I & FC CD-9: दर्ज होगी एफआईआर!

-सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का मामला
-मुश्किल में सीडी 9 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर
-कोर्ट में चली सीडी, दिल्ली पुलिस से एटीआर तलब

एटूजैड न्यूज /नई दिल्ली
दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और दूसरे अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आरटीआई में दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एटीआर फाइल करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि इस मामले में दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के सिविल डिवीजन-9 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और सहयोगी अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए जा सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 26 जून को होनी है।
आवेदक ब्रिजेश शुक्ला ने 5 दिसंबर, 2018 को सीडी-9 में आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी। इसके लिए उन्होंने 30 जनवरी, 2019 को आवश्यक शुल्क जमा करा दिया था। इसके बावजूद संबंधित जन सूचना अधिकारी/एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। आवेदक ने जनसूचना अधिकारी के खिलाफ अपील दायर की तो एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की ओर से आवेदक के घर पर अधूरे कागजता भेजकर दो तरह के दस्तावेजों के पत्रों पर आवेदक के नाबालिग पुत्र से हस्ताक्षर करवा लिए। यह सारा मामला आवेदक के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया।
इसके पश्चात आवेदक ने दिल्ली पुलिस में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और सहयोगी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की। लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद शिकायतकर्ता को अदालत की शरण लेनी पड़ी। लेकिन दिल्ली पुलिस से मामले में की गई कार्रवाई तलब करने से पहले सीएमएम देवेंद्र कुमार (कड़कड़डूमा कोर्ट) ने अपनी कोर्ट में पूरे मामले की सीडी को चलवाकर देखा। इसके पश्चात उन्होंने 13 मई को दिल्ली पुलिस से एटीआर तलब की है। शिकायतकर्ता ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और उनके सहयोगी अधिकारियों पर आरटीआई के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने और आवेदक के खिलाफ साजिश रचने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
शिकायतकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि दिल्ली पुलिस को आदेश दिया जाए कि वह सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एवं सहयोगी अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए। यदि एफआईआर दर्ज होती है तो वह गैर जमानती धाराओं में होगी।
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