लॉकडाउन खुलते ही उमड़ेंगी मधुशाला!

-शौकीनों के लिए राहतः पहले के मुकाबले सस्ता होगा सुरापान
-यूपी में दुकानों में पड़ा है एक हजार करोड़ से ज्यादा का स्टॉक

टीम एटूजैड/ लखनऊ-नई दिल्ली
कहावत है ‘सब्र का फल मीठा होता है’। अंगूर की बेटी के कद्रदानों के लिए लॉकडाउन के दौरान का सब्र हौसलादायक साबित होने वाला है। सरकार ने सोमरस की बूंद-बूंद के लिए तरसे हालाप्रेमियों के लिए लॉकडाउन के बाद सुरा की सरिता बहाने का इंतजाम किया है। जीहां लॉकडाउन खत्‍म होने के साथ ही मधुशालाओं में शराब और बीयर के दामों में गिरावट आने वाली है। लेकिन फिलहाल लोगों को यह सुविधा सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मिलेगी। आबकारी विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि लॉकडाउन खत्‍म होने के साथ ही प्रदेश में शराब और बीयर की बिक्री शुरू कर दी जाए। अन्य राज्य सरकारें भी इस रास्ते पर चल पड़ी हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार से दुकानें खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन 3 मई तक जारी लॉकडाउन के खुलने से पहले शराब की दुकानें खोलने की छूट अभी नहीं दी गई है। बता दें कि शराब की दुकानें शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं होती हैं। माना जा रहा है कि अब राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा कि वह आगे क्या कदम उठाती हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग ने लाइसेंसधारकों को दुकानों में जमा स्‍टॉक को लॉकडाउन खुलने के साथ ही एक सप्‍ताह में खत्‍म करने का आदेश जारी किया है। फिलहाल बंद दुकानों में शराब और बीयर का स्‍टॉक भरा पड़ा है। एक सप्‍ताह में पुराने स्‍टॉक को खत्‍म करने के लिए दुकानदारों को दामों में कमी करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया तो एक सप्ताह के बाद दुकानदारों को पुराना स्टॉक नष्ट करना होगा। लॉकडाउन खुलने के 24 घंटे के अंदर थोक व खुदरा दुकानदारों को अपने पुराने स्टॉक की जानकारी आबकारी विभाग को देनी होगी।
राज्य सरकार ने देशी-विदेशी शराब व बीयर के व्यापारियों को राहत देने के लिए यह आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह कदम लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही पिछले महीनरे अचानक शराब की दुकानें बंद किए जाने से फुटकर व थोक लाइसेंसधारकों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए उठाया है।
उत्तर प्रदेश में देसी शराब की खुदरा दुकानों की संख्या 12467 है। इनमें से कुछ के लाइसेंस नवीनीकृत हो चुके हैं और कुछ होने बाकी हैं। इन दुकानों में 7 लाख 36 हजार 830 पेटी देसी शराब का स्टॉक बचा हुआ है। इस शराब का अनुमानित मूल्य करीब 215.20 करोड़ रूपये है। वहीं देसी शराब के थोक विक्रेताओं के यहां करीब 2 लाख 49 हजार 954 पेटी देसी शराब का स्टाक बचा हुआ है। इसका अनुमानित मूल्य करीब 215 करोड़ रुपये है। अंग्रेजी शराब और बीयर की फुटकर दुकानों और माडल शाप्स पर करीब 9 लाख 60 हजार 036 पेटी अंग्रेजी शराब और बीयर का स्टॉक बचा है।
आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से देशी व विदेशी शराब व बीयर की बिक्री प्रभावित हुई है। लॉकडाउन की वजह से दुकानदार लाइसेंस आवंटन की तय शर्तों को पूरा नहीं कर पाए हैं। अतः खुदरा और थोक दुकानदारों की समस्या का निराकरण किया जा रहा है।
बार व मॉडल शॉप्स को एक पखवाड़े का समय
यूपी सरकार ने लॉकडाउन खुलने के बाद अपना पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए मॉडल शॉप्स, बार और क्लबों के संचालकों को एक पखवाड़े का समय दिया है। खास बात है कि लॉकडाउन खुलने के 24 घंटे के अंदर सभी मॉडल शॉप्स, क्लबों और बार संचालकों को अपने स्टॉक की जानकारी आबकारी विभाग को देनी होगी।
लॉकडाउन में चोरी छिपे हुई बिकी
दुकानों में जमा शराब के स्‍टॉक को लेकर सरकारी आंकड़ों में वास्‍तविक स्थिति से कुछ अंतर हो सकता है। क्‍योंकि लॉकडाउन के दौरान मुंहमांगी कीमत पर चोरी-छिपे जमकर शराब की बिक्री हुई है। यूपी के लखनऊ, आगरा सहित कई शहरों में दुकानों और बार से शराब की बिक्री की खबरें आई थीं। आबकारी विभाग ने दुकानों के रिकॉर्ड का मिलान मार्च में किया था। उसके बाद लॉकडाउन को एक महीना बीत चुका है। इस बीच 700-800 रुपये कीमत वाली अंग्रेजी शराब की बोतलें 2500 से तीन हजार रुपये में चोरी-छिपे बेचे जाने की खबरें आई हैं। हालांकि लॉकडाउन के बाद दुकानों पर टूटने वाली भीड़ को संभालने को लेकर भी दुकानदारों को चिंता हो रही है।