एनयूजे ने उठाई मीडिया जगत के लिए आर्थिक पैकेज की माग

-कोरोना महामारी की वजह से भारी नुकसान में मीडिया जगत
-विज्ञापन रोके गए तो बंद हो जाएंगे ज्यादातर मीडिया संस्थान

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि समाचार पत्रों और मीडिया संस्थानों के लिए तुरंत आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। देश के शीर्ष पत्रकार संगठन ने कहा है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण मीडिया जगत को भारी नुकसान पहुंचा है। पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे अखबारों को विज्ञापन न मिलने के कारण बड़ी संख्या में बंद करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से भारी संख्या में पत्रकार बेरोजगार हो रहे हैं।
जिलों और देहाती इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों को तो जीवनयापन करने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तमाम अखबारों ने कर्मचारियों को वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। एनयूजे ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की दो साल तक सरकारी विज्ञापन रोकने की सिफारिश को माना गया तो बड़ी संख्या में अखबार और चैनल बंद हो सकते हैं। इससे हजारों पत्रकार बेरोजगार हो जाएंगे।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) के अध्यक्ष रास बिहारी और महासचिव प्रसन्ना मोहंती ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में टीवी चैनलों और अखबारों से बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की गई है। बड़ी संख्या में अखबार बंद हुए हैं। आर्थिक संकट के कारण छोटे और मध्यम समाचार पत्र बंद हो रहे हैं। बड़े अखबारों ने आर्थिक संकट के बहाने अनेक पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया है। संगठन का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों से अखबारों और क्षेत्रीय चैनलों को पहले से बहुत कम विज्ञापन मिल रहे हैं। सोनिया गांधी की गैरवाजिब मांग के बाद तो मीडिया जगत को बहुत बड़ा झटका लग सकता है।
श्री रासबिहारी और श्री मोहंती ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव के उपायों की जानकारी देने में मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई है। मीडिया हाउस और उनसे जुड़े पत्रकार देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निष्ठापूर्वक निभा रहे हैं। अतः केंद्र और राज्य सरकारें तुरंत पत्रकारों को आर्थिक पैकेज देने की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली समेत सभी राज्यों में पत्रकारों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोशिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल, महासचिव केपी मलिक और सचिव हीरेन्द्र राठौड़ ने मांग की है कि मध्यम और लघु समाचार पत्रों के लिए सरकार आर्थिक पैकेज की घोषणा करें ताकि जनता को सही सूचनाएं मिलती रहें। वहीं खबरों से जुड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्मस (न्यूज पोर्टल्स एवं यूट्यूब चैनल्स) के लिए आर्थिक मदद का कोई रास्ता निकाला जाना चएहिए। उन्होंने पत्रकारों के लिए सरकारी स्तर पर बीमा योजना शुरू करने की भी मांग की है।