मोदी ने किया एक्सपोज…एनआरसी अफवाह गिरोह

-सीएए पर झूठ बोल रहे कांग्रेस सहित विरोधी दलः मोदी
-नागरिकता छीनने नहीं देने का बिल लाई सरकारः पीएम

हीरेन्द्र सिंह राठौड/ नई दिल्ली
पिछले एक सप्ताह से देश भर में विरोध का केंद्र बने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट और नागरिकता रजिस्टर के मामले पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बोले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल और कुछ अर्बन नक्सली नागरिकता कानून पर झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिटिजनशिप अमेेंडमेंट एक्ट किसी की नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का कानून है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं। वह लोग भ्रमित कर रहे हैं, भावनाओं को भड़का रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूं। भ्रम फैलाने वाले झूठ बोलने वालों से पूछना चाहता हूं, क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कालोनियों को पास करने का काम किया तो क्या हमने उनसे पूछा था कि उनका धर्म कया है, आप किसको वोट देते हैं, किस पार्टी के समर्थक हैं। क्या हमने किसी से कोई सबूत मांगा था? कालोनियां पास होने का लाभ हिंदुओं, मुसलमानों, सिख व ईसाई आदि सभी भाई बहनों को मिला, जो लोग यहां रहते हैं उन सबको इसका लाभ मिला। हम सबका साथ सबका विकास मंत्र को समर्पित हैं।
अक्ल दी हो तो उपयोग करेंः
प्रधानमंत्री ने विरोधी दलों के नेताओं की समझ पर तंज कसते हुए कहा कि अगर भगवान ने उन्हों थोड़ी सी भी अक्ल दी हो तो उसका उपयोग करें। सरकार ने दो बिल पास किए। एक में दिल्ली के 40 लाख लोगों को अधिकार दिए हैं, तो फिर यह लोग झूठ क्यों फैला रहे हैं कि मैं अधिकार छीन रहा हूं। जो झूठ बोलने वाले हैं उनको चुनौती देता हूं कि मेरे काम की पड़ताल करो, कहीं दूर दूर तक भेदभाव की बू आती है तो देश के सामने लाकर रख दीजिए।
सरकारी योजनाओं में नहीं पूछा धर्म और जातिः
पीएम मोदी विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मैं एक-एक करके बताना चाहता हूं, आज मैं देश को बता देता हूं। जब हमने उज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया तब क्या हमने किसी से धर्म या जाति पूछी थी? क्या हमने उनसे 70-75 का सबूत मांगा था। मैं उन राजनीतिक दलों से पूछना चाहता हूं कि आप देश की जनता से क्यों झूठ बोल रहे हो? क्यों उन्हें भटका रहे हो? आज भी हमारा संकल्प है कि उज्वला योजना का लाभ आगे भी पहुंचाएंगे। कोई बाकी नहीं रहेगा। पिछले पांच साल में हमारी सरकार ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों के घर बनाए। हमने एक को भी नहीं पूछा कि आपका धर्म क्या है? जाति क्या है? फिर क्यों कुछ लोग झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। जो लोग कागज और सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि उज्वला, मुफ्त बिजली कनेक्शन के लिए सरकार की ओर से लोगों तक पहुंचने के लिए प्रयास किया गया। हमने लोगों का धर्म या जाति जानने की कभी कोशिश नहीं की। फिर क्यों हमारे उपर आरोप लगाए जा रहे हैं।
भारतीय हिंदू या मुसलमान से नहीं वास्ताः
पीएम मोदी ने आगे कहा कि सीएए भारत के किसी भी नागरिक के लिए चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, उनके लिए है ही नहीं। देश के अंदर 130 करोड़ लोगों का इस कानून से कोई वास्ता नहीं है। एनआरसी का विवाद खूब चलाया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि यह कानून कांग्रेस ने बनाया था तब सोए थे क्या? हमने बनाया नहीं, संसद में आया नहीं लेकिन हौवा खड़ा किया जा रहा है। इसी सत्र में हम एक कानून आपको मालिक बनाने के लिए बनाया जा रहा है तो दूसरा कानून अपको निकालने के लिए बनाएंगे क्या?
