वामपंथी ट्रेड यूनियनों का भारत बंद… पश्चिम बंगाल-बिहार को छोड़ सब जगह मंद

-10 ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को बुलाया था भारत बंद
-भारतीय मजदूर संघ और जुड़े संगठन नहीं हुए शामिल

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
वामपंथी संगठनों द्वारा समर्थित भारत बंद का असर बुधवार को पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर कहीं और देखने को नहीं मिला। हालांकि इस बंद और विरोध प्रदर्शन में कुछ छात्र संगठन भी शामिल हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल के हावड़ा और बिहार के कुछ हिस्सों में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेनें रोगी गईं। दूसरी ओर भारतीय मजदूर संघ इस बंद से पूरी तरह से अलग है और इससे जुड़ें बैंकिंग व दूसरी ट्रेड एसोसिएशन इस बंद में शामिल नहीं हैं।
बताया जा रहा है कि इस बंद के समर्थन में देश भर में 60 छात्र संगठन, कुछ विश्वविद्यालय और कुछ किसान संगठन भी एकजुट हुए हैं। हालांकि उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में इस बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला। वामपंथी प्रभाव वाले बिहार और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भी यह बंद और विरोध प्रदर्शन केवल रस्म अदायगी बनकर रह गया। इस बंद का आयोजन केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और इन संगठनों की 17 सूत्रीय मांगों को लेकर किया गया है।
दूसरी ओर दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स ऑर्गनाइजेशन ने अपने आपको इस बंद से अलग रखा है। ऑर्गनाइजेशन के महामंत्री अश्विनी राणा ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ का औद्योगिक महासंघ नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स बुधवार की प्रस्तावित बैंक हड़ताल में शामिल नहीं है। राणा ने कहा कि यह एक राजनीतिक हड़ताल है। इसका बैंक कर्मचारियों के मुद्दों से कोई वास्ता नहीं है। बैंक कर्मचारियों की 9 यूनियनें एआईबीईए, एआईबीओए, आईएनबीओसी, आईएनएफईएफ और बीईएफआई ने ही 8 जनवरी की एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।