‘‘मस्त करना है तो खुम मुंह से लगा दे साकी… तू पिलाएगा कहां तक मुझे पैमाने से’’ प्रतीक्षा खत्म… खुल गए मयखाने

-40 दिन के लॉकडाउन के बाद होगी अंगूर की बेटी से मुलाकात
-दिल्ली में खुलेंगी 450 शराब की दुकानें, रखनी होगी शारीरिक दूरी

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
‘‘निगाह-ए-साकी से पैहम छलक रही है शराब…पियो कि पीने-पिलाने की रात आई है’’ जी हां कुछ ऐसी ही हालत सुरा के शौकीनों की हो रही है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन का तीसरा चरण सोमवार 4 मई से शुरू हो रहा है। लंबे इंतजार के बाद मय के दीवानों की मुलाकात अंगूर की बेटी से होगी। और फिर शुरू होगा जाम से जाम टकराने का सिलसिला। जी हां कुछ इस तरह कि ‘‘मस्त करना है तो खुम मुंह से लगा दे साकी… तू पिलाएगा कहां तक मुझे पैमाने से’’। 40 दिन के दो लॉकडाउन के बाद केन्द्र सरकार ने तीसरे लॉकडाउन में कुछ छूट दी हैं। इस छूट में सरकार ने ग्रीन और ऑरेंन्ज के अलावा रेड जोन में भी शराब की दुकानें खोलने को मंजूरी दी है। इस फैसले के बाद सोमवार से दिल्ली में शराब और बीयर की 450 दुकानें खुलेंगी। यह वो दुकानें है जो कंटेटमेंट जोन में नहीं आती हैं।

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यह सभी शराब की दुकानें स्टैंडअलोन श्रेणी की हैं, जो मॉल में स्थित नहीं हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी दिल्ली शहर में 22 मार्च से बंद 450 दुकानें सोमवार से खुल जाएंगी। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शराब की कुल 545 दुकानें हैं। जिनमें मॉल और कंटेटमेंट ज़ोन के इलाके भी शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में स्टैंडअलोन शराब की दुकानों की सूची मांगी थी, जिनको शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी गई है।
सेमवार 4 मई से दो सप्ताह के लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है। इसमें गृह मंत्रालय ने शराब और तंबाकू की दुकानों को ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के साथ-साथ रेड जोन में भी खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि हॉटस्पॉट के अंदर आने वाले इलाकों में शराब के साथ ही किसी भी तरह ककी दुकानें नहीं खोली जाएंगी। ज्ञात हो कि राजधानी में अभी 96 कंटेनमेंट इलाके हैं और दिल्ली के सभी 11 जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है।

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गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने शनिवार को गृह मंत्रालय के मानदंडों को पूरा करने वाली एल-6 (सार्वजनिक क्षेत्र में शराब की खुदरा दुकानें) और एल-8 (सार्वजनिक क्षेत्र में देशी शराब की दुकानों) की सूची मांगी थी। इसके बाद इन दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। मॉल्स या मार्केट कॉम्पलेक्स में स्थित शराब और बीयर की दुकानों को खोलने की अनुमति फिलहाल नहीं दी गई है।

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वहीं लॉकडाउन 3.0 को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रविवार को गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके तहत उत्तर प्रदेश में रेड जोन के केवल हॉटस्पॉट को छोड़कर सभी जगह शराब की दुकानें खुलेंगी। सरकार ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में शराब और बीयर की दुकानें खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। ग्रीन व ऑरेंज जोन के साथ-साथ रेड में भी सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब की दुकानें खुली रहेंगी। रेड व ऑरेंज जोन में हॉटस्पॉट के साथ कन्टेनमेंट इलाकों में सभी दुकानें बंद रहेंगी। रेड जोन के हॉटस्पॉट में कोई दुकान नहीं खोली जा सकेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि जिन जिलों में जो हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट एरिया होगा उसके भीतर की सभी दुकानें बंद रहेंगी।
करना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
शराब की दुकानों पर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों का पालन करना होगा। लोगों को आपस में कम से कम दो गज की दूरी बनाकर खरीदारी करनी होगी। सभी लोगों को अपने मुंह पर मास्क लगाना आवश्यक होगा। मास्क नहीं होने पर गमछा या रूमाल को मुंह पर लपेटकर चलना होगा। इसके साथ ही शराब के दुकानदारों को भी तय दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

