गंदा है पर धंधा है येः सट्टेबाजी पर टिका आईपीएल!

-इंडियन टी20 लीग में सट्टेबाजों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़
-देश से विदेश तक फैला आईपीएल में सट्टेबाजी का जाल
                                              पकड़े गए आरोपी

शक्ति राठौर / नई दिल्ली-वाराणसी
आईपीएल में सट्टेबाजी के बड़े नेटवर्क का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश में इंडियन टी20 लीग मैचों में सट्टेबाजों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। जिसमें यूपी एसटीएफ की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। वाराणसी से सट्टेबाजी गिरोह के तीन एजेंट और कानपुर से मुख्य बुकी समेत पांच आरोपी पकड़े गए हैं। इंडियन टी20 लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी करने वाले गिरोह पर यूपी एसटीएफ द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई। एसटीएफ की टीम ने वाराणसी और कानपुर में छापेमारी की। जिसमें कानपुर और वाराणसी में इंडियन टी20 लीग में हो रही सट्टेबाजी के तार आपस में जुड़े मिले। एसटीएफ ने वाराणसी से अशोक सिंह, सुनील पाल और विक्की खान को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि सट्टेबाजों के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हैं और जांच एजेंसियां इस विषय में आगे की कार्रवाई कर रही हैं।
दूसरी ओर वाराणसी में इंडियन टी20 लीग की सट्टेबाजी का प्रमुख एजेंट सुंदरपुर निवासी अजय सिंह मौके से फरार हो गया। वहीं, कानपुर से सट्टेबाजी गिरोह का सरगना जितेंद्र उर्फ जीतू सहित आशीष, सुमित, मोहित और हिमांशु गिरफ्तार हुए हैं। जांच में यह बात भी सामने आई है कि मुख्य बुकी जितेंद्र सट्टेबाजी का धंधा अजय सिंह को अपना एजेंट बना कर वाराणसी में चलाता था। वाराणसी में पकड़े गए सट्टेबाजों के पास से एसटीएफ ने 27.75 लाख रुपए और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उधर, कानपुर में पकड़े गए सट्टेबाजों के पास से 2.75 लाख रुपये, 5 लैपटॉप, 3 स्मार्ट टीवी, राऊटर, वाईफाई अडॉप्टर, 30 मोबाइल फोन और 375 यूएई दिरहम (विदेशी मुद्रा) बरामद हुए हैं। वहीं, फरार अजय की फॉर्च्यूनर और जीतू की मर्सिडीज कार भी पुलिस ने जब्त कर ली है।

                            बरामद कारें

ऐसे चल रहा था सट्टेबाजी का धंधा
यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार जितेंद्र ने बताया कि वह कानपुर में ही दो ऑनलाइन बेटिंग बॉक्स रखता था। हर बेटिंग बॉक्स से 10 बुकी माइक और स्पीकर के जरिए ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं। इस बॉक्स में बुकी की बातें भी रिकॉर्ड करने की व्यवस्था है। जितेंद्र के मुताबिक कभी-कभी सट्टा लगाने के दौरान विवाद की स्थिति में बुकी की रिकॉर्ड की गई बातों को सुनाकर मामले को सुलझाया जाता है। जितेंद्र ने लैपटॉप में ऑरेंज नामक ऑनलाइन एप डाउनलोड कर रखा था, जिससे उसे इंडियन टी20 लीग खेले जाने वाले हर खेल के भाव (रेट) की जानकारी होती थी। इसके बाद जितेंद्र प्रदेश भर में फैले अपने एजेंट को व्हाट्सएप के माध्यम से वॉयस कॉल कर के भाव की सूचना देता था। जितेंद्र के तार प्रदेश और देश के बाहर रायपुर, अजमेर, जयपुर, मुंबई, दिल्ली और दुबई के बुकीज से जुड़े है। वहीं, उत्तर प्रदेश में कानपुर, लखनऊ, फतेहपुर, वाराणसी, प्रयागराज आदि जिलों में भी जितेंद्र ने अपना जाल बिछा रखा है।

व्हाट्सएप कॉल से पुलिस को करते गुमराह
पुलिस के मुताबिक यह बुकी इतने शातिराना तरीके से सट्टेबाजी करते हैं कि इनकी आमदनी और फोन का कोई रिकॉर्ड नहीं मिल पाता है। सट्टेबाजी में मिलने वाले रुपये का लेनदेन यह गुप्त तरीके से करते हैं। सट्टेबाजी के लिए व्हाट्सएप से वॉयस कॉल का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि पुलिस द्वारा इन कॉल्स को आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सके। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक बुकी जितेंद्र ने यह काम कई सालों तक दुबई में रह कर किया है। भारत वापस आने के बाद जितेंद्र ने ऑनलाइन सट्टेबाजी का धंधा शुरू कर दिया था। सट्टेबाजी के पैसे से जीतू के मुंबई, कानपुर, लखनऊ, फतेहपुर में खरीदे हुए कई मकानों का भी ब्योरा पुलिस को मिला है।

