दरियागंज में जोरों पर अवैध निर्माण… लगातार हो रहे हादसों से भी नहीं लिया जा रहा सबक!

-नजीर होटल-गीतांजलि सैलून के ऊपर डाला गया 5 वीं मंजिल का अवैध लेंटर

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली। 10 सितंबर, 2022
दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के चलते दिल्ली हादसों की राजधानी बनती जा रही है। शुक्रवार को पुरानी दिल्ली के सदर बाजार क्षेत्र में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत भरभराकर धराशायी हो गई। बताया जा रहा है कि इसकी पांचवीं मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा था। इसी तरह से सिटी सदर-पहाड़गंज जोन के तहत आने वाले दरियागंज इलाके में भी बड़े स्तर पर अवैध निर्माण को अंजाम देकर लोगों की जान मुश्किल में डाली जा रही है।
दरियागंज के नेताजी सुभाष मार्ग पर स्थित नजीर होटल- गीतांजलि सैलून की बिल्डिंग के ऊपर भी पांचवीं मंजिल का लैंटर डाला जा चुका है। गौरतलब है कि इसका कोई नक्शा पास नहीं है। इस अवैध निर्माण की जानकारी नगर निगम के भवन विभाग के नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी अधिकारियों को है। लेकिन शायद सदर बाजार जैसे ही किसी हादसे का इंतजार किया जा रहा है।
बता दें कि पुरानी दिल्ली में चल रहे अवैध निर्माणों की भेंट अब तक बहुत से लोग चढ़ चुके हैं। पिछले 16 जून को पहाड़गंज इलाके में एक इमारत इसी तरह से भरभराकर गिर गई थी। इससे पहले 14 मार्च को कश्मीरीगेट के चाबी गंज इलाके में एक अवैध रूप से बनाई जा रही बिल्डिंग गिर गई थी। इससे पूर्व सब्जी मंडी इलाके में भी अवैध निर्माण से एक निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी। जिसमें दो बच्चों की जान चली गई थी। अब दरियागंज इलाके में भी इसी तरह का अवैध निर्माण किया जा रहा है।
हो सकता है बड़ा हादसा
नजीर होटल- गीतांजलि सैलून की बिल्डिंग मेन रोड पर नेताजी सुभाष मार्ग पर स्थित है। इस बिल्डंग में चल रहे अवैध निर्माण की वजह से दर्जनों लोगों की जान हर समय मुश्किल में फंसी रहती है। कारण है कि यह भीड़भाड़ वाला इलाका है और यदि कोई हादसा होता है तो सैकड़ों लोग इसकी जद में आ सकते हैं। आश्चर्य की बात है कि जब से नगर निगम में स्पेशल ऑफिसर की व्यवस्था शुरू हुई है, तब से इस इलाके में अवैध निर्माण की बाढ आ गई है।
मोटी कमाई कर रहे इलाकाई जेई
बताया जा रहा है कि इलाके के भवन विभाग के जेई और दूसरे अधिकारी मोटी कमाई कर रहे हैं। पुरानी दिल्ली- दरियागंज इलाके में छोटे से एक लैंटर के अवैध निर्माण के लिए इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी 25 से 50 लाख रूपये तक वसूल रहे हैं। इसके चलते दूसरे अधिकारियों ने भी धड़ल्ले से चल रहे इस अवैध निर्माण से अपनी आंखें फेर रखी हैं।