सीएए पर बदले जेडीयू के सुर… दिल्ली में चुनावी समझौते का असर

-बिहार विधानसभा में अब नहीं आएगा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव
-मुख्यमंत्री नीतीश करते रहे सीएए को लागू नहीं करने की घोषणा
-केसी त्यागी बोले राष्ट्रपति के आदेश के बाद लागू करना जरूरी

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
सियासी मैदान में कोई निर्णय स्थायी नहीं होता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब इसको लेकर बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के सुर बदल गए हैं। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में 144 याचिकाओं पर हुई सुनवाई के बाद केंद्र को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय मिला है। इसके साथ ही जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा है कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद हर राज्य को इस कानून को लागू करना जरूरी हो गया है।
केसी त्यागी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बिहार विधानसभा में कोई प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। जेडीयू नेता ने सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद कहा कि राष्ट्रपति के द्वारा जारी आदेश के बाद हर राज्य को इसे लागू करना ही होगा। हालांकि हमारा मानना यह है कि जो इससे सहमत नहीं हैं उनसे बात करनी चाहिए।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जेडीयू के बीच समझौता होने के बाद जेडीयू नेताओं के बयानों में यह बदलाव देखने को मिला है। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार कई बार सीएए को बिहार में लागू नहीं करने की बात करते रहे हैं। बीजेपी ने जेडीयू को दिल्ली में संगम विहार और बुराड़ी सीटें चुनावी समझौते के तहत दी हैं। इससे पहले नीतीश कुमार ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी।
शाह की बिहार यात्रा के बाद बदले जेडीयू के सुर
सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार की यात्रा की थी। इस दौरान नीतीश कुमार सहित जेडीयू के कई नेताओं के साथ उनकी मुलाकात हुई थी। इसी दौरान दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीटों से संबंधित समझौते और सीएए का विरोध नहीं करने का समझौता हुआ था। यही कारण है कि बीजेपी ने अपनी 57 उम्मीदवारों की पहली सूची में संगम विहार और बुराड़ी की सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की थी।
केरल पंजाब में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव
गौरतलब है कि केरल और पंजाब की विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किये जा चुके हैं। देश के कई हिस्सों में एक खास वर्ग के द्वारा सीएए का विरोध किया जा रहा है। हालांकि बीजेपी सहित कुछ दल और सामाजिक संगठन सीएए के समर्थन में सड़कों पर उतर रहे हैं। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध नहीं करेगी। उन्होंने मांग की कि देश में जाति के आधार पर जनगणना की जानी चाहिए।
सुनी जाए विरोधियों की बात
कानून विशेषज्ञ केटीएस तुलसी ने कहा कि इस मामले में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। सभी याचिकाओं का सुना जाना जरूरी है। कोई भी सरकार लोगों के लिए होती है। ऐसे में जो लोग इस कानून का विरोध रहे हैं उनके साथ भी बात की जानी चाहिए।