पानी को लेकर हाहाकार… केजरीवाल सरकार जिम्मेदारः पूर्व मेयर जेपी

-दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली जल बोर्ड को पूर्व महापौर एवं पूर्व सदस्य दिल्ली जल बोर्ड जयप्रकाश (जे.पी) ने लिखा पत्र

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 30 मई।
दिल्ली में पीने के पानी को लेकर चारों तरफ हाहाकार मची हुई है। लोगों को पीने के पानी की किल्लत का भारी सामना करना पड़ रहा है। परंतु दिल्ली सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है। इसको लेकर पूर्व मेयर और दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य व प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश (जेपी) मुख्यमंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को पत्र लिखकर समस्या के समाधान की मांग की है।
जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बोला कि मैं जेल में रहकर सरकार चलाऊंगा मगर जिस समय उन्हें दिल्ली के समर वेकेशन की प्लानिंग करनी थी उसे समय वह अपने चुनाव प्रचार की प्लानिंग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से जब उन्हें 21 दिन की राहत मिली तब बाहर आने के बाद उन्होंने एक बार भी दिल्ली की पानी की समस्या को लेकर दिल्ली के मंत्री एवं जल बोर्ड के साथ कोई भी बैठक नहीं की। जबकि पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था की दिल्ली के अंदर इस बार गर्मी अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ेगी और पारा 52 डिग्री के पार भी पहुंच गया लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता की प्यास बुझाने के लिए नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक प्यास बुझाने के लिए प्रयास किया।
जयप्रकाश ने आगे कहा कि दिल्ली में पिछले 10 साल से अरविंद केजरीवाल की सरकार काम कर रही है मगर 10 साल में केजरीवाल सरकार ने 100 एमजीडी पानी का उत्पादन भी नहीं बढ़ाया। बल्कि जितना पानी का उत्पादन होना चाहिए दिल्ली जल बोर्ड वह भी पूरा नहीं कर पा रहा दिल्ली में पानी की व्यवस्था को ठीक करने के लिए जयप्रकाश पूर्व महापौर एवं पूर्व सदस्य दिल्ली जल बोर्ड ने कई बार पत्र लिखकर दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं जल बोर्ड के अध्यक्ष को अनेक सुझाव दिए जिससे पानी की समस्या ठीक हो सकती है मगर दिल्ली सरकार ने कभी भी उनका संज्ञान नहीं लिया। जयप्रकाश ने पत्र लिखकर दिल्ली सरकार को चेताने का प्रयास किया है और अपने सुझाव पत्र में लिखकर भेजे हैं।
जयप्रकाश ने कहा कि मेरा दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के जल बोर्ड और जल मंत्री से निवेदन है कि हाथ खड़ा करने से काम नहीं चलेगा काम करने से काम चलेगा तुरंत सब बातों का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए नहीं तो एक जन आंदोलन खड़ा होगा।