मोदी ने दिया कौए का उदाहरणः
पीएम मोदी ने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को जमकर धोया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वालों व उनके साथियों ने कहा कि कौवा कान काटकर उड़ गया। कुछ लोग कौवे के पीछे भागने लगे, लेकिन पहले अपना कान तो देख लो कि कावे ने काटा भी है या नहीं। पीएम ने कहा कि कहीं पर भी एनआसी शब्द पर चर्चा नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो यह काम हमें आसाम के लिए करना पड़ा। कांग्रेस व उसके साथी शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली या कहें कि अर्बन नक्सली यह अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंसन सेंटर में भेज दिया जाएगा। पढ़े लिखे लोग पूछ रहे हैं कि यह डिटेंसन सेंटर क्या होता है। केवल झूठ फैलाया जा रहा है। एक बार पढ़ लीजिए कि संविधान संशोधन और एनआरसी क्या हैं। कांग्रेस व अर्बन नक्सिलियों द्वारा फैलाई जा रही डिटेंसन सेंटर की अफवाह झूठ है।
कानून से परेशान न हों हिंदुस्तानी मुसलमानः
जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान हैं। उन पर नागरिकता कानून और एनआसी दोनों का कोई लेना-देना नहीं है। देश के मुसलमानों को किसी डिटेंसन सेंटर में नहीं भेजा जा रहा है और न ही कोई डिटेंसन सेंटर बना है। कुछ लोग सीएए को गरीबों के खिलाफ बता रहे हैं। कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वह यहां के गरीबों का हक छीन लेंगे। मैं बताना चाहता हूं कि यह एक्ट उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में रह रहे हैं। किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। बांगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जिनके साथ धर्म के आधार पर प्रताड़ना हुई तो वह भारत आ गए। उनके लिए यह कानून बनाया गया है।
मोदी ने कहा कि कुछ दलित नेता भी बिना कुछ सोचे-समझे विरोध में कूद गए हैं। पाकिस्तान से आए ज्यादातर शरणार्थी दलित परिवारों से हैं। आज भी पाकिस्तान में दलित भाईयों को पाकिस्तान में चाय पीन पर चाय के साथ बर्तन का पैसा भी देना होता है। उनकी बेटियों को जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर उनका निकाह कराया जाता है। यह इसलिए कि आपकी पूजा पद्धति अलग है उनकी अलग है। वह लोग बरसों से हमारे बीच देश के अलग अलग हिस्सों में रह रहे हैं।
गंवाया पाकिस्तान को बेनकाब करने का मौकाः
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने झूठ की वजह से पाकिस्तान को बेनकाब करने का बड़ा मौका गंवा दिया है। इस कानून के जरिए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की कितनी खराब स्थिति है, उसे सारी दुनिया के सामने रखा जा सकता था। विरोधियों ने झूठ फैलाकर इस मौके को गंवा दिया। दलित राजनीति करने वालों से पूछना चाहता हूं कि आज तक वह चुप क्यों रहे। मोदी सरकार यह काम कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं।
दिल्ली में ही मजनूं का टीला में एक बिटिया का जन्म हुआ, उस बिटिया का नाम उन्होंने नागरिकता रख दिया। मैं हुड़दंग मचाने और रिमोट कंट्रोल से राजनीति करने वालों से पूछना चाहता हूं कि बिटिया नागरिकता की जिंदगी आसान होती है, गरीबों और जरूरतमंदों का जीवन आसान होता है तो आपके पेट में दर्द क्यों होता है?
