-अपने जानकारों की सेवा में जुटे रहते हैं मीडिया के लिए लगाए लोग
विजय कुमार/ नई दिल्ली,18 फरवरी, 2023।
अंधा बांटे रेवडी फिर-फिर अपनो को दे, यह कहावत डीडीसीए में पूरी तरह से फिट बैठती है। ऐसा हाल मीडिया को लेकर आरपी मेहरा ब्लाक (R P Mehra Block) के दूसरे तल पर देखा जा सकता है। जहां मीडिया को सुविधा-सहायता देने के नाम पर आयोजकों ने अपने चहेतो को तो वहां लगाया ही हुआ है, साथ में डीडीसीए (DDCA) के निदेशक गण भोजन से लेकर अन्य सुविधाएं लेने के लिए वहां समय-समय पर आते रहते है, या ये कहें कि डेरा जमाए हुए है। यह लोग मीडिया की सुविधा की बजाए परेशानी का सबब बने हुए है।
दिल्ली के फिरोज शाह कोटला अरुण जेटली स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। ऐसे में देश-विदेश से मैच कवर करने आने वाले पत्रकारों के लिए मीडिया बाॅक्स में 4 से 5 व्यक्तियों को हमेशा ही डीडीसीए तैनात करता रहा है। लेकिन इस बार मीडिया मैनेजर पीके सोनी के नेतृत्व में 4-5 नहीं, बल्कि 15 से 17 लोगों को लगाया गया है। पीके सोनी भले ही अपने काम में पूरे दिनभर जुटे दिखाई दे, मगर उनके अधिकतर साथी अपने दोस्तो व जानकारों को लंच, टी, ब्रेकफास्र्ट आदि करवाने में व्यस्त रहते हैं। यही नहीं यह लोग मीडिया बाॅक्स के साथ ही बने टीवी कमेंटेटरों के साथ फोटो लेने में मस्त रहते है। जिससे वहां मीडिया के लोगों को परेशानी का भी सामना करना पडता है। हांलाकि बीच-बीच में मीडिया मैनेजर पीके सोनी उन लोगों को फटकारते भी है। मगर उनके जाते ही यह लोग फिर से उसी काम में जुट जाते है। बताया यह भी जा रहा है कि ये लोग दूसरे लोगों के फोटो खिंचवाने के लिए पैसा भी लेते है। दूसरा इसी प्रैस बाॅक्स में आपको मैच के टिकट भी एक दूसरे को लेते देते देखा जा सकता है। वैसे मीडिया बाॅक्स में पहले से कम जगह हो गई है। मगर डीडीसीए अपने चहेतो को वहां भरने में कोई कमी नहीं कर रहा।
यहीं नहीं अगर इन लोगों से कोई जानकारी मीडिया से संबंधित मांगी जाती है तो उसका विवरण दिन के मैच समाप्त होने तक नहीं मिल पाता, हार कर मीडिया रिपोर्टरों को अपनी रिपोर्ट्स बिना तथ्यों के ही लिखनी पडती है। कुछ तो अपने दोस्तों व जानकारों के लिए सभी सुविधाएं भी दूसरे ब्लाकों में मुहैया करवाते रहते है।
हाल ही मैं हाई कोर्ट ने जब आरपी मेहरा ब्लाक में दर्शकों के बैठने की अनुमति मांगी गई थी। तो कोर्ट ने अधिक से अधिक तर 15 सौ लोगों के बैठने की लिमिट तय की थी। इसकी जानकारी भी डीडीसीए के पदाधिकारी देने में असमर्थ है। जबकि कोर्ट के आदेश से पूर्व ही वह बताते थे कि सभी टिकटे बिक चुके है। ऐसे में 1700 से घटाकर 15 सौ लोगों को कैसे बिठाया जा रहा है, यह समझ से परे है।