निगम अधिकारियों का झोल – फैक्ट्रियां चल रहीं सील खोल

-पूर्वी दिल्ली नगर निगम में जोरों पर अफसरों का भ्रष्टाचार
-दक्षिणी जोन में सील 38 में से 23 फैक्ट्रियां मिलीं चालू
-जोन चेयरमैन की पड़ताल में हुआ सनसनीखेज खुलासा

विकास चौहान/पूर्वी दिल्ली
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टचार चरम सीमा पर है। यहां के निगम अधिकारी सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर हैं और कुछ भी कर सकते हैं। अगर कोई फैक्ट्री सील हो गई है तो इन अधिकारियों की निगरानी में फैक्ट्रियों से सील हटाकर काम भी चालू किया जा सकता है। ऐसा ही सनसनीखेज मामला शाहदरा दक्षिणी जोन के चार वार्डो में सामने आया है। यहां सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति के आदेश पर पिछले साल सितंबर में सील की गई 38 फैक्ट्रियों में 23 चालू हालत में पाई गई हैं। इनकी सील भी तोड़ी जा चुकी थी। शाहदरा दक्षिणी जोन के डिप्टी चेयरमैन श्याम सुंदर अग्रवाल की पड़ताल में यह बात सामने आई है। इसके अलावा निगम मुख्यालय के असिस्टेंट कमिश्नर (फैक्ट्री) अनिल राय के औचक निरीक्षण में भी झील इलाके में एक 1100 गज के प्लॉट पर चार फैक्ट्रियां चलती हुई पाई गई। जबकि लाइसेंसिंग विभाग के इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक यहां कोई फैक्ट्री नहीं चल रही थी।

यमुनापार में हुईं थी 405 फक्ट्री सीलः
बता दें कि पिछले साल सितंबर-अक्टूबर और इस साल जनवरी-फरवरी में निगरानी समिति के आदेश पर पूर्वी दिल्ली निगम ने यमुनापार में 405 फैक्ट्रियों को सील कर दिया था। इन फैक्ट्रियों के लिए वर्षो पहले बवाना में प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं। इस वजह से नगर निगम ने पहले नोटिस जारी कर सभी फैक्ट्रियों को बवाना में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद ये फैक्ट्रियां यहां चल रही थीं। इस वजह से निगम ने सीलिग की कार्रवाई की, लेकिन दक्षिणी जोन के डिप्टी चेयरमैन श्याम सुंदर अग्रवाल के पास यह शिकायतें आ रही थीं कि सील तोड़कर कई फैक्ट्रियों में काम चल रहा है।
शिकायतें मिलने के बाद जून की तीसरे सप्ताह में श्याम सुंदर अग्रवाल ने शास्त्री पार्क, रघुबरपुरा, कांति नगर और कृष्णानगर में इन फैक्ट्रियों की पड़ताल करवाई। इनमें करीब 60 फीसद फैक्ट्रियां चालू पाई गई। पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि लाइसेंसिंग विभाग के इंस्पेक्टरों की मिलीभगत से इन फैक्ट्रियों से सील हटाई गई है। कुछ ऐसा ही मामला झील इलाके में भी सामने आया। गत सितंबर में लोगों ने शिकायत दी थी कि यहां 1100 गज के प्लॉट में चार फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं। निगम के इंस्पेक्टर ने दौरा किया और विभाग को दी रिपोर्ट में बताया कि यहां कोई फैक्ट्री नहीं चल रही। लेकिन गत 15 जून को निगम मुख्यालय के असिस्टेंट कमिश्नर ने यहां का दौरा किया तो चार फैक्ट्रियां चलती हुई पाई गईं। उन्होंने तुरंत इन फैक्ट्रियों का चालान कर दिया।

जिम्मेदार अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांगः
शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र के डिप्टी चेयरमैन श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि सील तुड़वाकर इन फैक्ट्रियों को चालू कराने के एवज में लाइसेंसिंग विभाग के इंस्पेक्टर अवैध उगाही कर रहे हैं। मैंने जोन उपायुक्त से पूरे मामले की जांच कर सभी दोषी इंस्पेक्टरों को बर्खास्त करने की मांग की है। इसके साथ जल्दी ही मैं इस मामले को लेकर निगरानी समिति के चेयरमैन से मुलाकात करूंगा।