-दंगों से जुड़े पिंजरा तोड़ ग्रुप के तार, पहले से जेल में है ग्रुप की गुलफ्शिं
-उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में की हैवानियत में शामिल थीं देवांगना और नताशा
-दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से है दोनों महिलाओं का संबंध
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टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में हैवानियत के नंगे नाच में शामिल होने की आरोपी दो और महिलाओं को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर हुए प्रदर्शनों में हुई हिंसा के मामले से दिल्ली यूनिवर्सिटी के पिंजरा तोड़ ग्रुप के तार गहराई से जुड़े होने का खुलासा हुआ है। इसी ग्रुप की दो छात्राओं को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है।
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दंगा फैलाने में शामिल होने की आरोपी इन तथाकथित छात्राओं की पहचान देवांगना कलिता और नताशा नरवाल के रूप में हुई है। दोनों ही दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्राएं बताई जा रही हैं। आरोप है कि यह दोनों 22 फरवरी की रात को सीलमपुर में 300-400 महिलाओं को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठाने में शामिल थीं। इसके बाद ही दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में भड़के दंगों ने भयानक रूप धारण कर लिया था।
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हालांकि जिला पुलिस के आला अधिकारी देर रात तक मामले की पुष्टि करने से कतराते रहे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर में धरने पर बैठी महिलाओं को भड़काकर 22 फरवरी की रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठाया गया था। इसके बाद भड़के दंगों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।
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इस मामले में 24 फरवरी को जाफराबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय में सक्रिय पिंजरा तोड़ ग्रुप की गुलफिसा फातिमा, नताशा, शुभांगी, देवांगना, परोमा और रुमशा के नाम सामने आए थे। यहां यह बताना भी जरूरी है कि नाम आने के बावजूद शुभांगी, परोमा और रूमशा की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है।
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बता दें कि गुलफिसा जाफराबाद की रहने वाली है और दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज की पूर्व छात्रा है। दिल्ली पुलिस ने गुलफिसा को पहले ही इस मामले के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गुलफिसा पर स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश में शामिल होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाया है। वह फिलहाल जेल में है।
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डीयू में आंदोलन को बढ़ाने की है जिम्मेदारी
फरवरी के आखिरी सप्ताह में भड़के थे दंगे
राजधानी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके में फरवरी के आखिरी सप्ताह में भीषण दंगे भड़क गए थे। दंगों में करीब पांच दर्जन लोगों की जान चली गई थी। जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। दर्जनों लोगों को गोलियां लगी थीं। जबकि सेकड़ों की संख्या में लोगों के घर, दुकानें और वाहन जला दिए गए थे।
दंगे भड़काने में कई लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके तहत 22 फरवरी की रात को करीब 400 महिलाओं को भड़काकर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठाकर दोनों ओर का रास्ता रोक दिया गया था। दिल्ली पुलिस इस मामले में सभी कड़ियों को जोड़ते हुए एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई कर रही है।