झारखंड में सियासी बवाल… झाविमो का बुरा हाल

-पार्टी पर कब्जे की कवायदः अंदर-बाहर करने का खेल शुरू
-विधायक प्रदीप यादव को विधायक दल के नेता पद से हटाया

टीम एटूजैड/ रांची
झारखंड के सियासी मैदान में बड़ा बवंडर शुरू हो गया है। कारण है कि झारखंड विकास मोर्चा में बड़ा बवाल शुरू हो गया है। पार्टी के भारतीय जनता पार्टी में विलय से पहले झाविमो के नेताओं में आपसी तकरार कायम है। पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस की ओर जाने वाले अपने दोनों विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव के खिलाफ कार्रवाई की है।
विधायक बंधु तिर्की को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। दूसरी ओर प्रदीप यादव को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है। उनके निष्कासन की कार्रवाई भी शुरू की गई है। बता दें कि झाविमो के अंदर में दो खेमे बन गये है़ं। एक ओर प्रदीप यादव और बंधु तिर्की हैं तो दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी है़ं। दोनों ही ओर से झारखंड विकास मोर्चा यानी पार्टी पर कब्जे की कवायद शुरू हो गई है।
इस बीच बाबूलाल मरांडी ने पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नयी कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। नई कार्यकारिणी में उन्होंने अपने लोगों को शामिल किया है़। इसके साथ ही मरांडी ने भविष्य में लिए जाने वाले निर्णयों के लिए सभी अधिकार अपने पास रखने की स्वीकृति भी ले ली है। दूसरी ओर लंबे समय से बाबूलाल मरांडी के साथ चले आ रहे प्रदीप यादव ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है़।
सूत्रों का कहना है कि प्रदीप यादव ने विधायक दल के नेता के रूप में मरांडी को ही नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस में जाने वाले विधायक झाविमो के नाराज चल रहे नेताओं को गोलबंद करने में जुट गए हैं। मरांडी से नाराज चल रहे खेमे के लोगों की ओर से एक-दो दिन में पार्टी के कांग्रेस में विलय का दावा किया जा सकता है़। नाराज धड़े की ओर से पार्टी बचाने के नाम पर मरांडी के निष्कासन की घोषणा की जा सकती है।
विधायकों के साथ… नहीं बनी बात
बाबूलाल मरांडी ने झाविमो में सहमति बनाने के लिए की कोशिशें भी की गईं लेकिन बात नहीं बन सकी। मरांडी ने विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बन पाने पर बाबूलाल ने स्पष्ट कह दिया कि वह कांग्रेस में चले जाये़ं। लेकिन अब पार्टी से निष्कासन के बाद विधायकों को परेशानी हो रही है़। विधायकों ने मरांडी से पहले निष्कासन वापस लेने की बात कही है। हालांकि मरांडी ने कहा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष से दलबदल मामले की शिकायत नहीं करेंगे।
पुतला जलाया तो हुई कार्रवाई
पार्टी की ओर से विधायक प्रदीप यादव से स्पष्टीकरण मांगे जाने पर यादव समर्थकों ने पार्टी में बगावत कर दी। देवघर के जिलाध्यक्ष नागेश्वर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का पुतला जलाया। वहीं, पार्टी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जिला अध्यक्ष सहित दिनेश मंडल और मणिकांत यादव की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी।
13 साल बाद होगी मरांडी की घर वापसी
झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी 13 साल बाद भारतीय जनता पार्टी में घर वापसी करेंगे। वह 14 फरवरी को फिर से बीजेपी में शामिल होंगे। बता दें कि 13 साल पूर्व उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़कर अपनी नई पार्टी बनाई थी। 14 फरवरी को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में वे बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामेंगे। बीजेपी और जेवीएम के नेताओं ने इस बात की पुष्टि कर दी है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रह सकते हैं।
संघ से जुड़े रहे मरांडी
झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। साल 2006 में बीजेपी से अलग होकर उन्होंने नई पार्टी बना ली थी। लेकिन उनकी पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। उनकी पार्टी को 2009 के चुनाव में 11, 2014 के चुनाव में आठ और 2019 के चुनाव में तीन सीट ही हासिल हो पाई थीं।