-बीजेपी में आए महाराज तो एमपी में फिर शिवराज
-एमपी की कमल नाथ सरकार के लिए बदरंग रही होली
-नरेंद्र सिंह तोमर ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
इस बार की होली कांग्रेस के लिए एक काला अध्याय लेकर आई है। होली के मौके पर मंगलवार 10 मार्च को ज्यातिरादित्य सिंधिया ने पार्टी के साथ बगावत कर दी। सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने तैयारी की तो मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई। मंगलवार सांय 4 बजे तक कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
बड़ी संख्या में विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कुल 121 विधायक थे, इनमें से 22 सेइस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के पास अब केवल 99 विधायक रह गए हैं। बता दें कि सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 6 मंत्रियों सहित कुल 19 विधायक पहले भोपाल से हरियाणा के गुरूग्राम पहूंचे और फिर रविवार को वाया दिल्ली एयरपोर्ट वह सभी विधायक बेंगलुरू के एक निजी रिजॉर्ट में पहुंच गए। कांग्रेस के इन 19 विधायकों ने बेंगलुरू से ही अपने इस्तीफे भेज दिए हैं।
बीजेपी के पास है बहुमत का आंकड़ा
230 सीट वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के पास कुल 107 विधायक हैं। इस्तीफों के बाद कांग्रेस के केवल 92 विधायक बचे हैं। 4 विधायक निर्दलीय हैं और बहुजन समाज पार्टी के पास दो व समाजवादी पार्टी के पास एक एमएलए है। बसपा और सपा के कुल 3 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है। अब मध्य प्रदेश विधानसभा में केवल 206 विधायक बचे हैं। सरकार बनाने के लिए फिलहाल 104 विधायकों की जरूरत है, जबकि बीजेपी के पास अभी 107 एमएलए हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश में शिवरा सिंह चौहान की चौथी बार सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
सिंधिया को राज्यसभा-बड़ा मंत्रालय
सूत्रों का कहना है कि अब बीजेपी ज्यातिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजेगी। इसके साथ ही सिंधिया को केंद्र में कोई बड़ा मंत्रालय भी दिया जाएगा। सिंधिया मंगलवार की सांय अपने पिता की जयंती के मौके पर होली के दिन बीजेपी में शामिल हो जाएंगें फिलहाल मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीट खाली हुई हैं। इनमें से दो बीजेपी और एक कांग्रेस के पास थी। लेकिन अब मध्य प्रदेश से बीजेपी की दो सीटें फिर से राज्यसभा में भरी जा सकती हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर न निभाई भूमिका
केंद्र की बीजेपी सरकार में मध्य प्रदेश से मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने और बीजेपी की सरकार बनवाने के काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बीते करीब दो सप्ताह से नरेंद्र सिंह तोमर के नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर मैराथन बैठकों का दौर चल रहा था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार दिल्ली में ही डेरा डाले रहे। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सिंह चौहान के साथ भी मुलाकात की थी। मंगलवार को सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया।
बीजेपी ने बुलाई विधायक दल की बैठक
कांग्रेस में मचे घमासान के बीच मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक मंगलवार की सांय को बुलाई गई है। इस बैठक में मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने और राज्यसभा की खाली हुई 3 सीटों के लिए रणनीति पर विचार किया जाएगा। मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी राज्यसभा में भेजेगी।