-पाकिस्तानी पीएम ने माना हिंदुस्तान के साथ रिश्ते खराब होने से नुकसान उठा रहा पाकिस्तान
-आटा 70 रूपये तो 80 रूपये किलो हुए शक्कर के दाम, बीते पांच माह में तेजी से बढ़ी महंगाई
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
एजेंसियां/ दावोस/ कराची
महंगाई की वजह से पाकिस्तान में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। कंगाली की हालत में पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वीकार कर लिया है कि हिंदुस्तान के साथ दुश्मनी के चलते उनके देश को कितना नुकसान उठाना पड़ रहा है। इमरान ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ रिश्ते ठीक होने के बाद दुनिया को पाकिस्तान की आर्थिक क्षमता का पता चलेगा। बता दें कि पाकिस्तान में पिछले पांच महीनों में आटे के दाम 43 रूपये से बढ़कर 70 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। दूसरी जरूरी चीजों के दामों में भी तेजी से इजाफा हुआ है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में इमरान खान ने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्ते सामान्य होने पर क्षेत्र में व्यापार की संभावनाओं में तेजी से बढ़ोतरी होगी। पांच महीने पहले पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले के बाद भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को कम कर दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान में महंगाई की मार तेजी से बढ़ी है।
इमरान ने कहा कि शांति स्थापना के बिना आर्थिक प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ ही नहीं ईरान के साथ भी अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैं। दोनों के साथ बातचीत के जरिए सभी समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। वहीं इमरान खान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका सहित दुनिया भर के देशों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की अपील की। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार संपन्न दो पड़ोसी युद्ध के मुहाने पर पहुंच जाएं, उससे पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय को काम करना चाहिए।
इमरान खान ने पाकिस्तान में बदहाल प्रशासनिक व्यवस्था का जिक्र भी किया। उन्होंन कहा कि अगर उनके देश में प्रशासन सही रास्ते पर आ जाए तो आधी से ज्यादा समस्याएं सुलझ जाएंगी। पूर्व में खराब प्रशासनिक व्यवस्था के चलते उनका देश अपनी आर्थिक क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाया।
15 रूपये में मिल रही नान रोटी
पाकिस्तान में टमाटर की किल्लत के बाद अब आटे और चीनी का संकट गहराता जा रहा है। बीते 5 महीने में ही आटे के दाम 43 रुपए से बढ़कर 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। होलसेल बाजारों और दुकानों से आटा गायब होने की वजह से रोटी, नान और पाव की कीमतों में भी भारी इजाफा हुआ है। हालात इतने खराब हैं कि लोगों को गेहूं के दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। आटा मिलों के बाहर भी लोगों की कतारें देखी जा रही हैं।
दाम बढ़ाने की मांगी इजाजत
पाकिस्तान में बेकरी, नान और रोटी बनाने वालों ने सरकार से 150 ग्राम की रोटी की कीमत 10 से बढ़ाकर 15 रुपए करने की इजाजत मांगी है। लेकिन सरकार ने तय कीमत पर ही बेचने का फरमान जारी किया है। इसके चलते खैबर पख्तूनख्वा के नान बनाने वालों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि महंगा आटा खरीदने के बाद वे पहले वाली कीमतों पर नान और रोटी नहीं बेच सकते। बताया जा रहा है कि कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं।
गेहूं की किल्लत पर हो-हल्ला
पेशावर में 2013 में 170 ग्राम आटे के नान की कीमत 10 रुपए तय की गई थी। इसके बाद से दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। चक्की एसोसिएशन ने कहा है कि सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद नहीं की है। ऐसे में पुरानी दरों पर आटा बेचना संभव नहीं है। महंगा गेहूं खरीदने के अलावा उसकी सफाई और पिसाई से भी लागत बढ़ी है। बढ़ते खाद्य संकट को देखते हुए सरकार ने तीन लाख टन गेहूं के आयात को मंजूरी दी है। लेकिन पहली खेप 15 फरवरी तक पहुंच पाएगी।
इसके चलते पीएम इमरान खान विपक्षी दलों और अर्थशास्त्रियों के निशाने पर आ गए हैं। सरकार द्वारा कराए जा रहे गेहूं आयात फैसले की जांच की मांग उठाई है। उनका कहना है कि पाकिस्तान कृषि प्रधान देश है। पिछले साल के अंत तक गेहूं का निर्यात किया जा रहा था। फिर अचानक पाकिस्तान में गेहूं की किल्लत कैसे हो गई?