डीटीसी खस्ताहाल… केजरीवाल पर उठे सवाल!

-पांच साल में एक भी बस नहीं खरीद सकी दिल्ली सरकार!
-2020 तक 3 हजार बसें हो जाएंगी सड़कों से बाहर
-करीब 3700 बसें चल रही हैं दिल्ली की सड़कों पर
प्रवीन शंकर कपूर, प्रवक्ता, दिल्ली बीजेपी

टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
दिल्ली वाले फिलहाल ऑड-इवन की बंदिश झेल रहे हैं। कमर्शियल वाहनों के साथ दो पहिया वाहन इस बंदिश से बाहर हैं। यह बंदिश केवल उन वाहनों (कारों) पर है जो कि लोगों के द्वारा निजी तौर पर उपयोग किए जा रहे हैं। क्योंकि दिल्ली सरकार ने टैक्सी सेवा को भी इस बंदिश से बाहर रखा है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार डीटीसी के लिए पिछले पांच साल में एक भी नई बस नहीं खरीद पाई। यह खुलासा खुद दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने किया है। जिसकी वजह से लोगों को ऑड इवन के दौरान जाने-आने में भारी परेशानी हो रही है।
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीन शंकर कपूर ने बताया कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि सरकार ने फरवरी 2015 से 2019 तक एक भी बस नहीं खरीदी। प्रवीन शंकर कपूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पत्र लिखकर पूछा है कि वह बताएं कि अगले साल तक डीटीसी की कितनी बसें सड़कों पर चलने लायक रह जाएंगी? क्योंकि करीब 3 हजार बसों की समय सीमा अगले साल खत्म हो रही है। जिसके बाद इन बसों को डीटीसी को अनिवार्य रूप से सड़कों पर से हटाना पड़ेगा।
पिछली बार साल 2011 में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में डीटीसी के लिए बसों की खरीदारी की गई थी। इसके बाद से डीटीसी के लिए बसों की कोई खरीदारी नहीं की गई। प्रवीन शंकर कपूर का कहना है कि विशेषज्ञों की मानें तो बसों की उम्र 8 साल होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए बस निर्माता कंपनियों ने दिल्ली सरकार के साथ बसों के रखरखाव के लिए करार किया था।
प्रदूषण के मानकों के मुताबिक भी दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुरानी बसों को सड़कों पर नहीं चलाया जा सकता। इसी नियम के मुताबिक डीटीसी के बेड़े से अगले साल तक ज्यादातर बसें बाहर हो जाएंगी। इसके बाद डीटीसी की बसें दिल्ली में नाममात्र की रह जाएंगी। बीजेपी प्रवक्ता कपूर ने मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है कि उन्होंने प्रदूषण के नाम पर ऑड इवन तो लागू कर रखा है, लेकिन उन्होंने दिल्ली वालों को सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के तहत डीटीसी के लिए कितनी बसें खरीदी हैं? और अगले साल तक डीटीसी के बेड़े में कितनी बसें बाकी रह जाएंगी?