-प्रशासनिक और वित्तीय गतिरोध की वजह से निलंबन की ओर बढ़ रहा निगम
-बीजेपी ने मेयर से की एम.सी.डी. की स्थायी समिति के गठन की मांग
शक्ति सिंह/ नई दिल्लीः 30 मई।
समय से जरूरी निर्णय नहीं लिये गये तो दिल्ली नगर निगम (MCD) एक बार फिर से भंग हो सकता है। निगम में प्रशासनिक और वित्तीय गतिरोध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यही गतिरोध निगम के भंग या निलंबित होने का कारण बन सकते हैं। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर (Praveen Shankar Kapoor) ने दिल्ली की मेयर (Mayor) शैली ओबेरॉय से नगर निगम की स्थायी समिति के गठन की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने की मांग की है।
प्रवीण शंकर कपून ने मेयर के नाम लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली नगर निगम को वर्तमान में चल रहे प्रशासनिक और वित्तीय गतिरोध से तुरंत बाहर लाने की जरूरत है। यदि ऐसा समय रहते नहीं किया गया तो एम.सी.डी. हाउस को निलंबित किया जा सकता है और स्थायी समिति (Standing Committee) की शक्तियों के साथ एक प्रशासक की नियुक्ति की जा सकती है।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि स्थायी समिति एम.सी.डी. की सर्वशक्तिशाली संस्था है, जो राजस्व सृजन और व्यय के बिलों के सभी प्रस्तावों को मंजूरी देती है। पिछले 6 महीनों से स्थायी समिति की अनुपस्थिति में एम.सी.डी. का प्रशासनिक और वित्तीय कामकाज ठप हो गया है। निगम में लगभग 150 आर्थिक प्रस्ताव लंबित हैं। लाइसेंसिंग एवं अन्य विभागों के माध्यम से राजस्व सृजन के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं अन्य विभागों से संबंधित व्यय के बिल लटके हुए हैं। एम.सी.डी. के संविदा कर्मचारियों का भी संविदा नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है।
प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि यह स्थिति इसलिए बनी है क्योंकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) वार्ड समितियों (Ward Committees) के गठन की अनुमति नहीं दे रही है, जो स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव करती हैं। आप नेताओं को डर है कि वार्ड समितियों से चुनाव में उन्हें बहुमत नही मिल पाएगा। आम आदमी पार्टी ने ही एल्डरमैन की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर जल्द निर्णय आने की कोई संभावना नहीं है।
बीजेपी प्रवक्ता ने महापौर और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से राजनीतिक पूर्वाग्रह से बाहर आ कर वर्तमान में नियुक्त एल्डरमेन सदस्यों के साथ वार्ड समितियों के गठन की अनुमति देने और एम.सी.डी. को संकट से बाहर निकालने के लिए स्थायी समिति के चुनाव कराने का आग्रह किया है। उन्होंने आगे लिखा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट वर्तमान एल्डरमैन के खिलाफ फैसला देता है तो स्थायी समिति का पुनर्गठन किया जा सकता है।