दिल्ली बीजेपी में बाहरी… विरोध शुरू भारी

-दूसरे दलों से बीजेपी में आए नेताओं का विरोध शुरू
-राजकुमार चौहान के खिलाफ जिले में घेराबंदी
-आप से आए नेताओं के विरोध की सुगबुगाहट

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आधिकारिक ऐलान के साथ ही दिल्ली भाजपा में बाहरी नेताओं का विरोध जोर पकड़ने लगा है। पार्टी के पुराने नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए नेताओं के विरोध पर उतर आए हैं। पार्टी में मंडल और जिला स्तर पर अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान को पार्टी में विरोध झेलना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि वह वापस कांग्रेस में जा सकते हैं। इसी तरह बिजवासन से आप विधायक रहे कर्नल सहरावत और गांधी से आप विधायक रहे अनिल वाजपेयी को भी पार्टी में स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। करावल नगर से आप विधायक और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को भी बीजेपी में स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही बीजेपी में टिकट के दावेदारों ने अपने-अपने आकाओं पर दबाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस से बीजेपी में आए राज कुमार चौहान चार मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं। वह कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहे थे। लेकिन उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव के मतदान से ठीक एक दिन पहले 11 मई 2019 को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी। अब विधानसभा चुनाव में वह मंगोलपुरी सीट से भाजपा के स्वाभाविक दावेदार हैं। इसी को लेकर पार्टी में खींचतान शुरू हो गई है। मंडल स्तर से शुरू हुआ विरोध अब जिला तक पहुंच गया है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले एक-दो दिन में कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी कार्यालय में चौहान के खिलाफ प्रदर्शन किया जा सकता है।
मिश्रा, सहरावत और वाजपेयी का विरोधः
आम आदमी पार्टी से आए कपिल मिश्रा, कर्नल सहरावत और अनिल वाजपेयी भाजपा के टिकट पर अपने-अपने इलाकों से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन पार्टी के पुराने नेता और स्वाभाविक दावेदार इनका विरोध कर रहे हैं। करावल नगर से बीजेपी के पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ट चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। वह पिछले छह माह में पूरे विधानसभा क्षेत्र की एक-एक गली में छह बार चक्कर लगा चुके हैं। दूसरी ओर कपिल मिश्रा ने भी मतदाता सूची लेकर करावल नगर से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में यदि बीजेपी कपिल मिश्रा को विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से उतारती है तो उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना होगा। दूसरी ओर इसका लाभ आम आदमी पार्टी को मिल सकता है।
बिजवासन सीट से भाजपा के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। इनमें से एक मंजीत लोचव भी हैं, जो कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और नेता हैं व पार्टी के टिकट पर नगर निगम का चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में कर्नल देवेंद्र सहरावत को बीजेपी चुनाव मैदान में उतारती है तो उन्हें भी यहां भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर गांधी नगर से आप विधायक अनिल वाजपेयी को भी यदि पार्टी चुनाव मैदान में उतारती है तो उन्हें पूर्व प्रत्याशी रमेश जैन के समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।