मौलाना साद के खिलाफ हत्या का केस, तलाश में दिल्ली-यूपी में छापेमारी

-ससुराल और गृह प्रदेश में दिल्ली पुलिस ने की छापेमारी
-दोषी साबित हुए तो मिल सकती है आजीवन कारावास की सजा

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली-सहारनपुर
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद कांधलवी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तारी के लिए मौलाना की तलाश में सहारनपुर, शामली और कांधला आदि इलाकों में छापेमारी की है। पुलिस यह कार्रवाई मौलाना की क्वारंटाइन की अवधि समाप्त होने के बाद की है। पुलिस ने मौदाना के चार नजदीकी लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का शिकंजा कसा है। इनमें से तीन मौलाना और एक व्यक्ति एक मौलाना का बेटा है। जांच में यह बात सामने आई है कि यह चारों लोग फरवरी 2020 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। इसके बाद चारों दिल्ली के मरकज की जमात में शामिल हुए थे। लेकिन चारों ने यह बात पुलिस से छिपाई थी।
मौलाना साद की ससुराल पक्ष के दो रिश्तेदार कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि बहुत पहले ही मौलाना अपना दिल्ली का घर छोड़कर छिपते हुए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर चला गया था। मौलवी को आखिरी बार 28 मार्च को दिल्ली में देखा गया था। बाद में एक ऑडियो संदेश के जरिए उसने खुद के क्वारंटाइन में होने का दावा किया था। कानून विशेषज्ञ के मुताबिक धारा 304 के अनुसार दोषी ठहराए जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है। इस सजा को 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
इससे पहले मौलाना साद के खिलाफ ऐसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जो कि जमानती थीं। लेकिन अब एफआईआर में धारा 304 शामिल होने के बाद साद के लिए जमानत पाना आसान नहीं होगा। अधिवक्ता अमित राघव का कहना है कि यह धारा 304 हत्या के किसी भी मामले के बाद दूसरी सबसे बड़ी धारा के रूप में समझी जा सकती है। इसके तहत किसी की मौत का इरादा तो नहीं था लेकिन व्यक्ति ने ऐसा काम कर दिया जो इतना जयादा खतरनाक बन गया कि उससे किसी की जान चली गई। हालांकि यह मामला तो ऐसा है जिसमें बहुत से लोगों की जान जा चुकी है। केवल इतना ही नहीं मौलाना के काम से पूरे समाज और देश के लोगों के ऊपर जान का खतरा आ गया।
अधिवक्ता मदन लाल गुप्ता का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है। मौलाना अभी तक गिरफ्तार भी नहीं हो पाया है। गिरफ्तारी के बाद या जांच के किसी भी चरण में यदि ऐसा पाया जाता है कि साजिश में उनकी भूमिका या अपराध बहुत ज्यादा जघन्य है। तो चार्जशीट दाखिल करने से पहले कुछ और भी कड़ी धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। यदि आरोपी वर्तमान स्तर पर जांच में शामिल नहीं होते हैं और फरार रहते हैं तो यह अपराध को और भी बड़ा करने वाली परिस्थिति होगी।
धारा 304 नहीं, धारा 302 का है मामलाः कानून विशेषज्ञ
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जांच के दौरान किसी भी स्तर पर अपराध और भी गंभीर पाया जाता है या कोई बड़ी साजिश सामने आती है तो दिल्ली पुलिस मामले में और भी कड़ी धाराएं जोड़ने के लिए स्वतंत्र है। दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 को एफआई आर में जोड़ा है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा है कि यह मामला आईपीसी की धारा 304 का नहीं बल्कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 का एक स्पष्ट मामला है। तबलीगी जमात के लोगों ने मार्च में हुए कार्यक्रम में घोर आपराधिक लापरवाही की है। वह देशभर में कोरोना पॉजिटिव लोगों की बड़ी संख्या के लिए जिम्मेदार हैं। वे जानते थे कि उनके इस कार्य से संक्रमण फैल जाएगा, जिससे काफी मौतें होने की संभावना है। इसके बावजूद उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया और बाद में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और जांच एजेंसियों के साथ असहयोग किया।
मौलाना के ससुराली कोरोना पॉजिटिव
सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिह ने बताया कि तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के दो रिश्तेदार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कोरोना वायरस से पॉजिअव पाए गए हैं। मौलाना साद के दो रिश्तेदारों के नमूनों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने थाना मण्डी क्षेत्र के मोहल्ला मुफ्ती इलाके को सील कर दिया है। यहां के अन्य 8 लोगों को भी क्वारंटाइन में रखा गया है।
मरकज में ठहरे थे दोनों
दोनों कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति मौलाना साद की ससुराल के हैं। लॉकडाउन से पहले दोनों मरकज मे ठहरे थे। दोनों हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। जिसके आधार पर इन दोनों और दो अन्य को क्वारंटाइन में रखा गया था। लेकिन जांच में दोनों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई तो उनका इलाज किया जा रहा है। प्रशासन इस बात की भी जांच कर रहा है कि ये लोग किन-किन लोगों के संपर्क में रहे। सूत्रों का कहना है कि पुलिस इस पहलू के लिहाज से भी जांच कर रही है कि कहीं दोनों मौलाना साद के साथ ही तो दिल्ली से सहारनपुर नहीं आए थे।