फर्जी वेबसाइट से बना रहे थे राशन कार्ड… एफआईआर

-खाद्य आपूर्ति मंत्री ने दिए एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई के आदेश
-ऑनलाइन डिजिटल राशन कार्ड के पंजीकरण के लिए वूसल रहे 407 रूपये

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
फर्जी वेबसाइट (https://rationcardagent.co.in/digital-ration-card-application) बनाकर ऑनलाइन राशन कार्ड पंजीकरण के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने पैसों का भुगतान कर राशन कार्ड बनाने का दावा करने वाली फर्जी वेबसाइट चलाने वालों के खिला कार्रवाई का आदेश दिया है। मंत्री ने खाद्य आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को सजग किया है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आदेश दिया कि तुरंत फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आईटी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही मामले की जांच शुरू कर द गई है।
बताया जा रहा है कि ऑनलाइन राशन कार्ड फार्म भरवाने वाली इस वेबसाइट पर इस काम के लिए 407 रूपये प्रति फार्म के हिसाब से वसूले जा रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि इस वेबसाइट को किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने अधिकृत नहीं किया है। जबकि वेबसाइट पर राशन कार्ड बनाकर घर तक डिलीवरी करने का दावा किया जा रहा है। केवल यही नहीं राशन कार्ड में नाम बढ़ाने/घटाने से लेकर पता परिवर्तन और गलती सुधार जैसी सुविधाएं देने की सुविधा का दावा किया गया है।
इस साइट पर रेग्युलर और कलर्ड राशन कार्ड बनाने का विकल्प भी दिया गया है। हालांकि वेबसाइट को राशन कार्ड एजेंट का नाम दिया गया है। बता दें कि कानूनन इस तरह की सरकारी सरकारी विभागों से जुड़ी सेवाएं देने के लिए संबंधित विभाग या सरकार से विशेष अनुमति की जरूरत होती है।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोरोना लॉकडाउन की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर राहत अभियान चला रही हैं जहां न केवल राशन कार्ड धारक बल्कि अन्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को भी मुफ्त में राशन दिया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण कड़ी में जनता और सरकार के साथ धोखाधड़ी करना मानवता के खिलाफ अपराध है। दोषी व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करके कानून के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत सख्त कार्यवाई की जानी चाहिए।
इमरान हुसैन ने कहा कि बेईमान लोगों द्वारा चलाए जा रहे फर्जी वेबसाइट से गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को नुकसान पहुच रहा है। इससे उनकी मेहनत की कमाई बर्बाद हो रही है। आवेदकों द्वारा दी जाने वाली व्यक्तिगत जानकारी का अवैध रूप से वेबसाइट चलाने वाले व्यक्तियों द्वारा दुरुपयोग भी किया जा सकता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने इस मामले को तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने उठाया है। दिल्ली सरकार की ओर से इस मामले में पुलिस अधिकारियों को एक शिकायत दर्ज कराई गई है।
इमरान हुसैन ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार, “राशन कार्ड” का मतलब राज्य सरकार के आदेश या प्राधिकरण के तहत जारी किया गया एक दस्तावेज है। यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों से आवश्यक वस्तुओं की आपूति से संबंधित है। राशन कार्ड जारी करने के लिए केवल राज्य सरकार ही प्राधिकृत है और राशन कार्ड जारी करने के लिए किसी भी एजेंट को अधिकृत करने के लिए कानून के तहत कोई प्रावधान नहीं है।
मंत्री इमरान हुसैन ने अपील की कि जनता को अनधिकृत रूप से वेबसाइटों/योजनाएं/ प्रोत्साहन से सतर्क रहने रहने की जरूरत है। कोई भी निहित स्वार्थों के लिए गलत लोगों के चक्कर में अनावश्यक रूप से नहीं आए। सरकार की योजनाआेंं के बारें में सरकारी वेबसाइटों और हेल्पलाइन नंबरों द्वारा लोगों को संतुष्ट हो जाना चाहिए। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि सरकार सभी जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में राशन मुहैया करा रही है और राशन के प्रारंभिक ई-कूपन के लिए सरकार द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।