शरणार्थियों और घुसपैठियों में फर्कः
प्रधानमंत्री ने कहा कि घुसपैठियों और शरणार्थियों में बहुत फर्क होता है। जो घुसपैठिया है वह इंटरव्यू नहीं देता, पुलिस को नहीं बताता, अधिकारियों से नहीं कहता। वह आकर छिप जाता है और एजेंटों को अपनी मजदूरी का हिस्सा देता है। ऐसे ही बहुत से घुसपैठिये आज बाहर निकल कर उत्पात मचा रहे हैं। दिल्ली का कोई हिस्सा नहीं जहां बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए लोगों के आंसू नहीं गिरे हों। सीएए कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं नागरिकता देने का कानून है।
महात्मा गांधी की सोच के अनुरूपः
पीएम मोदी ने कहा कि सीएए में दी गई रियायत मोदी की सोच नहीं है। यह महात्मा गांधी की सोच के अनुरूप है। जो गांधी जी के सरनेम का फायदा उठा रहे हैं वह मोदी को मानें या नहीं मानें पर गांधी को तो मानो। गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिखों को जब लगे कि उन्हें वहां परेशानी हो रही है और उन्हें भारत आना चाहिए, तो उनका भारत में स्वागत है। आज से 70 साल पहले जो वायदा किया गया था उसी वायदे को हम निभा रहे हैं। एनडीए सरकार उसी वायदे को पूरा कर रही है। फिर उसका विरोध क्यों किया जा रहा है। आपने वह वायदा नहीं निभाया, हमने निभाया है।
ममता बनर्जी पर सीधा हमलाः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दीदी तो सीधी कोलकाता से संयुक्त राष्ट्र संघ पहुंच गईं। कुछ साल पहले संसद में खड़े होकर गुहार लगा रही थीं कि घुसपैठियों को रोका जाए, पीड़ितों को मदद की जाए। बांगलादेशियों के खिलाफ थीं दीदी। दीदी अब आपको क्या हो गया, क्यों बदल गईं, आप क्यों अफवाह फैला रही हो। चुनाव आते हैं जाते हैं। आप डरी हुई क्यों हैं, बंगाल के नागरिकों को आपने दुश्मन क्यों मान लिया है, उनके उपर भरोसा करो। जिन वामपंथियों को जनता नकार चुकी है, जो समाप्ति पर हैं, उसी के दिग्गज नेता प्रकाश कारत ने कहा था कि धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांगलादेश से आने वालों की मदद की जाए। आज उन्हीं लोगों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं। इनका असली चेहरा लोगों के सामने आ रहा है। देश की जनता के साथ उन्होंने उस समय सफेद झूठ बोला था।
साधा नीतीश पर निशानाः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट पर रविवार को पहली बार बोले, लेकिन जमकर बोले। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि हम अपने राज्य में सिटजनशिप अमेंडमेंट एक्ट लागू नहीं करेंगे। उन्होंने तंज किया कि उन्हें संविधान और कानून की जानकारी ही नहीं है। आपने संविधान की शपथ ली है। राष्ट्रगान पढ़ते हो। बयान देने से पहले अपने कानून के जानकारों से पूछ लेते कि क्या ऐसा किया जा सकता है। ताकि आपकी बेइज्जती नहीं हो। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह सिटिजनशिप अमेंडमेंट कानून को बिहार में लागू नहीं करेंगे।
पुलिसकर्मियों पर हमले की निंदाः
पीएम मोदी ने कहा कि झूठ फैलाने की वजह से बसें जलाई, मोटर साइकिल जलाई, गरीबों की झोंपड़ियां जलाई, मोदी से नफरत है तो मोदी को गाली दो, मोदी का पुतला जलाओ पर गरीबों की झोंपड़ियां मत जलाओ। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों को हमले किए जा रहे हैं? देश के लिए 35 हजार पुलिस वाले शहीद हुए। जब कोई संकट आता है तो यही पुलिस वाले बारिश, आंधी, तूफान नहीं देखता आपकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है। पिछले दिनों दिल्ली में मार्केट में आग लगी तो पुलिस वालों ने किसी का धर्म नहीं पूछा, जितना जिंदा लोगों को निकाल सकते थे, निकाल लिया और आप पुलिस पर हमला कर रहे हो। 60 साल पुरानी पार्टी के नेता उपदेश दे रहे हैं, लेकिन हिंसा छोड़ने को एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। पुलिस व निर्दोषों पर हो रहे हमलों में आपकी मौन सहमति है, यह देश देख रहा है। पुलिस का सम्मान होना चाहिए आदर होना चाहिए।
लगवाया विविधता में एकता-भारत की विशेषता का नाराः
