तबलीगी जमात…मरकज…हवाला और टेरर फंडिंग?

-मरकज को हवाला फंडिंग की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच
-2005 से सऊदी व दूसरे देशों से हवाला की आशंका

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
आतंकी संगठनों के साथ संबंधों के आरोप के बाद क्राइम ब्रांच ने निजामुद्दीन के मरकज मामले में हवाला के जरिए फंडिंग से जुड़ी जांच शुरू कर दी है। ऐजेंसियों की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे तबलीगी जमात के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली है कि मरकज में हवाला के जरिए फंडिंग हो रही थी। हालांकि पुलिस के पास अभी पुख्ता साक्ष्य तो हाथ नहीं लगे हैं, लेकिन जांच जारी है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि मामला क्या है। क्राइम ब्रांच जानना चाहती है कि कहीं जमात के नाम पर टेरर फंडिंग तो नहीं की जा रही थी।
सूत्रों का कहना है कि फंडिंग का पैसा सऊदी अरब अमीरात के अलावा अन्य कई देशों से हवाला के जरिए आ रहा था। मरकज में यह काला कारोबार साल 2005 के बाद शुरू हुआ था। ये ही कारण है कि क्राइम ब्रांच ने अपने पहले नोटिस में मौलाना साद से मरकज की फंडिंग में बारे में पूछा था। जांच एजेंसी ने मरकज से जुड़ी बैंक की सारी डिटेल्स मांगी थीं। क्राइम ब्रांच ने मरकज की पिछले 3 साल की इनकम टैक्स की डिटेल, पैन कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट की डिटेल और बैंक स्टेटमेंट की डिटेल मांगी है। एक जनवरी 2019 से अब तक मरकज में हुए सभी धार्मिक आयोजन और उस दौरान हुए खर्चे का ब्योरा भी मांगा गया है। लेकिन अब क्राइम ब्रांच ने मरकज के हवाला कनेक्शन की भी जांच भी शुरू कर दी है।
बुधवार को क्राइम ब्रांच की टीम एक बार फिर मरकज के अंदर पहुंची। एक बार फिर से पूरे मरकज की बिल्डिंग की तलाशी ली गई। क्राइम ब्रांच की टीम करीब 3 घंटे तक मरकज की बिल्डिंग में रही। टीम ने आसपास के लोगों से बात की। दरअसल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की टीम को मरकज का कूड़ा साफ करना था। इसलिए क्राइम ब्रांच एक बार फिर यह सुनिश्चित कर लेना चाहती थी कि कोई सबुत नष्ट नहीं हो जाए। इसके बाद एसडीएमसी को सफाई करने की अनुमति दे दी गई।
दरअसल मरकज में पूरे साल विदेशी लोगों का आना-जाना लगा रहता था। इसलिए पुलिस की नजर यहां हमेशा बनी रहती थी। लेकिन दिल्ली पुलिस और दूसरी खुफिया एजेंसियों से बड़ी चूक हो गई है। मरकज की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हजारों की संख्या में लोग कई देशों से आते थे। मरकज भवन के गेट और स्थानी पुलिस थाने के गेट की दूरी महज मीटर की है। इसलिए ज्यादातर समय तबलीगी जमात के दरवाजे पर पुलिस की मौजूदगी रहती थी। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस की इतनी बड़ी चूक पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि खास बात तो ये है कि पूरे मामले की जानकारी पुलिस के बड़े अधिकारियों को भी थी। इसके बावजूद पुलिस के सामने ही जमाती अपनी मर्जी से दूसरे राज्यों में जाते रहे। होली के मौके पर ही यह बात साफ हो गई थी कि कहीं भी भीड़ नही होनी चाहिए। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। जबकि उस समय मरकज में हज़ारों की संख्या में जमाती मौजूद थे।
साक्ष्यों के लिए कराई वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी
मरकज में छापेमारी के दौरान क्राइम ब्रांच ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई है। इस दौरान मरकज में रखे दस्तावेजों की जांच की गई है और मौके से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि अभी पुलिस केवल उन लोगों के बारे में पता लगाकर सूची तैयार कर रही है, जो एक मार्च से 28 मार्च तक तबलीगी मरकज में ठहरे थे या उनके संपर्क में आए थे। इसके लिए पुलिस ने दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के अलावा एफआरआरओ, मरकज के प्रबंधन से जुड़े लोगों, जिलाधिकारी, एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजकर डेटा मांगा है।
