नॉर्थ डीएमसीः एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच का कारनामाः रिटायर्ड चपरासी को बनाया सलाहकार

-पारदर्शिता अस्त-व्यस्त… अधिकारी मस्त, साइट पर नहीं चढ़ाए जा रहे ऑर्डर्स
-ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल, उसी विभाग में किए कई लोगों ट्रांसफर

हीरेन्द्र सिंह राठौड़ / नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर निगम की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के नेता लाख पारदर्शिता का दावा करें। लेकिन निगम के अधिकारी पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाने में जुटे हैं। ताजा मामला निगम की एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच से जुड़ा है। निगम में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल जारी है, लेकिन इनके संबंध में निकाले जाने वाले ऑफिस ऑर्डर्स को विभाग की साइट पर अपडेट नहीं किया जा रहा। आश्चर्य की बात तो यह है कि ‘अपनों को रवड़ियां बांटने’ के चक्कर में अधिकारियों ने रिडायर्ड चपरासी को भी सलाहकार के बतौर नियुक्त कर दिया। बता दें कि एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच की जिम्मेदारी फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी गोपाल संभाल रहे हैं और पूर्व आयुक्त वर्षा जोशी के खास बताए जाते हैं।

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इसे निगम अधिकारियों की लापरवाही कहें या फिर जानबूझकर छोड़ी जा रही कमियां कि एक साथ 100 ऑफिस ऑर्डर्स को साइट पर नहीं चढ़ाया जा रहा। खास बात है कि हाल ही में हुए कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से संबंधित ऑफिस ऑर्डर्स को भी साइट पर अपडेट नहीं किया गया है। इसी महीने 8 मई को दो ऑफिस ऑर्डर्स निकाले गए थे, इनमें ऑर्डर संख्या 4391 ड्राइवर विजेंद्र सिंह और ऑर्डर संख्या 4392 डायरेक्टर आयुष के ट्रांसफर-पोस्टिंग के संबंध में निकाला गया था। इसके बाद 12 मई का ऑर्डर संख्या 4399 डीडीओ प्लानिंग की जिम्मेदारी राजन सिंह मेहता को दिए जाने के संबंध में चढ़ाया गया है। ऑफिस ऑर्डर संख्या 4393 से 4398 के कुल 6 ऑफिस ऑर्डर्स साइट पर चढ़ाए ही नहीं गए।

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बता दें कि अप्रैल महीने में पूर्व आयुक्त वर्षा जोशी ने कई विभागों के आला अधिकारियों को उनके पदों से हटाकर दूसरी जगह ट्रांसफर किया था। लेकिन अप्रेल महीने का एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच का एक भी ऑफिस ऑर्डर निगम की साइट पर नहीं चढ़ाया गया। 20 मार्च को साइट पर चढ़ाए गए ऑफिस ऑर्डर संख्या 4362 के बाद सीधे 8 मई का ऑफिस ऑर्डर संख्या 4391 चढ़ाया गया है। इनके बीच के 28 ऑफिस ऑर्डर्स को निगम की साइट पर चढ़ाने की जरूरत न तो एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के अधिकारयों समझी और ना ही डीशनल कमिश्नर के स्तर के किसी अधिकारी ने जरूरत महसूस की।

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चपरासी को बनाया सलाहकार
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के अधिकारियों का बड़ा कारनामा तो लॉकडाउन से पहले 16 मार्च 2020 को सामने आया। ब्रांच के अधिकारियों ने 31 जनवरी 2020 को रिटायर हुए चपरासी नवाब अली को म्यूनिसिपल सैक्रेटरी ऑफिस में बतौर कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया। नगर निगम के इस कारनामे पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि चपरासी के पद से रिटायर व्यक्ति निगम अधिकारियों को किन बातों की सलाह देगा?

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लोगों के सामने नहीं आए बड़ी संख्या में ऑर्डर
इस संबंध में जारी किया गया ऑफिस ऑर्डर संख्या 4261 अगले दिन 17 मार्च को निगम की साइट पर चढ़ाया गया। लेकिन 17 मार्च 2020 को एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच ने एक ही दिन में 43 ऑफिस ऑर्डर जारी कर डाले। लेकिन इनमें से 41 ऑर्डर किस मामले में निकाले गए, इसकी जानकारी आज तक किसी को नहीं मिल पाई। कारण है कि ऑफिस ऑर्डर संख्या 4262 से 4302 तक निगम की साइट पर चढ़ाए ही नहीं गए हैं।

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एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच ने 18 मार्च को ऑफिस ऑर्डर संख्या 4303 निकाला था, इसे साइट पर भी चढ़ाया गया। लेकिन इसके बाद अधिकारियों ने 20 मार्च को ऑर्डर संख्या 4360 चढ़वाया है। ब्रांच ने 19 मार्च को 57 ऑफिस ऑर्डर्स निकाले, लेकिन अब तक यह बात किसी को मालूम नहीं है कि यह ऑफिस ऑर्डर्स किस मामले में निकाले गए थे। इस मामले में निगम के आला अधिकारियों से इस मामले में जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी है।