पीएम मोदी रामलीला मैदान के मंच पर आते ही छा गए। उन्होंने माइक संभालते ही रैली में आए लोगों से विविधता में एकता-भारत की विशेषता के नारे लगवाए। वहीं सीएए के विरोधियों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संसद ने सिटिजनशिप एमेंडमेंट बिल पास किया। भारत की संसद ने लोकसभा और राज्यसभा ने आपके उज्जव भविष्य के लिए दलित पीड़ित लोगों के भविष्य के लिए पास किया है। आप खड़े होकर संसद, लोकसभा राज्यसभा का सम्मान कीजिए। जनता के द्वारा चुने गए सांसदों का सम्मान कीजिए। पूरी ताकत के साथ सम्मान कीजिए। आपके साथ मैं भी लोकतंत्र के मंदिर, वहां बैठे जनप्रतिनिधियों को प्रणाम करता हूं, सम्मान करता हूं उनका धन्यवाद करता हूं। दिल्ली में सरकार बनाने के बाद 1700 से ज्यादा कालोनियों के लोग शहीदों के स्मारक पर जाकर प्रणाम करके आ जाएं।
विरोधियों ने निकाला पुराना हथियारः
पीएम मोदी ने कहा कि झूठ फैलाने वाले दो तरह के लोग हैं। इनकी राजनीति दशकों तक वोट बैंक पर टिकी रही। दूसरे वह हैं जिन्हें सत्ता का लाभ मिला है, वह सोचते थे कि वह लोगों को जो बताएंगे उसे ही भारत का भाग्य मान लिया जाएगा। दोनों को आज देश की जनता ने नकार दिया है तो उन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है। उनका हथियार है लोगों को बांटो-भेदभाव करो और राजनीतिक इस्तेमाल करो।
मुस्लिम देशों में मिला समर्थन नहीं पच रहाः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस व दूसरे विरोधी दलों पर बौखलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी व उसके सहयोगी बौखलाए हुए हैं कि मोदी को मुस्लिम देशों में इतना समर्थन क्यों मिलता है? क्यों वह देश मोदी को इतना ज्यादा पसंद करते हैं। मैंने 2014 के इलेक्शन के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शपथ समारोह का न्योता दिया, खुद लाहौर चला गया। लेकिन हमें धोखा मिला। अब गल्फ और दूसरे मुस्लिम देशों के साथ भारत के संबध बहुत बेहतर हैं। आज भारत तमाम देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। फिलिस्तीन, ईरान, सउदी अरब, यूएई और जोर्डन के साथ बेहतर संबंध हुए हैं। अफगानिस्तान, मालदीव, बहरीन, यूएई जैसे देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है।
इसी का परिणाम है कि सउदी अरब में भारत से जाने वाले हज यात्रियों को दो लाख का कोटा दिया। पिछले पांच वर्षों में मुस्लिम देशों ने भारतीय कैदियों को सबसे ज्यादा छोड़ा है। सऊदी, कतर, बहरीन जैसे देशों ने भारत के जितने कैदी छोड़े उतने पहले कभी नहीं छोड़े। मैं खुद जब इन देशों में जाता हूं तो उनके प्रमुखों के साथ ही भारतीयों के बीच भी जाता हूं। बांगलादेश के साथ हमारे संबंध अच्छे हुए हैं। यह बातें कांग्रेस और उसके साथियों को पच नहीं रहीं। ऐसा ही चलता रहा तो भारत में उनके कारनामे, झूठ और अफवाहें व मुस्लिमों को डराने का काम नहीं चलेगा।
उनका टेप रिकॉर्ड नहीं हमारा ट्रैक रिकार्ड देखोः
पीएम मोदी ने कहा कि विरोधी दलों की परेशानी है कि मोदी पहले तो आ गया लेकिन दोबारा कैसे आ गया? इनकी साजिशों का नया दौर शुरू हुआ है। तीन तलाक ने इनकी टेंसन और बढ़ा दी है। मैं कहूंगा उनके टेप रिकार्ड को मत सुनो हमारे ट्रैक रिकार्ड को देखो। इनकी तमाम साजिशों के बावजूद आपका सेवक देश की एकता शांति और सदभावना के लिए जो भी बन पड़ेगा, पीछे नहीं हटेगा। कोई देशवासी देश को न झुकने देना चाहता है और न बंटने देना चाहता है। यह लोग पिछले 20 साल से मेरे पीछे पड़े हैं, मुझे मौत का सौदागर कहा। लेकिन आपने इन्हीं की वजह से मुझे इस स्थान तक पहुंचाया है।
मांगा सफाई का वचनः
पीएम मोदी ने रविवार को दिल्ली वालों के सामने एक मांग रखी। उन्होंने कहा कि मैं अनऑथराइज कालोनी के लोगों से कुछ मांगना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा आपसे आग्रह है कि आप दिल्ली के जिस भी इलाके में रहते हैं, वहां पर अगले एक हफ्ते तक जबरदस्त सफाई का अभियान शुरू किया जाए। 1 जनवरी यानी नए साल का स्वागत और ज्यादा साफ-सुथरी दिल्ली के रूप में किया जाए। सभी को मिलकर करना होगा। उसी तरह सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए भी अपने क्षेत्र में काम करना होगा। सभी आंदोलनकारियों से अहिंसा का रास्ता अपनाने का आग्रह करता हूं। यह देश और लोग हमारे हैं। हम सबका भविष्य जुड़ा हुआ है।