कथा ही नहीं कहते, टैंट भी लगाते हैं ‘महाराज’

-बाड़मेर के जसोल अग्निकांड की घटना की जांच में हुआ खुलासा
-रामकथा के दौरान डाम गिरने से 15 की मौत, 70 से ज्यादा घायल

टीम एटूजैड / बाड़मेर
कथावाचक मुरलीधर महाराज केवल राम कथा ही नहीं सुनाते, वह टैंट लगाने का कारोबार भी करते हैं। उन्हीं के जंग लगे ढांचे से खड़े किए गए पंडाल में आग लगने और करंट फैलने की वजह से राजस्थान के बाड़मेर के जसोल कस्बे में राम कथा के दौरान भगदड़, आग लगने और करंट फैलने की वजह से 15 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह सनसनीखेज खुलासा इस अग्निकांड की जांच के दौरान हुआ है।
भट्टियाणी मंदिर ट्रस्ट के व्यवस्थापक जेठू सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों के मुताबिक मुरलीधर महाराज ने ही डोम लगवाया था। महाराज के अस्सिटेंट इसे सोनिया टेंट जोधपुर का बताते हैं। जबकि टेंट लगाने वाले रामकिशोर शर्मा ने बताया कि डोम महाराज का अपना है। यही डोम महाराज ने जोधपुर में भी लगवाया था। तब वह कथा 10 से 18 अप्रैल तक जोधपुर के गांधी मैदान में हुई थी। जांच के दौरान सामने आया कि डोम में अर्थिंग नहीं की गई थी। इससे बिजली का करंट पूरे पांडाल में फैल गया।
डोम की फाउंडेशन प्लेटों में लगने वाली फिक्सिंग रॉड भी नाम मात्र की लगाई गई थीं। आयोजन के लिए अवैध बिजली कनेक्शन ले रखा था। बिजली के लिए जनरेटर लगाए गए थे, लेकिन मास्टर सर्किट नहीं लगाया गया। इससे हादसे के समय बिजली कट नहीं हुई और अधिक जनहानि हुई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों को 5-5 लाख और घायलों को 2 लाख रु. तक की आर्थिक मदद का ऐलान किया। डीएम हिमांशु गुप्ता ने बताया कि पंडाल में एक हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे, जिनमें ज्यादातर बुजुर्ग थे। माना जा रहा है कि ज्यादातर लोगों की मौत पंडाल में करंट फैलने से हुई।