कनॉट प्लेसः नो व्हीकल जोन – व्यापारियों में रोष

-वीकएंड पर एनडीएमसी की नो व्हीकल जोन की योजना
-ढाई साल पहले भी व्यापारियों ने किया था योजना का विरोध
-अधिकारियों ने शुरू की अवैध कब्जे कराने की कवायद

एसजेटी ब्यूरो/नई दिल्ली
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ने योजना तैयार की है कि वीक एंड पर कनॉट प्लेस के इनर सर्कल को गाड़ियों से मुक्त रखा जाए। यह योजना 30 जून 2019 से लागू हो रही है। लेकिन एनडीएमसी की इस योजना का यहां के व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। एनडीएमसी कनॉट प्लेस के इनर सर्किल को नो व्हीकल जोन बनाने की कवायद में जुटी है तो दूसरी ओर इसके विरोध में व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग उतर आया है। व्यापारिक संगठनों के नेताओं ने दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को पत्र भेजकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
जून के आखिरी सप्ताह की शुरूआत में कनॉट प्लेस के व्यापारियों के साथ एनडीएमसी के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में एनडीएमसी ने कनॉट प्लेस को दोबारा नो व्हीकल जोन बनाने पर चर्चा करते हुए व्यापारियों को पूरी योजना से अवगत कराया। इस मौके पर व्यापारियों ने कहा कि वह इस योजना से सहमत नहीं है। पार्किंग की व्यवस्था पर व्यापारियों ने एनडीएमसी के साथ सहमति जताई है।
पालिका बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गौर ने बताया कि नो व्हीकल जोन के ढांचे को एनडीएमसी अब तक तैयार नहीं कर सकी है। यह व्यवस्था लागू हुई तो कनॉट प्लेस पहुंचने वालों को हनुमान मंदिर, शिवाजी स्टेडियम, कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित पार्किंग में ही वाहनों को पार्क करना पड़ेगा। इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
दिनेश गौर ने कहा कि इन सर्किल में पैदल चलने के लिए फुटपाथ और सड़क भी है, जो 20 फुट का है। ऐसे में वाहनों की एंट्री बंद करने की जरूरत नहीं है। एनडीएमसी ने अगर नो व्हीकल जोन बनाया तो व्यापार चौपट हो जाएगा।

नो एंट्री से होंगे अवैध कब्जेः
व्यापारी नेताओं ने कहा कि पहले ही कनाट प्लेस के बरांडों और फुटपाथों पर अवैध कब्जे हो रखे हैं। यदि यहां वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई तो अवैध हाकर्स की संख्या बढ़ जाएगी और फुटपाथ पर अवैध कब्जे हो जाएंगे। इतना ही नहीं कनॉट प्लेस के आउटर सर्कल में वाहनों का दबाव बढ़ेगा जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होगी। बता दें कि ढाई साल पहले भी एनडीएमसी ने नो व्हीकल जोन बनाने की कवायद शुरू की थी। उस दौरान भी व्यापारियों ने इसका जमकर विरोध किया था। एक बार फिर यह जिन्न बाहर निकाला है। एनडीएमसी का कहना है इस संबंध में व्यापारियों से बातचीत की जा रही है।