क्वारंटाइन के नाम पर नहीं दिया जवाब
बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने यह छापेमारी इसलिए कि है क्योंकि तबलीगी जमात के मरकज में हुई लापरवाही उजागर होने के बाद से अंडरग्राउंड चल रहे मुख्य आरोपी मौलाना साद क्वारंटाइन में होने की बात कहकर सवालों का जवाब देने से बच रहा है। क्राइम ब्रांच के नोटिस पर उसने लिखित में कहा कि मैं सेल्फ क्वारंटाइन में हूं। आइसोलेशन से निकलने के बाद सारे सवालों के जवाब दूंगा। मौलाना साद ने यह भी कहा है कि मरकज सील है और सारे दस्तावेज वहीं रखे हैं। जब मरकज खुलेगा तभी इन सवालों के के जवाब दिए जा सकेंगे।
मौलाना साद से मांगे 26 सवालों के जवाब
देश में सबसे बड़े स्तर पर कोरोना वायरस फैलाने के लिए निजामुद्दीन का तबलीगी जमात का मरकज जिम्मेदार है। यह मरकज देश में कोरोना वायरस के सबसे बड़े हॉटस्पॉट के रूप में बनकर उभरा है। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में हुई बडी लापरवाही के मुख्य आरोपी मौलाना साद और प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों से क्राइम ब्रांच ने सवाल पूछे हैं। मौलाना साद के नाम से जारी नोटिस में क्राइम ब्रांच ने 26 सवालों के जवाब मांगे हैं। इस नोटिस में संगठन के पंजीकरण से लेकर उससे जुड़ी कई गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां मांगी गई हैं।
मौलाना साद से अभी पूछताछ नहीं
निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में बड़े स्तर पर कोरोना वायरस फैलाने की साजिश की आशंका सामने आई है। कोरोना को लेकर बरती गई बडी लापरवाही का खुलासा होने के बाद मरकज के मुखिया मौलाना साद को नामदज किया गया है। मामला गंभीर होने के बाद से मौलाना साद सहित प्रबंधन से जुड़े ज्यादातर लोग दिल्ली में ही अपने-अपने घरों में होम क्वारंटाइन में चले गए हैं। क्राइम ब्रांच ने कहा है कि क्योंकि क्वारंटाइन जरूरी है इसलिए आइसोलेशन का समय पूरा होने से पहले मौलाना से पूछताछ नहीं की जा सकती।
जाकिर नगर में मौजूद है मौलाना साद
क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि मौलाना साद दिल्ली के जाकिर नगर में स्थित अपने घर में क्वारांटाइन है। उसके साथ अभी पूछताछ नहीं की जा सकती। क्योंकि, जमात से जुड़े ज्यादातर लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसकी वजह से आशंका है कि मौलाना साद भी कोरोना की चपेट में आ गया होगा। इसलिए एहतियातन क्राइम ब्रांच अभी मौलाना साद के क्वारनटीन अवधि के पूरा होने का इंतजार कर रही है।
मरकज में नहीं सीसीटीवी कैमरे
क्राइम ब्रांच एक अधिकारी ने बताया कि तबलीगी जमात के मरकज में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवाए गए हैं। खास बात यह है कि मरकज के बाहर लगे सभी सीसीटीवी कैमरे बंद पाए गए है। इसलिए पुलिस के द्वारा मरकज के आसपास के इलाकों में लगे दूसरे कुछ सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।
क्राइम ब्रांच ने की 11 लोगों से पूछताछ
क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी ने अब तक मरकज से जुड़े जमात के 11 लोगों से पूछताछ की है। उनके जरिए कुछ तथ्यों का पता लगाने का प्रयास किया गया है। मरकज में मिले दस्तावेजों से जुड़ी जानकारी के बारे में पूछताछ की गई है। मरकज में आने वाले लोगों की एंट्री के काम से जुड़े कर्मियों का ब्योरा भी लिया गया है। दरअसल पुलिस को शक है कि एंट्री से जुड़े कुछ दस्तावेज गायब हैं।
एफआईआर में साद सहित सात लोग
दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज से जुड़ी साजिश की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में मौलाना साद सहित कुल सात लोगों को शामिल किया गया है। यह एफआईआर हजरत निजामुद्दीन पुलिस थाने के एसएचओ मुकेश वालिया की शिकायत पर दर्ज की गई है। एफआईआर में मौलाना साद, डॉक्टर जीशान, मुफ़्ती शहजाद, मोहम्मद अशरफ, मुर्सलीन सैफ़ी, यूनिस और मोहम्मद सलमान के नाम शामिल किए गए हैं।