एमपी कांग्रेस में सनसनी… सिंधिया-कमल के बीच तनातनी

-सिंधिया ने दी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
-कमलनाथ बोले जो करना है कर लीजिए

टीम एटूजैड/ भोपाल
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही विवाद शुरू हो गया था। लेकिन अब पार्टी के नेताओं के बीच की तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की तल्खी अब सड़कों तक आ गई है। सिंधिया ने कमलनाथ को सड़क पर उतर का विरोध की चेतावनी दी है। दूसरी ओर सीएम कमलनाथ ने भी उन्हें जो चाहें करने की चुनौती दे दी है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 14 फरवरी शुक्रवार को राज्य में पैदा हुई स्थिति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से राज्य सरकार पर किए गए ताजा सियासी हमले को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। शुक्रवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शनिवार को पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुस्से में यहां तक कहा दिया कि सिंधिया सरकार के विरोध में सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं।
बता दें कि हाल ही में एमपी के टीकमगढ़ जिले में एक सभा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी की सरकार को धमकी देते हुए अतिथि शिक्षकों से कहा था कि यदि आपकी मांग पार्टी के घोषणा पत्र में अंकित है और यदि यह मांग प्रदेश सरकार ने नहीं मानी तो वह खुद उनके साथ सड़क पर उतर कर सरकार का विरोध करेंगे। सिंधिया ने कहा कि मैंने चुनाव के पहले भी अतिथि शिक्षकों की मांग सुनी थी। मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।
सब्र रखने की दी सलाह
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा था कि यदि घोषणापत्र का एक-एक अंश पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना। आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा। कांग्रेस की सरकार अभी बनी है, एक साल हुआ है। थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं कि हमारी बारी आएगी। यदि बारी न आए तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं ही बनूंगा।
सीएम नहीं बनाए जाने से नाखुश सिंधिया!
राज्य में 15 सालों के वनवास के बाद बड़ी मुश्किल से कांग्रेस की सरकार बन पाई है। कांग्रेस को चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसकी वजह से समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कुछ निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस ने सरकार बना ली थी। तब पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री भी बनाया गया था। जबकि पार्टी के बीच एक धड़ा चाहता था कि सरकार की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को सोंपी जाए। इसके बाद से ही लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-अलग मुद्दों को लेकर कमलनाथ सरकार पर हमला करते आ रहे हैं।
पहले भी उठाई कमलनाथ सरकार पर उंगली
मध्य प्रदेश में कमल नाथ सरका बनने के बाद सिंधिया कई बार अपने बगावती तेवर दिखा चुके हैं। बात पूरी कर्जमाफी ना होने या फिर बाढ़ राहत सर्वे और उसकी राशि मिलने में हो रही देरी की। सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से राज्य की कांग्रेस सरकार के कामकाज पर उंगली उठाई थी। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सिंधिया कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज हैं।
अब सिंधिया के खिलाफ गोविंद का बयान
कमलनाथ की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि जो भी सड़क पर उतरना चाहता है, उतर सकता है। राज्य सरकार अपने वादों को पांच साल में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है न कि एक साल में। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें ऐसे बयान सार्वजनिक रूप से नहीं देने चाहिए।
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर गोविंद सिंह भिंड जिले की लहार सीट से 7वीं बार विधायक बने हैं। कमलनाथ सरकार में पहले उन्हें सहकारिता एवं संसदीय कार्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन पोर्टफोलियो पर नाराजगी के बाद गोविंद सिंह को सामान्य प्रशासन विभाग भी दे दिया गया था। गोविंद सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र वाली ग्वालियर सीट के पड़ोस के भिंड इलाके से आते हैं लेकिन पार्टी में उन्हें सिंधिया विरोधी खेमे का माना जाता है।