आनंद पर शिकंजा… या ‘माया’ पर फंदा!

-मायावती के भाई पर जांच एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई
-आयकर विभाग ने जब्त किया 400 करोड़ का बेनामी प्लॉट

शक्ति राठौर/लखनऊ
आयकर विभाग सहित विभिन्न जांच एजेंसियों ने बसपा सुप्रीमो मायावती की ‘माया’ पर शिकंजा कसने की बड़ी कार्रवाई की है। आयकर विभाग ने बसपा उपाध्यक्ष आनंद कुमार और उनकी पत्नी के नोएडा स्थित 400 करोड़ रुपये के एक बेनामी प्लॉट को जब्त किया है। मायावती के भाई आनंद कुमार की संपत्ति की जांच आयकर विभाग कर रहा था। इसी दौरान 28328 स्क्वायर मीटर के बेनामी प्लॉट की जानकारी सामने आई थी। आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के इस बेनामी प्लॉट को जब्त करने का आदेश 16 जुलाई को विभाग की दिल्ली स्थित बेनामी निशेध इकाई (बीपीयू) ने जारी किया था। इसके 18 जुलाई को इसे जब्त कर लिया गया। इस मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शुरू कर दी है। जांच ऐजेंसियां आनंद कुमार के निकट संबंधियों की संपत्तियों की जांच में जुट गई हैं।
18 हजार फीसदी बढ़ी आनंद की संपत्तिः
आयकर विभाग आनंद कुमार की 13 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच कर रहा है। आनंद की संपत्ति में 2007 से 2014 की बीच 18 गुना बढ़ोतरी हुई है। सात वर्षों में उनकी संपत्ति 7.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,300 करोड़ रुपये हो गई। अब आनंद की 12 कंपनियां आयकर विभाग की जांच के दायरे में है।
कार्रवाई से भड़कीं मायाः
अपने भाई आनंद कुमार की संपत्ति जब्त होने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती भाजपा पर भड़क गई हैं। मायावती ने ट्वीट कर भाजपा पर एक बार फिर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विरोधियों को फंसाने में लगी है। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसी ही घिनौनी हरकत इसी पार्टी की सरकार ने सन 2003 में भी आयकर व सीबीआई आदि के जरिए हमारे खिलाफ कराई थी। उन्होंने लिखा कि मेरे भाई-बहनों को जबर्दस्ती परेशान किया जा रहा है।
सपा-कांग्रेस ने उठाए सवालः
बसपा सुप्रीमो मायावती भले ही इसे बदले की कार्रवाई बता रही हों लेकिन भाजपा, कांग्रेस और सपा ने एक सुर में सवाल उठाए हैं। विरोधी दलों के नेताओं का कहना है कि मायावती के भाई की बेनामी संपत्ति के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई गलत नहीं है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके भाई की मुष्किलें बढ़ सकती हैं। आशंका है कि 400 करोड़ का यह प्लॉट रिश्वत का हो सकता है। इसके चलते ईडी और सीबीआई की जांच में मायावती तक भी असकी आंच पहुंच सकती है।
नौकरी छोड़ते ही करोड़पति हो गए आनंदः
बसपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मायावती के भाई आनंद कुमार ने 1994 में जूनियर अस्सिटेंट से नोएडा विकास प्राधिकरण में अपनी नौकरी की शुरु की थी। करीब छह साल बाद वर्ष 1999-2000 में उन्होंने प्राधिकरण से नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद वह अपना कारोबार करने लगे। जांच में सामने आया है कि 2007 में आनंद के पास करीब 7.5 करोड़ की संपत्ति थी। लेकिन सात साल में उनकी संपत्ति बढ़कर 1316 करोड़ हो गई। 2007 में आनंद की होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी थी। इसका हेडक्वॉर्टर मसूरी में था। मसूरी में उनका खुद का एक होटल ‘शिल्टन’ भी था। वह इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। वह खुद को 1 करोड़ 20 लाख रूपये सालाना की सैलरी देते थे। लेकिन बाद में उनकी कंपनियों की संख्या बढ़कर 49 हो गई थी। वह रीयल एस्टेट के बड़े कारोबारियों से जुड़े रहे थे। आनंद कुमार को 23 जून 2019 को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
नोटबंदी के दौरान भी चर्चा में आए
आनंद कुमार 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान भी चर्चा में आए थे। इस दौरान उनके बैंक खाते में अचानक 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इतनी बड़ी रकम उनके खाते में आने के बाद उनके बैंक खातों की जांच शुरू की गई थी। इसको लेकर जांच एजेंसी की ओर से उनसे जवाब-तलब भी किया गया था।