सोमवार से कंटेनमेंट जोन छोड़कर ये होंगे लागू
प्राइवेट गाड़ियां अधितकतम दो यात्रियों के साथ
दो पहिया गाडी पर केवल एक यात्री
प्राइवेट और सरकारी ऑफिस (अधिकतम 33 प्रतिशत कर्मियों के साथ)
घरेलू सहायक (7 बजे सुबह से 7 बजे शाम तक)
आईटी-आईटी इनेबल सर्विस, कॉल सेंटर्स (अधिकतम 33 फीसदी कर्मियों के साथ)
सरकारी कार्यालयों में उप सचिव के ऊपर के सभी अधिकारी
कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस फैसिलिटी
सिक्योरिटी गार्ड और स्वरोजगार वाले लोग
औद्योगिक क्षेत्र सीमित पहुंच के साथ
निर्माण कार्य, यदि कर्मी वहीं रहते हों तब
आवासीय परिसरों एवं मोहल्ले में सभी दुकानें
ई-कामर्स केवल जरूरी सामानों के लिए
कूड़ा प्रबंधन और पब्लिक यूटिलिटी में शामिल लोग
बैंक, बीमा, कोऑपरेटिव सोसाइटी और कैपिटल मार्केट
स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं, पुलिस
शराब की दुकानें

किसे अनुमति नहीं
साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा और टैक्सी-कैब
मेट्रो और बस सर्विस
होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमाहॉल, बार
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग
नाई की दुकान, स्पा, सैलून
पूजा, इबादत के स्थल
सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
सभी गैर जरूरी एक्टिविटी (7 बजे शाम से 7 बजे सुबह तक)

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दिल्ली सरकार की ओर से मीडिया को जारी बयान इस प्रकार से हैः-

दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की गाइड लाइंस का पालन करते हुए दिल्ली में कुछ गतिविधियों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे दिल्ली को रेड जोन घोषित किया है। केद्र सरकार की गाइड लाइंस का अध्ययन करने के बाद दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि मार्केट, माॅल और मार्केट काम्प्लेक्स बंद रहेंगे। जबकि स्टैंड अलोन शाॅप, नेवरहूड शाॅप और रेजिडेंशियल काम्प्लेक्स मे जो दुकानें हैं, वह खुलेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हमें कोरोना के बीच जीने की आदत डालने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। लिहाजा दिल्ली सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। लाॅक डाउन से पूरी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। लिहाजा, अब दिल्ली को खोलने का वक्त आ गया है। इसके लिए हम केंद्र सरकार से भी बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली के सभी मार्केट खुलेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि आज दूसरे लाॅकडाउन का आखिरी दिन है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि दो सप्ताह के लिए लाॅक डाउन को और बढ़ाया जा रहा है, लेकिन कुछ छूट दी जा रही है। उनमें से क्या छूट दी जा रही है और क्या नहीं दी जा रही है। इस पर दिल्ली सरकार ने पिछले दो दिन में काफी गहनता से सोच विचार किया है। केंद्र सरकार ने पूरी दिल्ली को रेड जोन घोषित किया हुआ है। रेड जोन में केंद्र सरकार ने जितनी भी छूट देने की अनुमति दी है, वह सभी छूट हम लोग दिल्ली के अंदर देने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा मानना है कि कोरोना को रोकने के लिए लाॅक डाउन को लागू करना बहुत जरूरी था। केंद्र सरकार ने 24 मार्च को लाॅकडाउन लागू किया, जो सही था। उस दौरान यदि हम लाॅक डाउन नहीं लागू करते तो आज देश के अंदर भयावह स्थिति हो सकती थी। क्योंकि उस समय देश कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं था। उस समय हमारे पास पीपीई किट्स नहीं थे, हमारे पास टेस्टिंग किट्स नहीं थे, अस्प्ताल तैयार नहीं थे, लोग तैयार नहीं थे और सोशल डिस्टेंसिंग का आइडिया नहीं था। अब डेढ़ महीने के बाद हमें लग रहा कि दिल्ली आज लाॅकडाउन खोलने के लिए तैयार है। केंद सरकार ने पूरी दिल्ली को रेड जोन में रखा है। अभी तक केंद्र सरकार से जितनी भी गाइड लाइंस आई, सभी अच्छी गाइड लाइंस आईं और हमने सबका पालन किया। लेकिन अब पूरे दिल्ली को रेड जोन घोषित कर देने से कई समस्याएं आ रही हैं। इससे आम जनता को बहुत बड़ी तकलीफ है। लोगों के रोजगार चले गए हैं। दुकानें और इंडस्ट्री बंद हैं, उससे बहुत सारे लोगों की नौकरियां जा रही हैं। लोग अब दिल्ली को छोड़ कर चले जाएंगे। इससे पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। इसे हम काफी दिनों तक बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। दूसरी तरफ, जब सारी अर्थ व्यवस्था बंद है, तो सरकार को राजस्व मिलना बंद हो गया है। हम तनख्वाह कहां से देंगे, सरकार कहां से चलेगी? राजस्व का आना बिल्कुल बंद हो गया है। अप्रैल में हर साल करीब 3500 करोड़ का राजस्व आता था। लेकिन इस बार सिर्फ 300 करोड़ का राजस्व आया है। इससे हम तनख्वाह भी नहीं दे सकते हैं। अर्थव्यवस्था का बड़ा संकट पैदा हो रहा है। मेरा मानना है कि लाॅक डाउन के समय का इस्तेमाल हमें कोरोना से लड़ने की तैयारी करने में करना चाहिए और हमने इसका भरपूर इस्तेमाल किया है। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि कोरोना जीरो हो जाएगा, कोरोना का एक भी मरीज नहीं होगा, आगे कोरोना कभी हो ही नहीं सकता है, ऐसा पूरी दुनिया में नहीं हो रहा है। यह संभव ही नहीं है। कोरोना आ गया है और कोरोना रहेगा। अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी। सरकारो ंको इससे लड़ने की तैयारी करनी पड़ेगी। देश को इसकी तैयारी करनी पड़ेगी। आज दिल्ली इसके लिए तैयार है। आज हमने इसके लिए पूरे उपाय कर लिए हैं। पर्याप्त अस्पतालों और टेस्टिंग व पीपीई किट्स आदि का इंतजाम कर लिया है। हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि दिल्ली में करीब 97 कंटेन्मेंट जोन हैं, उनको पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा। बाकी दिल्ली को ग्रीन कर दिया जाए और सभी मार्केट को खोल दिया जाए। मार्केट में चाहें तो आॅड ईवन कर दिया जाए। लेकिन अब दिल्ली को खोलने का समय आ गया है। हम इसके लिए तैयार हैं और केंद्र सरकार से इसके लिए बात भी कर रहे हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली के सभी मार्केट खुलेंगे और अर्थव्यवस्था खुलेगी। ऐसा होने से थोड़े केस बढेंगे, लेकिन जो केस बढ़ेंगे, उससे हम निपटने के लिए तैयार हैं। इस समय हमारा दो मुख्य मकसद है। पहला मकसद है कि किस तरह दिल्ली में होने वाली कोरोना से मौतों को कम किया जाए और हम अभी तक इसे कम करने में सफल रहे हैं। दूसरा यह है कि कैसे कोरोना को फैलने से रोका जाए। इसके लिए दिल्ली सरकार बहुत ज्यादा टेस्ट कर रही है। ताकि हमें पता चल सके कि कौन बीमार है, ताकि उसका इलाज कर घर भेज सकें। मैं उम्मीद करता हूं कि हम केंद्र सरकार को मनाने में भी सफल होंगे और लाॅकडाउन के समय में जो भी राहत दी गई है, उससे सभी लोगो को फायदा होगा।