छात्र-छात्राओं को निशाना बना रहे सट्टेबाजः
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के शुरू होते ही विभिन्न शहरों में सट्टा बाजार गरम हो गया है। आश्चर्य की बात है कि इस बार सटोरियों ने कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी अपना निषाना बनाना षुरू किया है। सटोरियों के टच में पुराने प्लेयर तो पहले से ही हैं। पैसे कमाने का शार्टकट बताकर छात्रों को इस खेल में फंसाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए पैरेंट्स को अलर्ट हो जाना चाहिए। वरना आपका बच्चा भी इस ’खेल’ में फंसकर बर्बाद हो सकता है। बता दें कि आईपीएल की शुरूआत से अब तक करीब दो दर्जन युवा (छात्र-छात्राएं) सट्टेबाजी के आरोप में पकड़े जा चुके हैं।

स्कूल और कॉलेज में एक्टिव गुर्गेः
सूत्र बताते हैं कि सटोरिये स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल के पास एक्टिव रहते हैं। ये लोग स्टूडेंट से दोस्ती कर उनको महंगे शौक की लत लगवा रहे हैं। ये स्टूडेंट के साथ रहकर सट्टा जीतने की बात करते हैं। उनको बताते हैं कि कितने कम पैसे लगाकर उन लोगों ने हजारों रुपये कमा लिए हैं। जो स्टूडेंट इनकी बातों में आ जाता है तो ये लोग खुद उनको उधार पैसे देकर सट्टा खिलाकर जिता देते हैं। जिससे स्टूडेंट इनके जाल में आसानी से फंस कर सट्टा खेलने लगता है।

क्लब, लॉज और पब में सट्टेबाजीः
कानपुर में जांच एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक शहर में करीब 35 से ज्यादा क्लब, लॉज और पब हैं। जिनमें सबसे ज्यादा युवा जाते हैं। वे वहां पर पार्टी के साथ नशाखोरी भी करते हैं। अब ये युवा सटोरियों के टारगेट पर हैं। सटोरियों के गुर्गे पार्टी में शामिल होकर इन लोगों को नशाखोरी करवाते हैं। इसके बाद वे इन लोगों को सट्टे की लत लगवाते हैं। इस धंधे में ज्यादातर धनवान वर्ग के बच्चों को फंसाने का टारगेट होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों को भी सट्टेबाजी की लत लगती जा रही है। ज्यादातर लॉउंज, क्लब और पब में जाने वाले युवाओं में 40 फीसदी लड़कियां होती हैं। ये अच्छे परिवारों से होती हैं। ये लड़कियां गलत संगत की वजह से सट्टा खेलने लगी हैं।

कैसी-कैसी सट्टेबाजारीः
एक सटोरिए के मुताबिक सट्टेबाजी कई तरह से चलाई जा रही है। केई अपनी पसंदीदा टीम पर सट्टा लगा रहा है तो कोई चौके-छक्कों पर। सेशन से लेकर प्लेयर और विकेट पर भी सट्टा लगाया जा रहा है। बता दें कि सबसे ज्यादा सट्टा मैच के स्कोर और सेशन पर लगाया जा रहा है। मैच के स्कोर के आखिरी दो नंबर पर सट्टा लगता है। मसलन किसी टीम ने 139 रन का स्कोर बनाया है और प्लेयर ने आखिरी नंबर 9 पर सट्टा लगाया है तो उसको जीतने पर नौ गुना रकम मिलती है। इसी तरह अगर उसने आखिरी दो नंबर 39 पर सट्टा लगाया है तो उसे जीतने पर 70 से 80 गुना रकम मिलती है। वहीं एक मैच में चार सेशन होते है। पहले दो सेशन पहले टीम के खेलते समय होता है। यह सेशन 10 ओवर तक चलता है। इसी तरह दूसरी टीम के खेलने के समय 5-5 ओवर का सेशन होता है। सेशन में हर गेंद में भाव बदलता है। इसमें प्लेयर जितना पैसा लगाता है। उसे जीतने पर दोगुना पैसा मिलता है।

मुंबई में पांच गिरफ्तार
आईपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी का धंधा जोरों पर है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के एक क्रिकेट मैच के लिए सट्टेबाजी आरोप में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कांदिवली में एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सट्टेबाजी राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच के लिए की जा रही थी। अधिकारियों के मुताबिक अपराध षाखा ने चरकोप स्थित एक मकान में छापा मारकर वहां पांच लोगों को वेबसाइटों और मोबाइल ऐप के जरिए सट्टा लगाते पकड़ा था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 26 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप सहित अन्य चीजें और 91,700 रुपये नकद बरामद किए। गिरोह का सरगना अब्दुल कादिर गफर चुटानी अंतरराष्ट्रीय बुकी के संपर्क में था।

