जेएनयू में शुरू हुई बदलाव की बयार

-छात्रावासों में आने-जाने पर लागू होगी पाबंदी
-धरना-प्रदर्शन पर लगेगी रोक, नहीं होगा घेराव

टीम एटूजेड/नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बदलाव की बयार शुरू हो गई है। जेएनयू प्रशासन ने छात्रावासों के लिए नई नियावली तैयार की है। इसके मसौदे के अनुसार रात 11 बजे के बाद कोई भी छात्र छात्रावास से बाहर नहीं रह सकेगा। साथ ही पुस्तकालय बंद होने के आंधे घंटे के बाद छात्रों को वापस छात्रावास में आना होगा।
जेएनयू के लिए तैयार किए जा रहे प्रस्तावित नियमों के तहत अगर कोई छात्र देर तक छात्रावास से बाहर रहना चाहता है, या फिर रात भर बाहर रहना चाहता है तो इसके लिए उसे संबंधित वॉडर्न को लिखित में सूचित करना होगा। कोई भी अतिथि (गेस्ट) किसी भी छात्र के छात्रावास में रात 10ः30 बजे के बाद नहीं ठहर सकेगा। ऐसा न होने पर छात्र पर तीन से 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने के साथ ही छात्रावास खाली करने का आदेश भी दिया जा सकता है।
धरना प्रदर्शन होगा दंडनीयः
जेएनयू में धरना-प्रदर्शन भी दंडनीय होगा। छात्रावास के नए प्रस्तावित नियमों के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में रह रहे किसी भी प्रतिनिधि के घर का घेराव या धरना देना दंडनीय होगा। जेएनयू प्रशासन ने इस नियमावली के प्रस्ताव पर 18 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं। इसके बाद नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। बता दें कि 2005 के बाद से नियमों में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।
छात्रों से मांगे गए सुझावः
जेएनयू प्रशासन ने नए नियमों को लागूु करने की तैयारी कर ली है। इससे पहले प्रशासनिक अधिकारी छात्रसंघ छात्रों के साथ बैठक कर रहे हैं। जेएनयू में छात्रावास के नए नियमों को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि नए प्रस्ताव के संबंध में सभी छात्रावासों के प्रतिनिधियों से फीडबैक मांगा गया है। छात्रों के विचार सुनने के बाद छात्रसंघ को रिपोर्ट सोंपी जाएगी।
लंबे समय से उठ रही बदलाव की मांगः
जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों के सामने आने के बाद से विश्वविद्यालय के नियमों बदलाव की मांग उठ रही है। कन्हैया कुमार प्रकरण के बाद से जेएनयू को बंद किए जाने की मांग ने भी जोर पकड़ा है। इसके बाद से जेएनयू प्रशासन ने अब विश्वविद्यालय में होने वाली अनधिकृत गतिविधियों पर लगाम लगाने पर काम करना शुरू कर दिया है।