IMC ने की अस्पतालों में डाक्टर्स को सामान की खरीद-फरोख्त से दूर रखने की मांग

-उपराज्यपाल ने लिया संज्ञान, सभी अस्पतालों को पत्र लिखकर दिया आदेश

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 22 मई, 2023।
इंडियन मेडिकल कांग्रेस (IMC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रेम अग्रवाल (Dr. Prem Agarwal) ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG V.K.Saxena) को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों मैं चिकित्सा उपकरणों, स्टंट आदि जैसे उपकरणों की खरीद-फरोख्त के मामले में डॉक्टरों को अलग रखने की मांग की है। जिससे वह कुछ गलत डॉक्टरों के चलते सारी डॉक्टर बिरादरी बदनाम होने से बच सके। डॉ प्रेम अग्रवाल के पत्र को उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक स्तर के लोगों के पास भी भेजा गया है।
डॉ प्रेम अग्रवाल ने कहा कि पिछले दिनों सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर को सीबीआई ने इसी तरह के मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पूरी डॉक्टर बिरादरी पर उंगलियां उठी थी, जोकि अपने में बेहद पीड़ा जनक है। डॉ अग्रवाल ने कहा की सबसे बड़ी कमी हमारी व्यवस्था में पारदर्शिता की है। जिसे लाना होगा जब हमारी स्वदेशी कंपनियां स्टंट से लेकर अन्य चिकित्सा उपकरण बेहतर बना रही हैं, तब हम उन्हें क्यों नहीं प्रोत्साहित करते हुए सरकारी अस्पतालों में उनकी ही खरीद को अनिवार्य कर देते हैं?
हमें उनकी तरह तय करते हुए पर्याप्त मात्रा में मेडिकल स्टार्ट कर देना चाहिए जिससे इस तरह की घटनाओं पर अपने आप विराम लग जाएगा। डॉ प्रेम अग्रवाल ने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कोरोना के दौरान मरीजों को बचाते बचाते सैकड़ों डॉक्टरों की जान चली गई। लेकिन यह कहकर सभी डॉक्टरों को बदनाम किया गया कि अस्पतालों ने बड़े-बड़े बिल बनाकर हैवान का काम किया है। इस बात का जवाब कौन देगा कि अधिकांश डॉक्टर अस्पताल के मालिक नहीं कर्मचारी थे।
वही सरकारी अस्पताल के जिन डॉक्टरों की जान गई उनका क्या कसूर था? डॉ प्रेम अग्रवाल ने कहा हम एक बार यही मांग सरकार से करते हैं कि वह अपनी व्यवस्था को सुधारें, डॉक्टरों का काम उपचार करना है उनका उपयोग वही किया जाए। प्रशासनिक स्तर पर खरीद-फरोख्त से उन्हें दूर रखा जाए। जिससे वह बेवजह के बदनामी के दाग से बच सकें। कहा भी जाता है की एक मछली सारा तालाब गंदा करती है, इसलिए सरकार को डॉक्टरों के हित व सम्मान में कदम उठाने चाहिए।