प्रयागराज में नौ गिरफ्तार
प्रयागराज की अतरसुइया थाना पुलिस ने आईपीएल मैचों में ऑन लाइन सट्टेबाजी करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने मौके से नौ सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से तीन लाख 86 हजार 200 रुपये कैश, 20 मोबाइल, एक पावर बैंक, एक लैपटॉप और दो बाइकें बरामद की गई हैं। पुलिस ने मीरापुर इलाके में स्थित एक खाली प्लाट में पैसों का लेनदेन करते सट्टेबाजों को रंगेहाथ पकड़ा है। एसएसपी अतुल शर्मा के मुताबिक आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपियों में प्रयागराज निवासी अंकित जायसवाल, नितिन साहू, मोनू साहू, विवेक साहू, नवनीत राय, सिन्टू केसरवानी, सचिन अग्रहरि, कौशल सोनी और अयुर गुप्ता शामिल हैं।

ऐसे चलता गोरखधंधाः
पुलिस के मुताबिक आईपीएल की सट्टेबाजी करने वाले एक मोबाइल पर मुख्य लाइन लेकर मैच से संबंधित सट्टे का भाव लेकर अन्य सट्टेबाजों को दूसरी लाइन पर देकर सट्टेबाजी करते हैं। इस दौरान हर मोबाइल पर एक सट्टेबाज होता है। सट्टेबाज लैपटॉप और टीवी के द्वारा मैच का जायजा लेते रहते हैं। इसके अनुसार सट्टे का भाव निर्धारित किया जाता है।

जयपुर में 11 गिरफ्ता
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस ने आईपीएल के क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि गुजरात के वडोदरा शहर में सट्टा लगा रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव के मुताबिक जयपुर शहर में आईपीएल में सट्टे पर अंकुश लगाने के लिए की गई कार्रवाई के तहत मुहाना एवं चित्रकूट थाना क्षेत्रों में सट्टा लगाने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार कर करोड़ रूपये का हिसाब, 28 मोबाईल एवं सट्टा उपकरण बरामद किए गए हैं। मुहाना थाना क्षेत्र में केसर नगर चौराहा के पास एक नरेश धनवानी ने फ्लैट किराए पर ले रखा था जिसमें वह आईपीएल क्रिकेट मैच में सट्टेबाजी करवा रहा था। यहां से नरेश धनवानी (37) सुरेश चन्द शर्मा, योगेश(34) एवं रणजीत सिंह ( 26) गिरफ्तार किया। इनके पास से 14 मोबाईल, एक लैपटॉप, 6 चार्जर, एक एलईडी, 15,800 रूपये, केलकुलेटर एवं सट्टे के हिसाब किताब के रजिस्टर बरामद किए गए। सोनू उर्फ योगेश के खिलाफ पहले भी जयपुर में विभिन्न थानों में मारपीट, फायरिंग, आर्म्स एवं डकैती के प्रयास सहित कई प्रकरण दर्ज हैं। इसी तरह चित्रकूट थाना क्षेत्र के श्याम एनक्लेव में प्लॉट नम्बर बी-58, अर्पित नगर में सट्टा लगाते जयपुर के संजय खटीक (32), मनोज कुमार (30),महेश कुमार (32), अमित गर्ग (28), मीनाल बर्मन (21) एवं कमलेश गंगवाल (28) को गिरफ्तार करके उनसे 14 मोबाईल, एक एलईडी, एक सैट टॉप बॉक्स, तीन चार्जर एवं सट्टे के हिसाब किताब की पर्चियां बरामद कीं। गुजरात में वडोदरा के पाणीगेट क्षेत्र में अपराध शाखा की टीम ने वाघोडिया रोड पर डी मार्ट के निकट एक शूज के गोदाम से राहुल एस शेठ (40) को गिरफ्तार किया है।

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कोहली के हाथों विश्व कप की कमान
मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान कर दिया है। टीम की कप्तानी विराट कोहली के हाथों में सोंपी गई है। चौथे स्थान के लिए अंबाती रायडू को नहीं चुना गया। टीम में चौंकाने वाला नाम विजय शंकर का रहा। टीम इंडिया में चौथे नंबर के लिए अंबाती रायडू और विजय शंकर के बीच होड़ थी। चयन समिति ने रायडू पर शंकर को तरजीह दी। हालांकि, शंकर के पास सिर्फ नौ वनडे खेलने का ही अनुभव है, जबकि रायडू 55 वनडे खेल चुके हैं। टीम में उपकप्तान की जिम्मेदारी रोहित शर्मा को दी गई है।
भारतीय टीम इस प्रकार से हैः- विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), शिखर धवन, लोकेश राहुल, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), विजय शंकर, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी।