अध्यादेश पर नहीं बनी बात… CONGRESS के लिए भरोसेमंद नहीं केजरीवाल!

-दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने खरगे को दी आप का समर्थन नहीं करने की सलाह

शक्ति सिंह/ नई दिल्लीः 29 मई, 2023।
मोदी सरकार (Modi Govt.) के विरोध में खड़ा होने की कोशिश कर रहे तीसरे मोर्चे (Third Front) की हालत फिलहाल सुधरती दिखाई नहीं दे रही है। खास तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) को मोदी सरकार के अध्यादेश मामले में सफलता मिलती नहीं दिख रही है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ हुई पंजाब और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस (DPCC) के नेताओं की बैठक में अध्यादेश के समर्थन पर बात नहीं बन सकी। हालांकि बैठक में कोई भी निर्णय लेने के लिए पार्टी आलाकमान को अधिकार दिया गया है।
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में उपराज्यपाल को अधिकार देने का अध्यादेश लाया गया है। इसके विरोध में संसद में समर्थन पाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा था। इसके पश्चात पार्टी के बीच दिल्ली और पंजाब के नेताओं के साथ रायशुमारी के लिए सोमवार को बैठक बुलाई गई थी।
बताया जा रहा है कि करीब एक घंटा से कुछ ज्यादा समय तक चली इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, जय प्रकाश अग्रवाल, सुभाष चोपड़ा, अरविंदर सिंह लवली सहित पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव एवं मनीष चतरथ मौजूद रहे।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पूव अध्यक्ष अजय माकन, जेपी अग्रवाल, देवेंद्र यादव आदि ने स्पष्ट तौर पर अध्यादेश के मुद्दे पर आप का समर्थन करने पर विरोध जताया। हालांकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने बैठक में नरम रूख अपनाने की बात कहते हुए आप का समर्थन करने की बात कही है।
भरोसेमंद नहीं केजरीवाल
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के साथ पंजाब एवं दिल्ली कांग्रेस के नेताओं की बैठक में दिल्ली के कई नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल और आम आदमी पार्टी भरोसेमंद नहीं है। साल 2013 में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने वाले अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन बाद कांग्रेस को ही लात मार दी थी। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी कांग्रेस को सत्ता से हटाकर सरकार में आई है। काग्रेस के बहुत बड़े वोट बैंक पर आप ने कब्जा जमा रखा है। गुजरात में भी चुनावी मैदान में आप के पहुंचने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आप ने पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी नेताओं का कहना था कि यदि आप के साथ हाथ मिला लिया जाता है तो कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज जायेगा। यदि मिलकर चुनाव लड़ा जाता है तो कांग्रेस का मतदाता आप की ओर शिफ्ट हो सकता है।
पंजाब कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा
दूसरी ओर अध्यादेश के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस ने भी आप और अरविंद केजरीवाल का साथ देने से पंजाब कांग्रेस ने भी पल्ला झाड़ लिया है। बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव आप के साथ गठबंधन करके लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस नहीं चाहती कि आप के साथ हाथ मिलाया जाये।