-एचआरडी मंत्रालय ने अंतिम मसौदे पर लगाई मुहर
टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
प्रस्तावित नई शिक्षा नए साल में लागू हो जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे चालू साल से लागू करने का इरादा टाल दिया है। इसके लिए पहले कैबिनेट से मंजूरी मिलना जरूरी है। हालांकि मंत्रालय ने नई सरकार के गठन के बाद अपने सौ दिनों के काम के एजेंडे में इसे शामिल किया गया था। बता दें कि कुछ शुरूआती महीनों में इसपर तेजी भी दिखाई गई थीं। लेकिन बाद में मंत्रालय ने भी इस पर चुप्पी साध ली है।
ज्ञात हो कि प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 27 नवंबर बुधवार को अंतिम रूप दे दिया। इसके बावजूद इसे नए सत्र से ही लागू किया जा सकेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि नई शिक्षा नीति को अंतिम रुप देने का काम अभी चल रहा है।
31 मई को मंत्रालय को सौंपा प्रस्तावित मसौदा :
प्रस्तावित शिक्षा नीति के मसौदे को इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली टीम ने तैयार किया है। जिसे नई सरकार के गठन के बाद 31 मई को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा गया था। बाद में इस प्रस्ताव पर सुझाव लिए गए थे। इस पर आए करीब 2 लाख सुझावों के बाद अंमित रूप दिया गया है।
प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक में बदलावः
प्रस्तावित शिक्षा नीति के मसौदे में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक बदलाव के सुझाव दिए गए हैं। प्राथमिक शिक्षा के ढांचे को बदलने की सिफारिश की गई है। उच्च शिक्षा में भारत को नालंदा और तक्षशिला जैस उच्च स्तर पर ले जाने का रोडमैप तैयार किया गया है। इसके तहत उच्च शिक्षा के ग्रास एनरोल्मेंट रेशियो (जीएआर) को 26 से बढ़ाकर 50 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।