दिल्ली दरबार’ में पहुंचा महाराष्ट्र का सियासी संग्राम

-अमित शाह से मिलेंगे फडणवीस तो सोनिया गांधी से होगी पवार की मुलाकात
-नया ऑफरः शिवसेना को वित्त और राजस्व दने को तैयार भाजपा

टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार बनाने का सियासी पेंच फंसता जा रहा है। राज्य में सरकार के गठन का सियासी संग्राम अब दिल्ली दरबार में पहुंच गया है। कारण है कि 24 अक्टूबर को नतीजे आजाने और भाजपा-शिवसेना के पास पर्याप्त बहुमत होने के बावजूद दोनों दलों के बीच सरकार बनाने की सहमति नहीं बन पाई है। गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ी दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी शर्तों के हिसाब से सरकार बनाने पर आमादा हैं। शिवसेना की जिद के चलते राज्य में सारे सियासी समीकरण बदले हुए हैं। पिक्चर के फ्रेम में अब शिवसेना के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस भी आ गई हैं।
बताया जा रहा है कि सोमवार 4 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने जा रहे हैं। दूसरी ओर एनसीपी नेता शरद पवार सोमवार को ही दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि पवार महाराष्ट्र में पैदा हुआ ताजा सियासी समीकरणों पर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ खुलकर बात करेंगे। दरअसल भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने खुले तौर पर बगावत कर दी है। रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया था कि शिवसेना के पास 170 विधायकों का समर्थन है। इसका मतलब है कि उन्होंने सीधे तौर पर बीजेपी को कहा है कि शिवसेना भाजपा के बिना भी सरकार बना सकती है। खास बात है कि शिवसेना सार्वजनिक तौर पर बीजेपी की आलोचना पर उतर आई है। शिवसेना नेता अगला मुख्यमंत्री अपनी पार्टी से बनाने का दावा कर रहे हैं।
शिवसेना का पूर्ण बहुमत का दावाः
बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। ऐसा तभी संभव हो सकता है जब एनसीपी और कांग्रेस दोनों ही शिवसेना को समर्थन देने के लिए तैयार हों। शिवसेना नेता पिछले दिनों में लगातार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ संपर्क में हैं। हालांकि एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने भी कहा है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का बन सकता है। लकिन समर्थन की बात करने से पहले शिवसेना अपनी भूमिका स्पष्ट करे। इसके बाद ही एनसीपी अपनी राय स्पष्ट करेगी।
कांग्रेस में उठी सरकार बनाने की मांगः
एनसीपी नेता भले ही खुले तौर पर कुछ कहने से बच रहे हों, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस में राज्य में सरकार बनाने की मांग उठने लगी है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिवसेना के साथ सरकार बनाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि राम मंदिर के मुद्दे पर अगल विचारधारा होने की वजह से कांग्रेस नेतृत्व शिवसेना के साथ हाथ मिलाने से बचता नजर आ रहा है। ऐसे में सभी की नजरें सोमवार को शरद पवार की सोनिया गांधी के साथ होने वाली बैठक पर टिकी हैं।
बीजेपी का शिवसेना को नया ऑफरः
भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में अपने हाथ से सत्ता जाने देना नहीं चाहती। बीजेपी ने शिवसेना को अब नया ऑफर दिया है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने सरकार बनाने के लिए शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद देने के साथ मंत्रियों के 16 पद देने का भी ऑफर दे दिया है। इसके साथ ही वित्त और राजस्व मंत्रालय भी शिवसेना को देने की बात कही जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना के सामने भाजपा और कितना झुकती है या फिर महाराष्ट्र में शिवसेना अपने विरोधी दलों कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाती है।