-मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ की शुरूआत!
-संकट में कांग्रेस आलाकमान… राजस्थान-महाराष्ट्र सरकार कुछ दिनों की मेहमान!
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की होली को बेरंग करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी का ‘ऑपरेशन लोटस’ राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। होली के दिन दोपहर 12.10 बजे सिंधिया ने इस्तीफे की चिट्ठी ट्वीट की और इसके सिर्फ 20 मिनट बाद ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के दूसरी पंक्ति के युवा नेताओं के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ और नेता जल्दी ही पार्टी छोड सकते हैं।
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के बाद कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका राजस्थान से लग सकता है। राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की तकरार जब-तब सामने आती रहती है। कुछ इसी तरह की स्थिति महाराष्ट्र कांग्रेस में भी बनी हुई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक और युवा नेता मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस आलाकमान से नाराज बताए जा रहे हैं। कुछ इसी तरह की आशंका सोशल मीडिया पर वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों ने जताई है। लोगों ने सिंधिया को बधाई देते हुए कहा है कि सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा और जितिन प्रसाद को भी सिंधिया की राह पर चलना चाहिए।
कई मुद्दों पर राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तकरार होती रही है। सचिन पायलट ने राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचाया था। लेकिन पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री की कुर्सी अशोक गहलोत को सोंप दी थी। इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा चला आ रहा है। यदि सचिन पायलट भी सिंधिया के नक्शेकदम पर चलते हैं तो राज्य में कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बहुमत के आंकड़े पर कांग्रेसः
फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस के पास बहुमत का आंकड़ा है। राज्य में विधानसभा की 200 सीट हैं। सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास राज्य में 101 विधायक हैं। इसके साथ ही अन्य दलों और निर्दलीयों को मिलाकर कांग्रेस के पास 125 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के कुल 72 विधायक हैं। बीजेपी के साथ विपक्ष में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का भी समर्थन है। इस तरह से बीजेपी के पास कुल 75 विधायक हैं।
सचिन दे सकते हैं झटकाः
कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद आदि नेता एक ही जमात के माने जाते हैं। यह सभी युवा कांग्रेसी नेता आपस में मित्रता भी रखते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक यदि सचिन पायलट भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह अपने समर्थक विधायकों के साथ पार्टी छोड़ देते हैं तो कांग्रेस राजस्थान विधानसभा में अल्पमत में आ जाएगी। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले सचिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के 101 में से करीब 40 विधायक सचिन पायलट खेमे के माने जाते हैं। यदि सचिन बीजेपी में शामिल नहीं होकर अपने समर्थक विधायकों के साथ अपनी अलग पहचान बनाए रखते हैं तो भी कांग्रेस के सामने सरकार बचा पाने की मुश्किल खड़ी हो जाएगी।