ऑड-इवन पर आप-भाजपा में रार

-विजय गोयल ने बताया ऑड-इवन चुनावी स्टंट
-तिवारी बोले परिवहन व्यवस्था सुधारें केजरीवाल

टीम एटूजेड/नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार की ऑड-इवन व्यवस्था को लेकर बवाल शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार के इस फॉर्मूले के खिलाफ भाजपा नेता एकजुट हो गए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया तो दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल से पहले दिल्ली में परिवहन व्यवस्था को सुधारने की मांग की।
विजय गोयल ने कहा कि केजरीवाल ने पिछले 55 महीनों में प्रदूषण रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। अब अपनी कमियों को छुपाने के लिए एक बार फिर ऑड-ईवन लाकर राजनीतिक ड्रामा रच रहे हैं। जबकि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) और पर्यावरण संरक्षण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने भी दिल्ली में ऑड-ईवन को प्रदूषण का स्तर रोकने के लिए कारगर उपाय नहीं माना है। विजय गोयल ने आरोप लगाया कि केजरीवाल लुटियन जोन में कम प्रदूषण स्तर को दिखाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि लुटियन जोन नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अधिकार क्षेत्र में आती है।

विज्ञापनों के जरिये भ्रमित करने का प्रयास

दिल्ली सरकार द्वारा अखबारों में प्रकाशित झूठे आंकड़े दिखाते हुए विजय गोयल ने कहा कि केजरीवाल पीएम-2.5 के स्तर को 115 दिखा रहे हैं जबकि दिल्ली में पीएम-2.5 का स्तर 128 है। केजरीवाल दिल्ली के लुटियन क्षेत्रों का हवाला दे रहे हैं जहां पर प्रदूषण औसतन कम रहता है, जबकि दिल्ली के अधिकांश इलाकों में प्रदूषण स्तर इसके बिलकुल अलग है। केजरीवाल पीएम-10 के स्तर पर कोई बात न करके लोगां में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑड-ईवन के माध्यम से करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार किया जाता है और इससे लाभ होने की बजाये दिल्ली को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। पिछली बार ऑड-ईवन लागू होने पर एनजीटी ने दोपहिया वाहनों को छूट न करने की बात कही थी, ऐसी स्थिति में दिल्ली के पास वैकल्पिक संसाधनों का बेहद अभाव है। दिल्ली को 20 हजार बसों की जरूरत है, लेकिन डीटीसी की 3000 बसें ही उपलब्ध हैं और उनमें से अधिकांश की हालत खराब है।
दूसरी ओर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर मांग की कि पहले दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुधारा जाए। इसके बाद कोई दूसरा विकल्प तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की सड़कों को वैक्यूम क्लिनर से साफ करने, साइकिल और पैदल पथ बनाने जैसे वादे किये थे, लेकिन उन्होंने कोई भी वादा पूरा नहीं किया। इसके उलट ऑड-ईवन लागू करके दिल्ली के लोगों को परेशान करने और अपनी गलतियों को छुपाने का काम कर रहे हैं।
मनोज तिवारी ने कहा कि केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद 2014 से ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जंग शुरू कर दी थी। वह 2014 से दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिये काम कर रही है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण प्रदूषण में लगातार कमी आई है। जिससे पीएम-2.5 और पीएम-10 के स्तर में कमी आई है। बीएस-6 के पेट्रोल-डीजल वाहन की शुरूआत केन्द्र सरकार के अथक प्रयास से हुई। बीएस-6 वाहनों के लिए दिल्ली में पेट्रोल मिलना शुरू हो गया है। मोदी सरकार ने 135 किलो मीटर का ईस्टर्न पेरीफेरल वे (गाजियबाद, नोएडा फरीदाबाद, पलवल एवं कुंडली) एवं 135 किलो मीटर वेस्टर्न पेरीफेरल वे (कुंडली, बहादुरगढ़, गुरूग्राम, पलवल) का निर्माण किया और मेरठ एक्सप्रेस वे के एक चरण का निर्माण हो गया है और दूसरे चरण का भी अगले 4 महीनों में निर्माण पूरा हो जायेगा। एक्सप्रेस-वे बनने से दिल्ली में लगभग 60 हजार वाहन आना बंद हो गये हैं।