-प्रोफेशनल टेक्स लगाने व संपत्ति कर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली: 8 दिसम्बर, 2022।
दिल्ली नगर निगम के चुनाव के नतीजों के साथ ही निगम में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। लेकिन आम आदमी पार्टी के निगम की कमान संभालने से पहले ही दिल्ली वालों के ऊपर नए करों का भार डालने की तैयारी हो गई है। गुरुवार को निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने स्टैंडिंग कमेटी के सामने आगामी वित्त वर्ष के लिए दिल्ली नगर निगम का बजट पेश कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि आयुक्त ने अपने बजट में प्रोफेशनल टेक्स जैसे कई नए टेक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही संपत्ति कर सहित कई कारों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी रखा गया है। बताया जा रहा है कि बजट स्पीच में ज्ञानेश भारती ने जमकर अपनी पीठ थपथपाई है। इसके साथ ही बजट प्रस्तावों में किसी भी नई और बड़ी परियोजना का प्रस्ताव नहीं है।
सियासी हस्तक्षेप नहीं होने से हो सकती है मुश्किल:
बता दें कि वर्तमान समय में नगर निगम का कामकाज स्पेशल ऑफिसर की देखरेख में निगम आयुक्त द्वारा चलाया जा रहा है। इस समय निगम के कामकाज में कोई सियासी हस्तक्षेप नहीं है। बजट प्रस्तावों को निगम आयुक्त ने पेश कर दिया है और उनके मातहत अधिकारियों ने इस पर कोई विरोध नहीं जताना है। अतः निगम आयुक्त द्वारा लाये गए बजट को ज्यों का त्यों पास किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में दिल्ली वालों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
पहले भी लाये जाते रहे इस तरह के प्रस्ताव:
निगम आयुक्त पूर्ववर्ती तीनों नगर निगमों का कार्यभार संभालते रहे हैं। अब वह पूरी दिल्ली के निगम का कार्यभार संभाल रहे हैं । नगर निगम अब भी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इसलिए उनकी मजबूरी है कि वह निगम की आय बढ़ाकर इसका समाधान निकालें। खास बात है कि इससे पहले भी वो अपने बजट प्रस्तावों में इस तरह के प्रस्ताव लाते रहे हैं। लेकिन तब राजनीतिक हस्तक्षेपों की वजह से करों में बढ़ोतरी के ऐसे प्रस्ताव बाद में वापस ले लिए जाते रहे हैं।
मीडिया से दूर रखी जानकारी
गौरतलब है कि निगम आयुक्त के द्वारा बजट पेश किए जाने की जानकारी को मीडिया से पूरी तरह से दूर रखा गया है। जब निगम के प्रेस एंड इनफार्मेशन डायरेक्टर अमित कुमार से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए कहा कि ‘इसकी जानकारी किसी के साथ साझा नहीं कि जा सकती’। उन्होंने कहा कि ‘ ये सही है कि आज निगम आयुक्त ने बजट प्रसत्वों को पेश किया है।’
हालांकि सवाल ये उठता है कि जब दूसरे मामलों में आचार संहिता समाप्त हो गई है तो केवल नगर निगम के बजट से संबंधित सूचना के बारे में यह कैसे लागू है?