-पीएफआई का अध्यक्ष परवेज अहमद और सचिव इलियास गिरफ्तार
-आईएस के खुरासान मॉड्यूल से जु़ड़े पति-पत्नी पुलिस के हत्थे चढ़े
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को बड़ी कामियाबी हाथ लगी है। पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। पीएफआई के अध्यक्ष परवेज़ अहमद और सचिव मोहम्मद इलियास को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों पर आरोप है कि दिल्ली में दंगे कराने के लिए उन्होंने फंडिंग की थी। दिल्ली पुलिस को शाहीन बाग और पीएफआई के बीच भी लिंक मिला है। बताया जा रहा है कि शाहीनबाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन के लिए भी पीएफआई ने ही फंडिंग की थी।
पिछले दिनों दिल्ली में हुए दंगों में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। इन दंगों में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है। इसी बीच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के प्रेसिडेंट परवेज़ अहमद और सेक्रेटरी मोहम्मद इलियास को गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी परवेज अहमद और मोहम्मद इलियास पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने दोनों से पूछताछ शुरू कर दी है। दोनों ही गिरफ्तारियां पीएफआई के सदस्य दानिश की गिरफ्तारी और दिल्ली दंगों में जांच के दौरान मिले सबूतों-बयानों के बाद की गई है। पुलिस को पीएफआई और शाहीन बाग के बीच में भी सीधा लिंक मिला है। इस मामले में अभी दिल्ली पुलिस की ओर से पूरी जानकारी आनी बाकी है।
ेबता दें कि रविवार को आईएस से जुड़े एक दंपती और अब पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मेंबर दानिश की गिरफ्तारी दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश का इशारा कर रही है। जामिया इलाके से पकड़े गए आईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े दंपत्ती जहांजेब शामी और हिना पर आरोप है कि दोनों पिछले 3 महीने से सक्रिय थे और लोगों को सीएए, सरकार और एक समुदाय के खिलाफ भड़का रहे थे। इसी तरह पीएफआई मेंबर दानिश पर आरोप है कि सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान वह झूठी सूचनाएं फैलाकर लगातार लोगों को भड़काने की कोशिश करता रहा था।
पाकिस्तान ने खड़ा किया खुरासान मॉड्यूल!
33 साल का मोहम्मद दानिश दिल्ली के त्रिलोकपुरी का रहने वाला है। इन गिरफ्तारियों से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर दिल्ली दंगों की पहले से ही साजिश रची गई थी। दिल्ली दंगों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की आशंका यूं ही नहीं है। माना जाता है कि आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल को पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने ही खड़ा किया है। रविवार को जामिया नगर के ओखला से जिस दंपत्ती को गिरफ्तार किया गया, वह इसी आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं।
आईएस की ही शाखा है आईएसकेपी
आईएसकेपी आतंकी संगठन आईएसआईएस की एक शाखा है। इसे आईएसकेपी यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविन्स के नाम से जाना जाता है। इस मॉड्यूल का बेस पाकिस्तान-अफगान सीमा पर है। अफगानिस्तान के अलावा जम्मू-कश्मीर में भी इस संगठन की पैठ है। दरअसल, खुरासान अफगानिस्तान का ऐतिहासिक एरिया है, जिसमें अफगानिस्तान, और ईरान के हिस्से शामिल थे। आईएस खुरासान में तालिबान छोड़ने वाले और विदेशी लड़ाके, दोनों शामिल हैं। इस संगठन को अत्यंत क्रूर माना जाता है।
सीएए के नाम पर भड़काए दंगे
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जिस दंपती को गिरफ्तार किया है वह श्रीनगर के रहने वाले हैं। दोनों पति-पत्नी पिछले साल अगस्त में दिल्ली आए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, जहांजेब शामी ने बीटेक किया है, जबकि हिना ने एमसीए किया है। हिना इस्लामिक स्टेट की मैगजीन में भी लिखती थी। दोनों अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के बड़े हैंडलर के संपर्क में थे और अगस्त में कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के बाद दिल्ली आ गए थे। दोनों जामिया नगर के ओखला विहार में किराए के घर में रहकर दिल्ली में आत्मघाती हमलों की योजना बना रहे थे। इनके घर से ऐंटी-सीएए और समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काने वाले काफी सामान मिला है। दोनों के घर से लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। दोनों दिल्ली के अलावा कई और शहरों में भी लोगों को भड़का रहे थे।
आईएसआईएस से जुड़े पीएफआई के तार!
दिल्ली पुलिस ने पहले ही आशंका व्यक्त की थी कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के तार पीएफआई और आईएसआई से जुड़ने के संकेत मिले हैं। पीएफआई मेंबर दानिश की गिरफ्तारी अब इस साजिश से पर्दा उठा सकती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के दंगे में पीएफआई और अन्य संगठनों ने ेबड़ी साजिश रची थी। इसका बैकअप आईएसआई से सोशल मीडिया के जरिए फर्जी विडियो, कॉन्टेंट से मिल रहा था। दिल्ली दंगों के दौरान पाकिस्तान से ताबड़तोड़ फेक विडियो अपलोड किए जा रहे थे। पाकिस्तान से कई फेसबुक और ट्विटर अकाउंट चलाए जा रहे थे। पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी भड़काने की कोशिश की जा रही थी।
साजिश के तहत भड़काई गई दंगों की आग!
दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल मिली है। उन नंबरों पर अलीगढ़ और उत्तर पूर्वी दिल्ली के बीच बातचीत की गई थी। दंगों के दौरान ये नंबर लगातार ऐक्टिव पाए गए हैं। दिल्ली और अलीगढ़ में हिंसा के समय और पैटर्न लगभग एक से थे। दोनों जगहों पर हिंसा की शुरुआत पत्थरबाजी से हुई। भीड़ बढ़ने के बाद हिंसा करने वाले पहले से हथियारों से लैस थे। उन्होंने आगजनी करना और दुकानों को लूटना शुरू कर दिया। मास्टरमाइंड्स ने वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए लोगों को पहले ही हिंसा का डर, आशंका और उसके लिए फुल तैयारी करने के लिए टिप्स दिए थे।
दानिश के नेटवर्क और फंडिंग की जांच
पुलिस जांच कर रही है कि दानिश व उससे जुड़े नेटवर्क के लोग किस तरीके से सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में काम कर रहे हैं। किस तरीके से इन्हें फंडिंग हो रही थी? इस फंडिंग का दिल्ली में चल रहे सीएए के विरोध में किस तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था? इसके लिए पुलिस कई संदिग्धों के फोन व बैंक अकाउंट खंगाल रही है।