यूजीसी की लापरवाही…पढ़ाई से वंचित हो रहे इग्नू के प्राइवेट स्टडीज सेंटर्स के छात्र

-यूजीसी ने इग्नू को जारी नहीं कीं भारत सरकार की गाइड लाइंस
-पढ़ाई के साथ स्टडी सेंटर्स में काम करने वालों पर भी पड़ रहा असर

टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की लापरवाही का खामियाजा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से संबंधित प्राइवेट स्टडी सेंटर्स और इनमें पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को चुकाना पड़ रहा है। भारत सरकार ने 6 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को निर्देश जारी किए थे कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) को यूजीसी ओडीएल (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निग) के गाईडलाइंस से बाहर रखा जाए। इन गाइडलाइंस के तहत इग्नू से संबद्ध स्टडी सेंटर्स केवल सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान में ही चलाए सकते हैं। यह दिशानिर्देश सभी विश्वविद्यालयों के लिए जारी किए गए थे। लेकिन भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय (एचआरडी मिनिस्ट्री) ने 6 जून को यूजीसी को आदेश जारी किए थे कि इग्नू को इन गाइडलाइंस से बाहर रखा जाए और इसकी लिखित सूचना इग्नू और संबंधित संस्थानों को तुरंत भेज दी जाए।
बेरोजगारी के कगार पर लोग
यूजीसी के संबंधित अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इस आदेश की लिखित सूचना इग्नू को अभी तक जारी नहीं की गई है। इसके चलते इग्नू के प्राइवेट स्टडी सेंटर्स से स्टडी कर रहे छात्रों को समय और पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्राइवेट स्टडी सेंटर्स में काम करने वाले लोगों का कहना है कि वह बेरोजगारी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
लोगों में बढ़ रही नाराजगी
यूजीसी के अधिकारियों के लापरवाह रवैये को लेकर इग्नू के प्राइवेट स्टडी सेंटर्स में काम कर रहे लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। इनकी मांग हैं कि ओडीएल गाइड लाइंस से इग्नू को बाहर रखने की सूचना यूजीसी द्वारा इग्नू को लिखित आदेश अतिशीघ्र भेजा जाए। ताकि इग्नू के प्राइवेट सेंटर्स के जरिए स्टडी कर रहे छात्रों को पढ़ाई में कोई नुकसानद नहीं उठाना पड़े।