बीजेपी में पार्षदों को टिकट देने की चर्चा!

-पार्टी में चार दर्जन पार्षद टिकट के दावेदार
-तीन दर्जन पार्षदों को टिकट दिलाने की लॉबिंग

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर निगम पार्षदों को टिकट देने की चर्चा शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि पार्टी में एक गुट यह कहकर पार्षदों को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहा है कि 2017 में सभी सिटिंग पार्षदों के टिकट काटे गए थे। जबकि दूसरा गुट यह कहकर पार्षदों को टिकट दिए जाने की सिफारिश कर रहा है कि यदि कोई पार्षद चुनाव जीत सकता है तो फिर उसे टिकट दिया जाना चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्षदों को टिकट देने पर केंद्रीय नेतृत्व विचार कर सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी नेताओं से कहा है कि वह टिकट वितरण में जीत को प्राथमिकता दें। दूसरी ओर प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की टीम ने प्रदेश चुनाव समिति में चर्चा के बाद दावेदारों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है। बताया जा रहा है कि पार्टी के करीब चार दर्जन निगम पार्षद विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इनमें से करीब तीन दर्जन निगम पार्षदों के नाम विकल्प के तौर पर दावेदारों की सूची में भेजे गए हैं।
दक्षिणी दिल्ली में द्वारका विधानसभा सीट से मुकेश सूर्यान, मटियाला सीट से कमलजीत सहरावत, कस्तूरबा नगर से धर्मवीर सिंह, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय, मादीपुर से कैलाश सांकला व मेयर सुनीता कांगड़ा, जनकपुरी से नरेंद्र चावला, विकासपुरी से श्वेता सैनी, उत्तरी दिल्ली में करोलबाग से राजेश लावड़िया, शकूर बस्ती से पूर्व महापौर आदेश गुप्ता, चांदनी चौक से मेयर अवतार सिंह, रोहिणी से पूर्व महापौर प्रीति अग्रवाल, सदर से स्टेंडिंग कमेटी चेयरमैन जय प्रकाश, मनीष चौधरी रिठाला और पूर्वी दिल्ली में राजकुमार बल्लन, पूर्व महापौर बिपिन बिहारी व पूर्व स्टेंटिंग कमेटी चेयरमैन सत्यपाल सिंह भी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
पार्षदों को टिकट के लिए तैयार नहीं कई केंद्रीय नेता
बता दें कि भाजपा आलाकमान दिल्ली विधानसभा चुनाव में निगम पार्षदों को उतारने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पहले भी कह चुके हैं कि टिकट के लिए निगम पार्षदों के नामों पर विचार नहीं किया जाएगा। प्रदेश भाजपा प्रभारी श्याम जाजू और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने भी पिछले दिनों बयान दिया था कि पार्टी निगम पार्षदों के नामों पर विचार नहीं कर रही है। हालांकि दोनों नेताओं ने यह भी कहा था कि जीत की संभावनाओं पर जरूर विचार किया जाएगा।
नहीं मिलेगा टिकट!
चुनाव समिति के पास जिला और मंडलों की ओर से दावेदारों के रूप में निगम पार्षदों के नाम जरूर आए, लेकिन इनके ऊपर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा विचार किए जाने की कम उम्मीद है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बीजेपी निगम पार्षदों का उपयोग अपने उम्मीदवारों के चुनाव में व्यवस्था के लिए करेगी। कारण है कि नगर निगम की छवि ठीक नहीं है। ऐसे में यदि निगम पार्षदों को टिकट दिया गया या फिर उन्हें उम्मीदवारों के साथ सभी जगह चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया तो उनकी नकारात्मक छवि का असर पार्टी के चुनाव प्रचार पर भी पड़ सकता है। ऐसे में वर्तमान निगम पार्षदों के ऊपर ज्यादातर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी ही रहेगी।
सूची में शामिल किए पूर्व पार्षदों के नाम
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की चुनाव समिति ने अपने दावेदारों की सूची में करीब तीन दर्जन पूर्व निगम पार्षदों के नाम शामिल किए हैं। इनमें से कई पूर्व निगम पार्षदों को मजबूत उम्मीदवार के रूप में माना जा रहा है। इनमें प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया व रविंद्र गुप्ता, प्रवेश वाही, महेंद्र नागपाल, बीबी त्यागी संजय सुर्जन, मनोज त्यागी, जितेंद्र सिंह जीतू, लता गुप्ता, संजय जैन, प्रवीन जैन, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, राजेश गहलोत आदि के नाम शामिल हैं।