-हिमाचल प्रदेश बीजेपी के संगठन महामंत्री रहते कई नेताओं से रहे तल्ख रिश्ते
-पुलिस तक पहुंच चुके हैं हिमाचल बीजेपी के नेताओं के साथ विवाद के कई मामले
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 25 अप्रैल, 2023।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संगठन में ब़ड़े बदलाव करते हुए हिमांचल प्रदेश (Himanchal Pradesh) बीजेपी के संगठन महामंत्री रहे पवन राणा (Pawan Rana) को दिल्ली और दिल्ली के संगठन महामंत्री (Organizational General Sectary) रहे सिद्धार्थन (Sidharthan) को हिमाचल प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाया है। जानकारी में आया है कि दिल्ली के नये संगठन महामंत्री पवन राणा का विवादों के साथ पुराना नाता रहा है। वह पिछले कई वर्षों से हिमांचल बीजेपी के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभालते आ रहे थे। पवन राणा के ऊपर कई सरकारी कर्मचारियों को धमकाने का आरोप भी बड़ी संख्या में लगते रहे हैं।
बताया जा रहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान बीजेपी की राज्य इकाई के कई नेताओं के साथ विवाद हो चुके हैं। केवल इतना ही नहीं अपने कार्यकाल के दौरान पवन राणा अपनी कार्यप्रणाली के लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं और कार्यकर्ताओं के निशाने पर रहे हैं। हिमाचल सरकार में पूर्व मंत्री और ज्वालामुखी से विधायक रहे रमेश ध्वाला के साथ विवाद ने खूब तूल पक़ड़ा था।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पूर्व जिला कार्यवाह सुधीर शर्मा ने तो पवन राणा के ऊपर अपने खिलाफ एफआईआर करवाने का खुलेआम आरोप लगाया था। दरअसल उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस करके पवन राणा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाये थे। इसके पश्चात सुधीर शर्मा के खिलाफ चौपाल पुलिस थाना में एक एफआईआर करवाई गई थी। तब सुधीर शर्मा ने कहा था कि वह पवन राणा के खिलाफ बयान देना बंद कर दें।
पार्टी ने कारवाई करते हुए कर दिया था हिमाचल से दूर
हिमाचल प्रदेश में पवन राणा के खिलाफ बढ़ते विवादों के चलते दिसंबर 2020 में उन्हें हिमाचल प्रदेश से दूर करते हुए पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों का अतिरिक्त प्रभार देते हुए प्रदेश की राजनीति से अलग कर दिया गया था। इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश बीजेपी संगठन में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा था।
बढ़े विवादों के बीच बीजेपी ने गंवाई थी सत्ता
एक ओर हिमाचल प्रदेश में संगठन महामंत्री पवन राणा की कार्यप्रणाली को लेकर पार्टी संगठन में विवाद बढ़ते जा रहे थे, दूसरी ओर 2022 के विधानसभा चुनाव आ गये थे। तब आरएसएस के एक पूर्व जिला कार्यवाह सुधीर शर्मा ने सार्वजनिक घोषणा कर दी थी कि बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर हो जायेगी। हिमाचल बीजेपी के एक बड़े नेता का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी कांग्रेस की मजबूती के बजाय अपने भितरघात का शिकार हुई थी और इसमें तत्कालीन संगठपन महामंत्री पवन राणा भी जिम्मेदार थे।
दिल्ली की सत्ता में वापसी है बड़़ी चुनौती
पवन राणा अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हिमाचल प्रदेश में चर्चित रहे हैं और उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा है। दिल्ली में बीजेपी 1998 से सत्ता में (विधानसभा में) वापसी के लिए प्रयास कर रही है। 2022 में हुए दिल्ली नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के हाथ से निगम की सत्ता भी चली गई है। ऐसे यदि पवन राणा हिमाचल प्रदेश जैसी कार्यप्रणाली जारी रखते हैं और प्रदेश संगठन के नेताओं के साथ दूरियां बनती हैं तो बीजेपी के लिए विधानसभा और नगर निगम की सत्ता में वापसी करना मुश्किल होगा। हालांकि अभी 2024 का लोकसभा का चुनाव ही पार्टी के प्राथमिकता में है और यह चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे और नाम पर लड़ा जायेगा, अतः इसमें पवन राणा के योगदान को गिना नहीं जा सकता।