्लांट के जरिए 140 एमजीडी अतिरिक्त पानी का उत्पादन होने लगा। अर्थात 10 सालों में मात्र 140एमजीडी अतिरिक्त पानी की बढ़ोतरी हुई। जब हमने दिल्ली की सत्ता संभाली उस समय मात्र 820 एमजीडी पानी का ही उत्पादन दिल्ली में हो पा रहा था। मात्र 5 साल में हमारी सरकार ने लगभग 125 एमजीडी अतिरिक्त पानी का उत्पादन बढ़ाया है। आज दिल्ली में लगभग 940 एमजीडी पानी का उत्पादन हो रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीटमेंट के दौरान बहुत सा पानी व्यर्थ होता था। हमने उस व्यर्थ पानी को दोबारा उपयोगी बनाने का काम शुरू किया। इससे भी पानी की मात्रा में बढ़ोतरी हुई। तीसरी सबसे बड़ी समस्या जो हमारे सामने थी, वह यह थी कि दिल्ली में बहुत बड़े स्तर पर पानी की पाइप लाइनों में लीकेज की समस्या। बहुत बड़े स्तर पर पानी चोरी किया जाता था। लगभग आधी दिल्ली में टैंकर माफिया का राज चलता था। टैंकरों के जरिए पानी बेचने का कारोबार चलता था। हमने इस समस्या को आकर खत्म किया। हमने टैंकर माफिया का राज खत्म किया। आज दिल्ली में टैंकर माफिया का राज खत्म हुआ है, क्योंकि इन टैंकर माफियाओं को पहले राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। दिल्ली में मौजूदा सरकार के किसी भी मंत्री, विधायक, नेता का टैंकर नहीं चलता है।
पानी के लीकेज को पता लगाने के लिए लगा रहे फ्लो मीटर
दिल्ली में पानी के लीकेज की समस्या के निवारण के लिए हमने बहुत बड़े स्तर पर काम किया। मेरे खुद के द्वारा कराये गए एक सर्वेक्षण में पता चला कि हमारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जो 900एमजीडी पानी छोड़ा गया, वह प्राइमरी यूजीआर में मात्र 600 एमजीडी ही पहुंचा, तथा सेकेंडरी यूजीआर तक पहुंचते-पहुंचते वह मात्र 400एमजीडी रह गया। यानी 500 एमजीडी पानी का नुकसान हुआ। इस समस्या के निवारण के लिए हम पूरी दिल्ली में 3000 फ्लोमीटर लगा रहे हैं। यह फ्लो मीटर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के आउटपुट पर लग रहे हैं। जितने हमारे प्राइमरी यूजीआर हैं उन सभी के इनपुट और आउटपुट पर फ्लो मीटर लग रहे हैं और जितने हमारे सेकेंडरी यूजीआर हैं उन सभी के इनपुट और आउटपुट पर भी ये लग रहे हैं। इसके अलावा रास्ते में जो टैपिंग्स हैं, ये अलग-अलग समय पर अलग-अलग नेताओं ने अपनी विधानसभा के लिए पाइपलाइन पर टैपिंग डाल ली, कोई होल करके अपने एरिया में पानी ले गया। इन सारी टैपिंग्स पर भी हमने फ्लो मीटर लगाया है। अभी सारे फ्लो मीटर लग रहे हैं, अगले 6-7 महीने के अंदर हमें बहुत इंट्रेस्टिंग फीगर्स मिलेंगे। लेकिन हमारे 8 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स के प्राइमरी यूजीआर तक जो फ्लो मीटर लग चुके हैं, उसमें 30 फीसदी लीकेज का पता लग चुका है। सारी टैपिंग्स मिल गयी है। उन पर जो फ्लो मीटर लगे हैं, उनसे पता लग गया है कि किस टैपिंग्स से कितना पानी निकल रहा है। इस हमें पता चल रहा है कि कितना पानी दिल्ली में लीक हो रहा था। इस तरह से चोरी से निकलने वाले पानी को हम सिस्टम में लेकर आएंगे। यूजीआर के जरिये लोगों तक हम इस पानी को पहुंचाएंगे।
हमारी योजना दिल्ली को 24 घंटे साफ पानी देना
हमारी योजना दिल्ली को 24 घंटे पानी देना है। हम पूरी दिल्ली में पानी की पाइप लाइन बिछा रहे हैं। लेकिन बहुत से इलाकों में एक घंटे पानी आता है, दो घंटे पानी आता है। दिल्ली देश की राजधानी है। विदेश के किसी भी राजधानी में आप चले जाएं वहां आपको टोंटी में 24 घंटे साफ पानी मिलता है। हम चाहते हैं कि 24 घंटे साफ पानी हर घर को दे सकें। इस यात्रा में आज हम जहां तक पहुंचे हैं, उसके आधार पर हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि अगले पांच में 24 घंटे, अच्छे प्रेशर से और साफ पानी हम दे सकेंगे। इसके लिए पानी का प्रोडक्शन बढ़ाना पड़ेगा, जिसको लेकर काफी काम किया जा रहा है। यमुना के अंदर हम लोग एक प्रोजेक्ट कर रहे हैं, जिसमें हम यमुना के फ्लडप्लेंस के अंदर पानी को रिचार्ज कर रहे हैं, उससे पानी मिलेगा। दिल्ली के अंदर लगभग 250 वाटर बॉडीज को रिचार्ज किया जा रहा है। छह नई बड़ी-बड़ी आर्टिफीशियल लेक्स बनाई जा रही हैं। नौ लेक्स हमें डीडीए से मिली हैं। लगभग 15 नई बड़ी-बड़ी लेक्स बनेंगी। इससे बड़े स्तर पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज होगा, जिससे हमको पानी मिल सकेगा। इसके अलावा हम 200 एमजीडी के और एक्स्ट्रा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स बना रहे हैं। इन सबसे हमें उम्मीद है कि हम 30 से 40 फीसदी पानी के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी कर पाएंगे।